बुधवार छह दलों को जनता परिवार में विलय का एलान हो गया. जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने इसकी घोषणा की. इस महाविलय के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जमकर निशाना साधा. मांझी ने कहा, '' यह महाविलय नहीं महाप्रलय है, नीतीश कुमार इसमें विलीन हो जाएंगे.'' इसके साथ ही मांझी ने कहा, ''पिछले चुनाव में नीतीश को वोट मिले थे उनमें सबसे ज्यादा वोट दलितों के थे जो उन्हें मेरे कारण मिले थे ऐसे में मेरे हट जाने से उनका सूपड़ा साफ़ हो जाएगा । इस विलय का कोई वजूद नहीं है.'' आपको बता दें कल यानि बुधवार को समाजवादी पार्टी, जेडीयू, आरजेडी, जेडीएस, इंडियन नेशनल लोकदल और समाजवादी जनता पार्टी को मिलाकर एक पार्टी का गठन का एलान किया गया.
इन छह दलों के बीच आम सहमति से यह प्रस्ताव बना है. इस नये दल के अध्यक्ष माननीय मुलायम सिंह यादव होंगे. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी मुलायम सिंह ही होंगे. इसकी घोषणा जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने की. इस नए दल का नाम, चुनाव चिन्ह, झंडा अभी तय नहीं हुआ है. इसके लिए पांच लोगों की एक समिति बनाई गई है जो संगठन की नीतियों समेत बाकी मुद्दों पर फैसला लेगी.
हालांकि बिहार में जेडीयू और आरजेडी को छोड़ दें तो किसी पार्टी का दूसरी पार्टी से कोई नाता नहीं है. बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं. 6 पार्टियों की लोकसभा में अभी ताकत सिर्फ 15 सांसदों की है. राज्यों में जरूर हैसियत है. यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार है. यूपी में तब तक फायदा नहीं होगा जब तक मायावती साथ नहीं आएगी बिहार में जेडीयू की सरकार है. आरजेडी सरकार के पक्ष में है.
2014 में मोदी लहर के दौरान आरजेडी और जेडीयू अलग-अलग चुनाव लड़े थे. जेडीयू को सिर्फ दो सीटें और सोलह फीसदी वोट मिले जबकि आरजेडी को चार सीट और बीस फीसदी वोट मिले. जो अब जनता परिवार में छह सीट और 36 फीसदी वोट होते हैं. वहीं एनडीए में बीजेपी ने 22 सीटें 30 फीसदी वोट के साथ हासिल कर ली थीं. एनडीए को कुल 31 सीटें और 39 फीसदी वोट मिले थे. 1988 में जनता दल बनने के दो साल बाद ही टूटना शुरू हुआ था और उन्नीस साल बाद 1999 में जनता दल का नाम और निशान सब खत्म हो गये. अब एक बार फिर जनता परिवार एकजुट हुआ है. लक्ष्य है मोदी सरकार से मुकाबले का लेकिन हकीकत ये भी है कि ये मिलते हैं बिछड़ने के लिए.
जनता परिवार के विलय पर बोले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जनता परिवार का हिसाब करेगी. बीजेपी भले ही जनता परिवार की ताकत को नजरअंदाज करने की कोशिश करे लेकिन इसी साल बिहार चुनाव में जनता परिवार से उसकी सीधी टक्कर होगी. यही नही 2017 के यूपी चुनाव में जनता परिवार बीजेपी के विजय रथ को रोकने की कोशिश करेगा.
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