बिहार : गुंडई बिहार पुलिस की और राज सुशासन का ??? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

बिहार : गुंडई बिहार पुलिस की और राज सुशासन का ???

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दिल्ली की अपनी लाखो की तनखाह वाली नौकरी छोड़ दम्पति बिहार के मधुबनी अर्थात अपने गृह जिला की और प्रस्थान करते हैं, मन में एक जज्बा बिहार के लिए, बिहार के लोगों के लिए शिक्षा और रोजगार के लिए कुछ कर गुजरने का........

समस्याओं से दो चार होते हुए अपने कार्य की नींव रखते हैं और दोनों दंपत्ति अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा अपने मिशन में लगाते हैं........

जिला पुलिस कप्तान अपने सभी थाना प्रभारियों की मीटिंग बुलाते हैं जिनमे से एक थाना प्रभारी लौटते समय एक दूकान पर युवक के साथ बदसलूकी गाली गलौज और मार पीट करता है साथ ही पकड़ कर नगर थाना ले जाता है जहाँ नगर थाना प्रभारी के साथ मिल कर फिर से मार पिटाई की जाती है, बदतमीजी गाली गलौज और जलील किया जाता है ये सब पुलिसिया वर्दी में बिना ऍफ़ आई आर के बिना केस दर्ज किये किया जाता है. जब महिला द्वारा थाना से फ़ोन पर बात की जाती है तो थाना से सम्पूर्ण अभद्रता गाली गलौज के साथ देख लेने की धमकी मिलता है.

जिला पदाधिकारी और जिला पुलिस कप्तान को जब घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया जाता है तो दोनों ख़ामोशी से मामला दबाने की बात करते हैं....

गौरतलब है की दंपत्ति पुलिस के आला पदाधिकारी परिवार से सम्बन्ध रखते हैं जी हाँ आला पदाधिकारी अर्थात भारतीय पुलिस सेवा के परिवार से......

जो जज्बे के साथ अपने ऐशो आराम की नौकरी छोड़ अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने आया जाहिर है वो आवाज खामोश रहने वाला नहीं हो सकता है..........

इन्ही घटनाक्रम के बीच स्थानीय पत्रकारों से पता चलता है कि नगर थाना से वरिष्ट पुलिस पदाधिकारी की नजर शहर एक एक छात्रा पर पड़ जाती है, कुदृष्टि और दबंगता का आलम ये की अपनी हवस के लिए छात्रा को उठवा लिया जाता है और दो तीन दिन बाद उसे वापिस छोड़ दिया जाता है, शरीफ शहरी अपने इज्जत प्रतिष्ठा के लिए मामले में खामोश रहना पसंद करता है और पुलिस की गुंडागर्दी आसमान पर ....

क्या बिहार वापसी इन शर्तों पर है.......... 

गुंडई बिहार पुलिस की और राज सुशासन का ???


मुख्यमंत्री जी आप किन शर्तों पर अपने बिहार लौटने वाले उद्यमियों को सुरक्षा और व्यवस्थापन की गारेंटी देते हैं !!!

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