गुड फ्राइडे को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन आयोजित करने के विरोध में आवाज उठाने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज आयोजित रात्रिभोज में शिरकत नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति जोसेफ ने श्री मोदी को पत्र लिखकर रात्रिभोज में शामिल नहीं होने की सूचना दी है। उन्होंने लिखा है कि धार्मिक महत्व की छुट्टियों वाले दिन कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित करना देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और इसका गलत संदेश लोगों में जाता है। सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति जोसेफ ने प्रधानमंत्री को तीन—चार दिन पहले ही चिट्ठी लिखी है और रात्रिभोज में नहीं आने की बात कही है।
उन्होंने ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए देश की धर्मनिरपेक्ष छवि बचाने का भी आग्रह किया है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति जोसेफ ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू को भी गत 18 मार्च को पत्र लिखकर गुड फ्राइडे को सम्मेलन आयोजित करने के उनके फैसले का विरोध किया था। उन्होंने स्प्ष्ट कर दिया था कि चाहे जो हो, वह सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, क्योंकि इस दिन वह केरल के कोच्चि स्थित अपने पैतृक निवास स्थान जाएंगे। न्यायमूर्ति जोसेफ ने तर्क दिया था कि पवित्र और राष्ट्रीय अवकाश के मौके पर सम्मेलन रखकर न्यायपालिका दूसरी संवैधानिक संस्थाओं और सार्वजनिक निकायों के बीच गलत संदेश भेज रही है।

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