बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सड़कों का रख-रखाव पुख्ता किये जाने पर बल दिया और कहा कि इसके लिए नीति के साथ ही राशि की भी व्यवस्था कर दी गयी है । श्री कुमार ने यहां बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सड़कों का रख-रखाव पुख्ता हो इसके लिए जहां नीति बनायी गयी है वहीं राशि की भी व्यवस्था की गयी है । अधीक्षण अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक नीयत समय के अंतराल पर घूम-घूम कर सड़कों की स्थिति देखते रहे और इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दें । उन्होंने लोगों से भी अनुरोध किया कि जहां पर सड़क की स्थिति खराब दिखाई दें इसकी सूचना कॉल सेंटर के माध्यम से पथ निर्माण विभाग को तत्काल उपलब्ध करायें । मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंता लोगों से प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करें । सड़कों की स्थिति ठीक ठाक रखने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि सरकार ने जो राशि रख-रखाव के लिए दिया है वह उसी मद में खर्च होना चाहिए । बिहार के विकास के लिए सड़क की स्थिति का बेहतर होना जरूरी है और इसके लिए उनकी ओर से काफी जोर दिया जा रहा है ।
श्री कुमार ने कहा कि कानून का राज स्थापित करने.शिक्षा .स्वस्थ्य .सुशासन.विकास और बुनियादी ढ़चों के विकास पर काफी बल दिया गया है ।उनकी सरकार सड़क निर्माण पर शुरू से ही काम करती रही है । उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग की सड़क हो या अन्य सड़के जिनका निमार्ण ग्रामीण कार्य विभाग से होता है उन सब सड़कों पर राज्य सरकार का ध्यान तो रहता ही है लेकिन केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय उच्च पथ की स्थिति ठीक नहीं है । राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीयउच्च पथ को ठीक करने का प्रयास किया गया लेकिन केन्द्र से अपेक्षित धनराशि नहीं मिल सकी 1 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की राशि से राष्ट्रीय उच्च पथ सड़कों का उन्नयन किया गया है । राष्ट्रीय उच्च पथ के उन्नयन पर लगभग 1000 करोड़ रूपये खर्च किये गये और पैसों के लिए केन्द्र सरकार से बराबर मांग की गयी लेकिन आज तक यह पैसा नहीं मिल सका है । उन्होंने कहा कि सड़कों के रख-रखाव के लिए नये नीति बनायी गयी है जो अपने आप में विशेष है । इसके तहत पांच साल के लिए रख-रखाव का ठेका किया जाता है और सड़कों की स्थिति को बनाये रखने के लिए कहा जाता है । श्री कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय उच्च पथ की सड़कों को बनाने का इरादा नहीं है । केन्द्र सरकार राष्ट्रीय उच्च पथ के रूप में सड़कों को घोषित तो कर देती है लेकिन यह भूल जाती है कि इन सड़कों को बनाना भी है । उन्होंने कहा कि सड़क यदि बनता है तो उसे मोटरेबुल भी रखना होता है और ऐसा नहीं करने से लोगों की कठिनाईयां बढ़ जाती है । राष्ट्रीय उच्च पथ का रख-रखाव करना केन्द्र की जिम्मेवारी है लेकिन वह इसे नहीं कर रही है । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार यदि यह कह दें कि वे इसे नहीं कर सकते है या अभी राशि नहीं है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार अपने संसाधन से इन सड़कों की स्थिति को ठीक करने पर विचार करेगी ।

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