रामालिंगा राजू ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को अदालत में दी चुनौती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

रामालिंगा राजू ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को अदालत में दी चुनौती

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सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक एवं अध्यक्ष रामालिंगा राजू और उनके भाई बी रामा राजू ने कंपनी में हुए करोड़ों रुपये के घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को निरस्त करने की अपील के साथ आज अदालत का दरवाजा खटखटाया। राजू बंधुओं ने तेलंगाना में नामपल्ली की अदालत में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। विशेष अदालत ने गत नौ अप्रैल को राजू बंधुओं समेत सभी 10 आरोपियों को सात-सात साल कारावास की सजा सुनायी। इसके साथ ही दोनों भाइयों पर पांच-पांच करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी किया गया। गौरतलब है कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की चौथी बड़ी कंपनी रही सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज लिमिटेड (एससीएसएल) में हुये देश के सबसे बडे कार्पाेरेट घाेटाले के वर्ष 2009 में पर्दाफाश होने के बाद पूरी दुनिया का उद्योग जगत थर्रा गया था। 

मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश बी.वी.एल.एन. चक्रवर्ती ने आज कंपनी के पूर्व अध्यक्ष बी. रामलिंगा राजू समेत सभी 10 आरोपियों को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई। राजू और उसके भाई रामा राजू पर पांच-पांच करोड़ रुपये जबकि शेष अन्य आठ आरोपियों पर 25-25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सभी दोषियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409 (कारोबारियों के साथ विश्वासघात करने) , आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के साथ ही 409, 407, 468, 471, 477-ए और 201 के तहत आरोप तय किये गये थे और उसी के तहत सजा भी सुनायी गयी है। इस मामले में राजू 10 जनवरी 2009 से 19 अगस्त 2010 तक जेल में रहें। उन्हें अगस्त 2010 में हैदराबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। उच्चतम न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद वह पुन: 10 नवंबर 2010 से पांच नवंबर 2011 तक जेल में रहें। फिलहाल सभी दोषी शहर के बाहरी इलाके में स्थित चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार में बंद हैं। 

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