अतिथि शिक्षको का टी.टी. नगर दशहरा मैदान में नौवे दिन भी आदोलन जारी । - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 अप्रैल 2015

अतिथि शिक्षको का टी.टी. नगर दशहरा मैदान में नौवे दिन भी आदोलन जारी ।

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भोपाल - नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर से आये अतिथि शिक्षको ने टी.टी. नगर दशहरा मैदान में नौवे दिन भी आदोलन जारी रखा। नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षक 28 मार्च 2014 से दशहरा मैदान में अनिष्चितकालीन धरना पर बैठै हुये है। धरना स्थल पर अतिथि शिक्षको की सुध लेने नौवे दिन भी कोई प्रशासनिक अधिकारी दशहरा मैदान नही पहुचा। अतिथि शिक्षको ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं विभागीय परीक्षा लेने की घोषणा कर चुके है। बावजूद इसके अफसर- शाही अतिथि शिक्षको के भविष्य के प्रति जवाबदेह नहीं है। अतिथियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने विभागीय परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की थी। सागर जिले के रहली से आये अतिथि शिक्षक मोहन मिश्रा ने  वताया कि गुरूजी और अनुदेशकों की भांति पृथक से विभागीय परीक्षा लेकर उन्हें भी नियमित किया जाए, जिससे अनिश्चितता की जो तलवार लटकी हुई है, वह भी हट सके। म.प्र. प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से भी बदतर बर्ताव हो रहा है। एक तो उन्हें लिखित नियुक्ति आदेश नहीं दिया जाता तथा दूसरा, उन्हें अतिथि शिक्षक के बतौर विद्यालय में शिक्षकीय कार्य के लिए जुलाई में रखा जाता है। इस कारण मार्च से जून, चार महीने वे बेकार हो जाते हैं तथा उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाता है। यह एक अमानवीय व्यवहार है, जो राज्य सरकार की जानकारी में अतिथि शिक्षकों के साथ हो रहा है। मप्र अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने प्रदेश में आंदोलनरत डेढ़ लाख अतिथि शिक्षकों ने मांगों को ‘‘न्यायोचित’’ और मानवीय आधार पर मंजूर करने योग्य बताते हुए राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह संवेदनशीलता और व्यावहारिकता का परियच देते हुए अतिथि शिक्षकों की वाजिब मांगों को शीघ्र मंजूर करे जिससे  अतिथि शिक्षकों का शोषण बंद हो सके और उनके सामने अनिश्चितता की जो तलवार लटकी हुई है, वह भी हट सके। 

आखिर हमें क्यों नहीं…………………….. 
दिल्ली हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित कर चुकी है। म.प्र. सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित क्यो नही करती । अतिथि शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि जब गुरुजियों और अनुदेशकों की पात्रता परीक्षा लेकर नियमित कर सकती है। तो आखिर उन्हें यह लाभ क्यों नहीं? अतिथियों को भी पात्रता परीक्षा लेकर नियमित करना चाहिए। अतिथि शिक्षकों की पात्रता परीक्षा लेकर संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जाए। अतिथि शिक्षको ने बताया कि जब तक सरकार नियमितीकरण का आदेश नही देती तब तक आदोलन जारी रहेगा।

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