हिन्दी के वयोवृद्ध साहित्यकार डा़ कैलाश बाजपेयी का आज तडके यहां एक निजी अस्पताल में हृदयाघात से निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी डा़ रूपा बाजपेयी और पुत्री अनन्या बाजपेयी है। डा़ बाजपेयी के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें तडके तीन बजे दिल का दौरा पडने पर दक्षिणी दिल्ली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया। सूत्रों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार शाम पांच बजे लोदी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।
डा़ बाजपेयी के निधन पर साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी सहित साहित्य जगत की तमाम मशहूर हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। डा़ बाजपेयी का जन्म 11 नवम्बर, 1936 उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुआ था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. और पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की और उन्होंने 1960 में टाइम्स ऑफ़ इण्डिया प्रकाशन संस्थान द्वारा मुम्बई में नौकरी कर ली। लेकिन एक साल के अंदर ही वह दिल्ली लौट आये और दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में प्राध्यापन करने लगे।

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