मोतीनगर के वृद्ध मनोरंजन केंद्र की अभी तक नहीं ली प्रशासन ने सुध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 12 अप्रैल 2015

मोतीनगर के वृद्ध मनोरंजन केंद्र की अभी तक नहीं ली प्रशासन ने सुध

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नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय)। मोतीनगर का वृद्ध मनोरंजन केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। मोतीनगर क्षेत्र के बुजुर्ग मंद पड़ती आखों की रोशनी के बीच टकटकी लगाकर वृद्ध मनोरंजन केंद्र में सुविधाओं के बहाल होने का इंतज़ार कर रहे है। सांसद मीनाक्षी लेखी ने इस मनोरंजन केंद्र का उदघाटन किया था, लेकिन उन्होंने भी उसके बाद कोई सुध नहीं ली। गौरतलब है की रिलेशन ऑफ़ इंडिया न्यूज़ ने सर्वप्रथम इस मुद्दे को उठाया था। जानकारी सांसद महोदय को प्रकाशित समाचार की प्रति देकर ध्यान भी दिलाया था।  राष्ट्रीय राजनीति  ने मशगूल रहने वाली लोकप्रिय सांसद महोदया को अपने संसदीय क्षेत्र के इस  वृद्ध मनोरंजन केंद्र की सुध लेने का समय नहीं मिला। यहाँ तक की क्षेत्रीय निगम पार्षद को भी इस तरफ ध्यान देने के लिए कहने का समय भी नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रोजाना अपने भाषणों में कहते है की सांसद काम करें और भाजपा के विकास को जनता तक ले जाकर मजबूत बनाये। लेकिन यहाँ के प्रतिनिधियों के पास बुजुर्गों की सुनने का समय नहीं है।

आप को बता दें की वर्तमान में इस मनोरंजन केंद्र में कुर्सियां तो कुछ है लेकिन अधिकतर टूटी है.वृद्ध मनोरंजन केंद्र में महिला और पुरुष शौचालय नहीं बना है। मनोरंजन केंद्र की दीवार टूटी पड़ी है जिसके चलते आवारा जानवरों और अपराधी तत्वों की यह शरणस्थली बन चूका है। मनोरंजन केंद्र के भीतर बने पार्क में ना घास और पेड़ पौधे लगे है और न ही बैठने के लिए बेंच।मनोरंजन के नाम पर ना टीवी रखा है और ना ही कैरम,डॉट्स,लूडो जैसे मनोरंजन खेलों के साधन। गेट पर अधिकतर समय ताला जड़ा रहता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गेट के बाहर के फ्रूट की फूटपाथ पर अवैध रेहड़ी पुलिस और निगम निरीक्षक की मिलीभगत लगती है,इसी फ्रूट वाले ने चाबी बनाकर अपनी रेहड़ी भीतर खड़ी करनी शुरू कर दी है। धीरे-धीरे निगम का यह वृद्ध मनोरंजन केंद्र भूमाफियाओं के कब्जे में होगा ऐसा देखने से प्रतीत होता है।  गौरतलब है कि यहाँ के हालात देखकर लगता है की भाजपा निगम में सत्ताधीश बनकर बैठी है किन्तु केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री के कहने का कोई असर दिखाई नहीं देता। इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र की बदहाली के जिम्मेदार सी एस डी विभाग उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अफसरों को यह हालात पता है किंतु फिर भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना उनकी मज़बूरी को दर्शाता है ?  

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