प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के साथ एक गुरूद्वारे तथा एक मंदिर में गए और कहा कि हिंदुत्व एक धर्म नहीं बल्कि एक जीवनशैली है. टोरंटो से यहां पहुंचे मोदी और हार्पर सीधे गुरूद्वारा गए जहां उन्होंने प्रार्थना सभा में भाग लिया. उन्हें ‘सरोपे’ भेंट किए गये.
गुरूद्वारे में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कनाडा में बसे सिखों ने यहां अपने काम के जरिए भारत के लिए सम्मान हासिल किया है उन्होंने गुरू नानक की शिक्षाओं तथा शहीद भगत सिंह समेत भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सिखों की भूमिका के बारे में बात की. मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि किस प्रकार सिखों ने बलिदान दिया और इसी संदर्भ में उन्होंने मानवता के लिए काम करने की जरूरत पर बल दिया. इसके बाद मोदी और हार्पर लक्ष्मी नारायण मंदिर गए जहां उन्होंने एक बार फिर कनाडा में रह रहे भारतीयों की सराहना की. उन्होंने हिंदू धर्म के जरिए मानवता के लिए काम करने की जरूरत जतायी.
मोदी ने कहा, ‘‘ भारत में उच्चतम न्यायालय ने ‘हिंदू धर्म’ की बड़ी सुंदर परिभाषा दी है ....उच्च्तम न्यायालय ने कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि यह एक जीवनशैली है... मैं समझता हूं कि उच्चतम न्यायालय की परिभाषा रास्ता दिखाती है.’’ उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म ने वैज्ञानिक जीवन पद्धति के जरिए वन्यजीवों समेत प्रकृति के लाभ के लिए काम किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ यह जीवन की छोटी समस्याओं के समाधान का रास्ता दिखा सकता है.’’ प्रधानमंत्री ने 21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने का भी जिक्र किया. उन्होंने भारतीय समुदाय से मानवता के लाभ के लिए योग के बारे में संदेश को प्रसारित किए जाने को कहा. उन्होंने दोनों धार्मिक स्थलों पर द्विपक्षीय संबंधों के विकास में भारतीय मूल के कनाडाई लोगों की भूमिका को प्रमुखता से सराहा.

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