उत्तर प्रदेश के मेरठ में लोहिया नगर स्थित कांशीराम आवास में दिन निकलते ही भयंकर आग लग गई। इस आग की चपेट में आने से चार बच्चे और दो महिलाएं जिंदा जल गये। एक अन्य बच्चे और गृहस्वामी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस, प्रशासन और फायर बिग्रेड कर्मियों पर देर से आने का आरोप लगाते हुए लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव कर जमकर हंगामा किया।
लोहिया नगर में 1508 कांशीराम आवास बने हैं। मकान संख्या केजी-221 में परवेज अपने परिवार के साथ किराये पर रहता है। परवेज के मकान में सुबह करीब छह बजे भयंकर आग लग गई और चीख-पुकार मच गई। मौके पर एकत्र हुए लोगों ने जैसे-तैसे आग को बुझाया लेकिन तब तक आग की चपेट में आने से परवेज की पत्नी शाजिया (32) बेटा फरहान (10), अदनान (8) और बेटी जोया (7) साली रेशमा (35) और रेशमा की एक बेटी की मौत हो गई।
परवेज और रेशमा की एक बेटी भी आग में झुलसने से गंभीर रुप से घायल हैं। दोनों 70 प्रतिशत से अधिक जले हुए हैं। घटना के बाद गुस्साये लोगों ने डीएम और एसएसपी का घेराव कर नारेबाजी की और पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासन के अधिकारियों पर देरी से आने का आरोप लगाया। पीड़ित परिवार को 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की।
पड़ोसियों और पुलिस अधिकारियों की मानें तो परवेज घर पर ही अवैध रूप से पेट्रोल और डीजल बेचने का भी काम करता था। घर में रखे पेट्रोल और डीजल की वजह से ही आग ने गंभीर रुप धारण किया। आग की भयंकरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर स्थित दो बिल्डिगों के आठ फ्लैटों को प्रशासन ने खतरनाक मानते हुए खाली करा दिया है।
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