तेलंगाना के वारंगल जिले में मंगलवार को हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे आतंकवाद के पांच आरोपियों को पुलिस ने मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों को अदालत में सुनवाई के लिए हैदराबाद लाया जा रहा था। इस दौरान रास्ते में पांचों ने भागने की कोशिश की, तो पुलिस ने इन पर गोलियां चला दी। यह घटना हैदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूर अलेर और जनगांव के बीच में घटी।
विकारुद्दीन अहमद और उसके चार साथी दो पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल थे। पांचों इस घटना में मारे गए। हैदराबाद में पुलिसकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया था। वे वारंगल केंद्रीय कारागार में बंद थे। यह घटना नलगोंडा जिले में हुई मुठभेड़ के बाद हुई है, जिसमें प्रतिबंधित संगठन, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के दो गुर्गों को मार गिराया गया था। इसमें एक पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया था।
तेलंगाना में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य असलम के परिजनों ने उसका शव लेने से इंकार कर दिया है। पिछले दिनों तेलंगाना के नलगोंडा में हुई पुलिस मुठभेड़ में सिमी सदस्य असलम और एजाजुद्दीन मारे गए थे। उनकी शिनाख्त के लिए मध्य प्रदेश से पुलिस का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा था। उसने मृतकों की पहचान सिमी सदस्यों के रूप में की।
खंडवा के पुलिस अधीक्षक एम.एस. सिकरवाड़ ने मंगलवार को बताया कि असलम खंडवा जिले का रहने वाला है। उसके परिजनों ने पुलिस को लिखित में दिया है कि वह उसका शव नहीं लेना चाहते। उल्लेखनयीय है कि खंडवा जेल से सिमी के सात सदस्य फरार हुए थे। मुठभेड़ में मारे गए असलम और एजाजुद्दीन उन्हीं सात सदस्यों में से थे।
.jpg)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें