जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता मसरत आलम की गिरफ्तारी के बाद घाटी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. भीड़ की पत्थरबाजी से करीब 16 लोग जख्मी हो गए. हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक भी प्रदेश सरकार के रुख के खिलाफ खड़े हो गए हैं. श्रीनगर में पत्थरबाजी की घटना में करीब 16 लोग जख्मी हो गए, जिनमें पुलिस के जवान भी शामिल हैं. विरोध प्रदर्शन की अगुवाई मीरवाइज उमर फारूक कर रहे थे. मीरवाइज सेना के ऑपरेशन में युवक के मारे जाने के विरोध में त्राल जा रहे थे. मीरवाइज के समर्थकों ने भी भारत विरोधी नारे लगाए. पत्थरबाजी रोकने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज का सहारा लिया और आंसू गैस के गोले छोड़े.
दरअसल, उस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने युवक को वहां का निवासी बताया था, जबकि सेना ने उसे आतंकी करार दिया था. श्रीनगर के पुराना शहर इलाके में जुमे की नमाज के बाद पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई. पुराना शहर इलाके में नौहट्टा स्थित जामिया मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के तुरंत बाद पथराव कर रहे युवाओं की सुरक्षा बलों से झड़प शुरू हो गई. प्रदर्शन हिंसक हो गया, क्योंकि युवाओं ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया.
जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा कराने वाले मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी और मसरत आलम को नजरबंद रखने के मामले में राज्य सरकार की आलोचना की. मीरवाइज उमर ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की और कहा कि कश्मीर में कानून तोड़ने के लिए अलगाववादी नहीं, बल्कि राज्य सरकार जिम्मेदार है. मीरवाइज ने कहा, 'वे हमारे सैकड़ों युवाओं को बिना किसी कारण के हिरासत में रखते हैं और फिर हमारे ऊपर कानून तोड़ने का आरोप लगाते हैं. नियम राज्य सरकार तोड़ रही है, न कि अलगाववादी नेता.' उन्होंने हालांकि शुक्रवार को सभा में नमाज के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए कहा था.
वजह मसरत की गिरफ्तारी हो या त्राल में एनकाउंटर में कथित निर्दोष के मारे जाने का तर्क, घाटी के सैकड़ों युवाओं ने फिर हाथों में पत्थर उठा लिए.

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