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रविवार, 12 अप्रैल 2015

डीपीएस की चेयरमैन को पुलिस ने कार्यालय जाने से रोका,पुलिस पर तानाशाही का आरोप

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नई दिल्ली - दिल्ली पुलिस ने डीपीएस सोसायटी पर  कब्ज़ा कर लिया और गुरुवार को उसे ईस्ट कैलाश के कार्यालय में प्रवेश करने से डीपीएस सोसायटी के नयी  अध्यक्षा  श्रीमती डॉ. शरद नायक  को वर्जित किया गया है। डीपीएस सोसायटी के नए अध्यक्ष, डॉ श्रीमती शारदा नायक सुबह में उसके कार्यालय पर पहुंचे जब वह वहाँ एक अलग दृश्य को देखा की पुलिस ने डीपीएस सोसायटी कार्यालय का  गेट को बंद करवा दिया है और भीतर नहीं जाने देने के लिये हथियारों के साथ तैनात है । पुलिसकर्मियों कार्यालय में प्रवेश करने से अलोकतांत्रिक तरीके से पुलिसिया रौब दिखाते हुए भीतर जाने मना कर दिया।

डॉ श्रीमती शारदा नायक उसके कार्यालय में भीतर जाने के लिए  12:30 तक 10:30 से संघर्ष करना पड़ा लेकिन उसके हर प्रयास व्यर्थ में चला गया। इस बीच सैकड़ों महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं कार्यालय के सामने होकर  नए अध्यक्ष के समर्थन में नारे लगाना  शुरू कर दिया। वे  भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके  डीपीएस सोसायटी को मुक्त करने और पूर्व वाइस चेयरमैन एडमिरल एम.एम. चोपड़ा के खिलाफ नारे लगाकर गिरफ्तारी की  मांग कर रहे थे।

 इस घटना में पुलिस की भूमिका की रहस्यमय है। पुलिस ने बताया कि ऊपर से दबाव में हैं कि कहा। लेकिन सवाल यह है कि पुलिस और क्यों दबाव डाल रहे हैं जो लोग कर रहे हैं जो कि है। पुलिस भी अब डॉ नायक के द्वारा दिए गए शिकायत पर एफआईआर दर्ज तक नहीं किया है और जब सचिव और पूर्व वाईस चेयरमैन को  2015/03/30 पर निलंबित कर दिया गया है, जो सचिव श्री आर तनेजा 31 मार्च और 1 मार्च को भी  कार्यालय के अंदर गया था कि यह भी बहुत आश्चर्य की बात है उसे  दिल्ली पुलिस द्वारा की अनुमति कैसे  दी है ? उसे सचिव  रूप में आदेश जारी करने और अतीत के अध्यक्ष / उपाध्यक्ष के निर्देश पर अंदर से उपग्रह स्कूलों के साथ-साथ कोर स्कूलों के सभी आजीवन सदस्यों और विभिन्न प्रधानाध्यापकों को पत्र भेज रहा क्यों और कैसे जबकि वह सचिव है ही नहीं। आशंका है की उसने   कार्यालय से महत्वपूर्ण दस्तावेजों को हटा दिया गया है और उनमें से ज्यादातर पिछले अध्यक्ष के निर्देश पर नष्ट कर दिया गया है।

निर्वाचित चेयरमैन  डॉ श्रीमती शारदा नायक जबरदस्ती डीपीएस सोसायटी के कार्यालय में प्रवेश करने से आखिर रोकने के लिए पुलिस पीछे से आदेश दे रहा है। लेकिन सवाल यह है कि एक 83 साल की उम्र के महिला जबरदस्ती कार्यालय में प्रवेश कैसे कर सकती है ? डॉ नायक मैं अपने कार्यालय में कल फिर आ जाएगा और पुलिस फिर कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने के लिए कोशिश की तो मैं अपने कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन पर बैठ जाएगा, कि बताया।

डॉ नायक ने सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद  पूर्व वाईस चेयरमैन और सचिव की संलिप्ततता पाये जाने के बाद 25 करोड़ रुपये के घोटाला  सोमवार को डीपीएस सोसायटी  को सर्वसम्मति से अपनी  अध्यक्षता में ले लिया और जीवन सदस्यता से पूर्व वाइस चेयरमैन एडमिरल एम.एम. चोपड़ा को बर्खास्त कर दिया गया है। यह आदेश श्री वी.के. के विभिन्न पत्र द्वारा शुंगलू, अक्टूबर 2013 में पूर्व सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर किया है ।

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