इस मतदान के कुछ तो मायने हैं, कुछ लोगों को सबक सिखाने के लिए भी किया मतदान
देहरादून,12 अप्रैल। बेहद शांत अंदाज में दिख रहे भगवानपुर उप चुनाव में अपने मताधिकार को लेकर लोगों में इतना उत्साह होगा, इसका अनुमान सियासी पंडितों को भी नहीं था। अब कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे असली वजह क्या है। एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि कहीं इसके पीछे एंटी इंकबेंसी तो नहीं है। सुरेंद्र राकेश के निधन से खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर बीते दिन कुल 73.95 प्रतिशत मतदान हुआ है ।जहाँ 2012 के चुनाव में 79.76 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीँ कांग्रेस उम्मीद कर रही थी सुरेंद्र राकेश की जमीनी पकड़, कामकाज और पत्नी की सहानुभूति से मतदान प्रतिशत और बढ़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ । राजनीतिक जानकर इस मतदान को कांग्रेस के खिलाफ बता रहे हैं. जबकि कांग्रेस इसे अपने पक्ष में. भगवानपुर उप चुनाव में भारी मतदान को लेकर जीत-हार के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि शुरूआती दौर में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत तय सी दिख रही थी। धीरे-धीरे माहौल में बदलाव आया। सुरेंद्र राकेश की मृत्यु की वजह से कांग्रेस को लग रहा था कि ममता के पक्ष में सहानुभूति के वोट भी आएंगे। लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसा हुआ नहीं है। बताया जा रहा है कि सुबोध राकेश से भी जनता खुश नहीं दिखी। फिर पुराने कांग्रेसी भी दिल से चुनाव में नहीं लगे। दूसरी तरफ भाजपा ने इस माहौल का पूरा फायदा उठाया। माना जा रहा है कि भाजपा को इस मर्तबा ऐसे समाज के भी वोट मिले हैं, जिन्हें भाजपा विरोधी माना जा सकता है। बताया जा रहा है कि जनता ने इस बार कुछ लोगों को सबक सिखाने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक साफ तौर पर कह रहे हैं कि भाजपा प्रत्याशी की ही जीत होगी। उनका कहना है कि इस कांग्रेस सरकार के प्रति जनता में खासा आक्रोश हैं। भगवानपुर क्षेत्र की जनता ने इसी वजह से भाजपा के पक्ष में वोट दिया है। 15 तारीख को यह साबित भी हो जाएगा। सत्यता क्या है यह परिणाम के समय ही साफ होगा। लेकिन इतना साफ है कि भारी मतदान किसी बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है।
प्रतिष्ठा मेरी नहीं कांग्रेस की है दांव पर: निशंक
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि मै जीत को लेकर आश्वस्त हूँ उनका साथ ही यह भी कहना है कि कुछ लोगों ने इस चुनाव को मेरी प्रतिष्ठा से जोड दिया जो बिल्कुल गलत है हमारे पास खोने को कुछ नहीं। हम इस सीट को जीतेते हैं तो यह भाजपा के लिए लाभप्रद होगी लेकिन यदि कांग्रेस हारती है तो उनकी प्रतिष्ठा जरुर दांव पर होगी। क्योंकि मुख्यमंत्री सहित प्रदेश की पूरी कैबिनेट ने इस चुनाव में दिन रात एक कर दिया था। उन्होंने कहा दलित स्वर्गीय मंत्री सुरेन्द्र राकेश व उनके भाई की खूली लूट व गुंडागर्दी से आजीज आ चुके थे वहीँ बसपा के चुनाव चिन्ह पर विजय होने वाले स्वर्गीय मंत्री को बसपा ने निकल भी दिया था तो वे कैसे कांग्रेस को वोट करेंगे यह उनकी समझ से परे है। क्योंकि एक तो इस सीट पर पहले बसपा से सुरेन्द्र राकेश विजयी हुए थे वे बाद में कांग्रेसी हो गए वहीँ मुख्यमंत्री सहित उनके समूची पार्टी को गली-गली और घर-घर घूमने पर हमने मजबूर कर दिया, वहीं भाजपा के पक्ष में मुसलमानों का जूनून से बढकर भाग लेना भी भाजपा के पक्ष में जाता है, उन्होंने कहा जिस जीत का कांग्रेस दावा कर रही है वह उसको कैसे मिल रही है यह उनके समझ से परे है। 40 फीसदी मुसलमानों व 28 फीसदी दलित मतदाताओं वाली यह विधानसभा सीट इस बार भाजपा के खाते में जा रही है इस बात का इल्म मुख्यमंत्री को भी हो चूका है वरना अपने उप चुनाव में धारचूला नामांकन के दिन भी न जाने वाले मुख्यमंत्री को लगातार यहाँ कैंप करना पडा यह भाजपा की बढत की ही चिंता का प्रमाण है।
कांग्रेस ने बिजली की दरें बढाकर लोगों के घरों में कर दिया अंधेरा: अजय भट्ट
देहरादून,12 अप्रैल (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा श्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेष सरकार ने बिजली की दारों में बृद्धि कर प्रदेष की आम जनता को महंगाई का एक और झटका दिया है। उन्होंने कहा कि विद्युत दरों में बृद्धि होने से अब घरेलू उपभोक्ताओं को खपत के हिसाब से 10 से लेकर 50 पैंसे अधिक चुकाने पड़ेंगे, जिससे कमजोर एवं मध्यम वर्ग से लेकर समस्त वर्ग के उपभोक्ताओं को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में तो ये बढ़ी हुई दरें लोगों के घरों में उजाला लाने के बजाय अंधेरा ही अधिक लायेंगी। उन्होंने कहा कि गर्मियों में अधिकांषतया लोगों की अधिक युनिट खर्च होती है जिससे समस्त उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलना तय है। बिजली की बढ़ी हुई दरों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे निर्धन वर्ग के छात्रों को रात में बिजली पढ़ाई के दौरान बिजली की अधिक खपत का नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि इस दौरान बिजली की खपत कुछ ज्यादा होने से निर्धन परिवारों को अधिक आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा तथा उनकी परीक्षाओं की तैयारी में भी असर पड़ेगा। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष में षहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में बिजली की गम्भीर समस्या बनी हुई है। बिजली की व्यवस्था सुधारने की जगह सरकार आम जनता को परेषान करने की नीयत से बिजली के दाम बढ़ाने में लगी हुई है, जो सरासर गलत है। ऐसे समय में सरकार की ओर से बिजली दरों में की गयी बढ़ोत्तरी आम जनता के जीवन में अंधेरा कर देगी तािा आम जनता को महंगाई की बोझ तले दबने को विवष होना पड़ेगा। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष में अधिकांष जगहों पर दिन भर बिजली की कटौती मुसीबत बनी हुई है, उपर से दिन पर दिन इसके दाम बढ़ते जाने से आम उपभोक्ता परेषान हो चुका है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेष में विकास कार्यों की कोरी घोशणायें करने का दावा करने से नही थक रही है दूसरी तरफ जनता की आवष्यकता वाली हर चीज के दामों में इजाफा करती जा रही है उन्होंने कहा कि विद्युत दरें बढ़ाने से पूर्व सरकार ने बिजली आपूर्ति और बिजली की दिक्कतों से निपटने का इंतजाम करना चाहिए था तथा आम जनता को पूरे दिन पहले बिजली मिले इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार गरीब जनता के दर्द का बिल्कुल भी अहसास नहीं रह गया है, वह अपना ही फायदा देखने में लगी है। यही कारण है कि वह हर रोज ऐसे फैसले कर रही है जिससे आम जनता को परेषानी हो। इसी तरह पेट्रोल एवं डीजल में पहले से चली आ रही वैट छूट को यह सरकार समाप्त कर चुकी है, जिससे प्रदेष में पेट्रोल एवं डीजल अन्य प्रदेषों की अपेक्षा महंगा हो गया है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेष में विद्युत कटौती के कारण उद्योग प्रदेष से पलायन कर रहे हैं, चैबीस घण्टे विद्युत मिलने पर ही बड़े एवं छोटे उद्योग राज्य में निवेष करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पहले प्रदेष में विद्युत की समस्या से निपटने के लिए मजबूती से प्रयास करे। श्री भट्ट ने कहा कि वर्तमान में राज्य को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति के लिए 600 मेगावाट से भी अधिक अतिरिक्त बिजली की आवष्यकता है तथा प्रतिवर्श यह मांग 100 मेगावाट की रफतार से बढ़ रही है। यदि समय रहते राज्य में विद्युत आपूर्ति के लिए सुदूरगामी कदम नहीं उठाये गये तो राज्य में बिजली की व्यवस्था नियंत्रण से बाहर होना अवष्यंभावी है। उन्होंने कहा कि प्रदेष अपनी बिजली की कमी के चलते प्रतिवर्श बाजार से लगभग 800 करोड़ रू0 की बिजली खरीद रहा है इसलिए राज्य के हित में है कि ऊर्जा की दीर्घकालिक बिजली की समस्या का पूर्ण निदान करने के लिए रीाजय में स्थापित गैस आधारित पावर प्लाण्टों से लम्बी अवधि का करार करने के लिए कदम उठाये जांय ताकि राज्य को रोज-रोज की बिजली कटौती से मुक्ति मिल सके। श्री भट्ट ने कहा कि गैस आधारित पावर प्लाण्टों के साथ पावर परिचेज एग्रीमेण्ट किये जाने हेतु वे मा0 मुख्यमंत्री जी को कई पत्र प्रेशित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में गैस आधारित प्लाण्ट प्रारम्भ होने से घरेलू, औद्योगिक, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं एवं कृशकों को लगातार बिजली मिलेगी अपितु राज्य का कृशि एवं औद्योगिक उत्पादन भी बढ़ेगा इसके अतिरिक्ति राज्य के सभी उपभोक्ताओं को चैबीसों घण्टे बिजली की आपूर्ति होने से न केवल डीजल से चले वाली जनरेटरों की बिजली से छुटकारा मिलेगा अपितु पर्यावरण भी दूशित होने से बचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत संकट से निजात पाने के लिए षीघ्र ही श्रावन्थी इनर्जी सहित राज्य में पूर्व स्थापित अन्य दो गैस आधारित पावर प्लाण्टों को षीघ्र प्रारम्भ करायें। उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत की बढ़ी दरों को वापस लेने पर पुनर्विचार करे ताकि जनता को महंगाई बोझ तले दबने को विवष न होना पड़े।
किसानों का बैक ऋण वसूली रोकने को हरीष ने केन्द्र को मनाया, किसानों को हल्दी व अदरक का बीज 75 प्रतिशत अनुदान पर मिलेगा
देहरादून,12 अप्रैल (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से फोन पर बात कर विगत दिनो बेमौसम की बारीश से काश्तकारो को हुए नुकसान व प्रदेश सरकार द्वारा दी गई राहत से उन्हे अवगत कराया साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत ने केंद्र सरकार से मदद देने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री रावत के अनुरोध पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानो पर राष्ट्रीयकृत वाणिज्यिक बैंकों के बकाया की वसूली एक वर्ष के लिए स्थगित करने पर सहमति जताई, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि किसानों का एक वर्ष का ब्याज माफ करने का मामला सकारात्मक रूख के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष रखेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को हाल ही में बेमौसम की बारिश से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान को देखते हुए काश्तकारों की सहायता के लिए राज्य स्तर पर जो निर्णय लिए गए हैं उनसे अवगत कराते हुए कहा कि नुकसान का मुआवजा जल्द से जल्द काश्तकारों को मिल जाए, इसके लिए 25 करोड़ रूपए का कोष स्वीकृत किया गया है। इसमें से कृषि व हाॅर्टीकल्चर को एक-दो दिन में 5-5 करोड़ दे दिए जाएंगे। यदि आवश्कता हुई तो राज्य सरकार द्वारा और भी धनराशि की व्यवस्था कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी बताया कि किसानों को दिए गए सहकारी ऋणों की 6 माह तक वसूली नहीं होगी और इस अवधि के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार 1 अपेै्रल से 30 सितम्बर तक 6 माह के लिए किसानों पर राजस्व बकाया, सिंचाई बकाया को भी माफ किया गया है। इस अवधि का बिजली सरचार्ज भी राज्य सरकार वहन करेगी। प्रभावित किसानों व फसलों का आंकलन अभी मौटे तौर पर किया गया है। सरकार की प्राथमिकता प्रभावित काश्तकारों को तुरंत राहत देना है। काश्तकारों को हल्दी व अदरक का बीज 75 प्रतिशत केवल इस वर्ष के लिए अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य स्थितियों में इस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। काश्तकारों को मिनी किट भी निशुल्क वितरित किए जाएंगे। दुसरी ओर मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को किसानों को राज्य स्तर पर हरसंभव राहत पहुंचाने के लिए निर्देश्ति किया है। उन्होने कहा है कि पूर्व में उठाये गए कदमों के अतिरिक्त और किन तरीकों से काश्तकारों को राज्य सरकार द्वारा राहत पहंुचाई जा सकती है इसपे भी विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होने अपर मुख्य सचिव विद्यालयी शिक्षा एस राजू व सचिव उच्च शिक्षा को यह सूचना उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं से विद्यालयों में कितनी फीस ली जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि समूचित धनराशि की व्यवस्था हो इसके लिए अनावश्यक सरकारी खर्चों में कटोती के प्रयास किए जाए तथा विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित मेलों को दी जाने वाली सरकारी सहायता छः माह के लिए आधी कर दी जाए। मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित किए जाने वाले भोज में राज्य से बाहर के अतिथि न होने पर साधारण भोजन परोसा जाए, जिसमें की केवल दाल, चावल और रोटी हो। सीएम आवास पर भी चाय पानी आदि के व्यय में कमी की जाएगी । मुख्यमंत्री ने कहा की मुख्यमंत्री राहत कोष में भी यशासम्भव बचत कर के पांच करोड रूपए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था किसानों को राहत पहुचनाने के लिए की जाएगी।
किसानों को मुआवजा देने के लिए 13 को डीएम से मिलेंगें भाजपाई
पिथौरागढ़, 12 अप्रैल। जिले में लगातार हो रही बेमौसमी वर्षा और ओलावृष्टि से रबी की फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान अपनी खेती को देखकर रो रहा है। सरकार की चुप्पी के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता 13 अप्रैल को विधायक बिशन सिंह चुफाल के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिलेंगें। भाजपा जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने बताया कि वर्षा और ओलावृष्टि से जिले में रबी की फसल शत-प्रतिशत खराब हो चुकी है। किसानों के सम्मुख रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। प्रदेश सरकार मात्र ऋण ब्याज माफ कर अपने कर्तव्य की इतश्री कर रहा है। इसके खिलाफ भाजपा ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने बताया कि भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल के नेतृत्व में जिले में किसानों की खेती को हुए नुकसान का तत्काल मुआवजा देने, मुआवजे की राशि पांच गुनी करने, रबी की फसल के लिए लिए गए कृषि ऋण को तत्काल माफ करने, पर्वतीय क्षेत्र के लघु किसानों के लिए प्रति हैक्टैयर की जगह प्रति नाली मुआवजा का मानक तय करने की मांग की जाएगी। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से सोमवार को प्रातः 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचने की अपील की।
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