उत्तराखंड की विस्तृत खबर (18 अप्रैल) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 18 अप्रैल 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (18 अप्रैल)

आपदा राहत के नाम पर ‘‘खेल‘‘ कैबिनेट मीटिंग में रूद्रप्रयाग तो शासनादेष में पिथौरागढ़ भी

देहरादून,18 अप्रैल। आपदा राहत के नाम पर बड़ा खेल किया गया है। रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जनपदों में अब पांच करोड़ तक के निर्माण कार्य केवल वर्क आर्डर के आधार पर ही किए जा सकेंगे। अहम बात यह है कि कैबिनेट ने यह फैसला केवल रुद्रप्रयाग जिले के लिए ही किया था। अब इस बारे में जारी शासनादेश में पिथौरागढ़ जिले को भी शामिल कर दिया गया है। अब रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ के डीएम अपने स्तर से ही पांच करोड़ तक के काम बगैर टेंडर के यानि केवल वर्क आर्डर के आधार पर ही कर सकेंगे। पिछले दिनों कैबिनेट ने चारधाम यात्रा की तैयारियों में तेजी लाने के लिए एक अहम फैसला किया था। इसमें तय किया गया था कि 2013 की आपदा की वजह से रुद्रप्रयाग जिले में भारी तबाही हुई है। यात्रा का समय नजदीक आ रहा है और निर्माण कार्य तेजी के कराने की जरूरत है। लिहाजा रुद्रप्रयाग जिले के डीएम को विशेष अधिकार देकर पांच करोड़ रुपये तक के काम केवल वर्क आर्डर के आधार पर कराए जा सकें। उस समय तर्क दिया गया था कि चारधाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सहूलियत के लिए ऐसा फैसला किया गया है। अब प्रभारी सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मजबूत करने के लिए इसके अधीन एक परियोजना क्रियान्वन इकाई का गठन किया गया है। इसके लिए नए पदों का सृजन किया जाएगा और यह इकाई सीधे जिलाधिकारी के अधीन काम करेगी। इस इकाई को विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, एसपीए, नाबार्ड, एसडीआरएफ, सीएमआरएफ के तहत मिलने वाली राशि का खर्च करने का अधिकार होगा। यह इकाई पांच करोड़ रुपये तक के काम वर्क आर्डर के आधार पर ही करा सकेगी। कोई भी निर्माण करने के लिए ठेकेदार का पंजीकरण होना जरूरी नहीं होगा। इससे अधिक राशि के काम के लिए शासन की मंजूरी लेना जरूरी होगा। इकाई पांच करोड़ तक के काम का चयन करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति भी करेगी। इस शासनादेश में कहा गया है कि किसी भी निर्माण का ठेका देने और गुणवत्ता की निगरानी का अधिकार संबंधित जिले के जिलाधिकारी के पास ही होगा। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर कैबिनेट का फैसला केवल रुद्रप्रयाग जिले के लिए ही था तो शासनादेश में पिथौरागढ़ जिले का नाम क्यों जोड़ा गया। अगर फैसला दोनों जिलों के लिए था तो कैबिनेट की ब्रीफिंग में एक जिले का नाम क्यों छुपाया गया। बताया जा रहा है कि ठेकेदारों के पंजीकरण की व्यवस्था खत्म करके ठेके खास लोगों को देने के लिए ही यह शासनादेश जारी किया गया है। इससे ठेकेदार को मनमानी करने की पूरी छूट मिलेगी।

राज्यपाल की यात्रा,सरकार की चैकिंग!

देहरादून,18 अप्रैल। सूबे के राज्यपाल केके पाल अपनी सरकार के दावों की जमीनी हकीकत जांचने के लिए खुद ही निकल पड़े हैं। राज्यपाल अपने दौरों में लोगों से मिलकर सच्चाई तक जाने की कोशिश में भी हैं। माना जा रहा है कि अपने दौरे के बाद राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति को सूबे की हालत पर रिपोर्ट भी भेजी जा सकती है। अहम बात यह है कि विगत 15 सालों में पहली बार किसी राज्यपाल ने इस तरह की पहल की है।निवर्तमान राज्यपाल अजीज कुरैशी की रवानगी के बाद से उत्तराखंड राजभवन बदला सा नजर आ रहा है। राजभवन के कामों में गति आ गई है और समय पर फाइलों के निपटने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बीच राज्यपाल केके पाल ने एक अहम फैसला लेकर उत्तराखंड को अच्छी तरह के देखने और समझने का फैसला लिया है। इसी के तहत महामहिम इन दिनों राज्य में विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं। राज्यपाल पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तक में जाकर लोगों से मिले। गैरसैंण गए तो वहां विधानभवन की जमीनी हकीकत से रूबरू हुए। राज्यपाल ने इस गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी के लिए उपयुक्त बताकर लोगों की भावनाओं की कद्र की। अहम बात यह भी है कि अपने इन दौरों के दौरान राज्यपाल पाल जनता से भी मिल रहे हैं। लोग अपनी समस्याएं बता रहे हैं तो राज्यपाल को अपनी सरकार के दावों को परखने का मौका भी मिल रहा है। संवैधानिक पद पर होने की वजह से राज्यपाल समस्याओं के निदान को लेकर किसी तरह का वायदा तो नहीं कर रहे हैं। लेकिन माना यही जा रहा है कि राजभवन लौटने पर राज्यपाल की ओर से इन समस्याओं के बारे में सरकार को निर्देश जरूर दिए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि पूरा प्रदेश घूमने के बाद राज्यपाल की ओर से केंद्र सरकार को सूबे की जमीनी हकीकत के बारे में एक रिपोर्ट भी भेजी जा सकती है। राज्यों में राज्यपाल की भूमिका केंद्र के प्रतिनिधि की होती है। ऐसे में अगर कोई रिपोर्ट भेजते हैं तो केंद्र उस पर गंभीरता से विचार करेगा।

सरकारी व्यवस्था की उदासीनता बढ़ा रहा आक्रोष!

देहरादून,18 अप्रैल (निस) । निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सरकार सिस्टम की उदासीनता से आंदोलनकारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन किया तो शिक्षा जन संघर्ष समिति का गांधी पार्क पर धरना जारी रहा। समिति 22 अप्रैल को मशाल जुलूस और 24 को शिक्षा अधिकार रैली निकालेगी।पार्षद जीवन सिंह और भूपेंद्र कठैत के नेतृत्व में एबीवीपी कार्यकर्ता जिलाधिकारी के दफ्तर पर एकत्र हुए और निजी स्कूलों की मनमानी और शासन-प्रशासन की ओर से इस मामले में बरती जा रही लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर नारेबाजी की। बाद में परिषद की ओर से डीएम को एक ज्ञापन दिया गया है। इस ज्ञापन में निजी स्कूलों में अभिभावकों की जेब पर डाले जा रहे भारी बोझ के कई उदाहरण दिए गए हैं। परिषद का कहना है कि अगर प्रशासन का यही रूख रहा तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा।इधर, शिक्षा जन संघर्ष समिति का गांधी पार्क में अनशन आज भी जारी रहा। समिति की संयोजक कमला पंत ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार को कई सुझाव दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समिति की मांगे पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। धरना स्थल पर ही हुई एक बैठक में तय किया गया कि सरकार को जगाने के लिए 22 अप्रैल को शहर में मशाल रैली निकाली जाएगी। इसके बाद 24 अप्रैल को व्यापक स्तर पर शिक्षा अधिकार रैली भी निकाली जाएगी। इस मौके पर निर्मला बिष्ट, राजेश बहुगुणा, सुनीता सिंह और समीर समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा को डीआईजी ने दिये निर्देश, 70 अतिरिक्त चैक पोस्ट से होगा यात्रा पर नियंत्रणः डीआइजी गढ़वाल

देहरादून,18 अप्रैल(निस)। आगामी चारधाम यात्रा गंगोत्री-यमुनोत्री धाम 21 अप्रैल को केदारनाथ धाम 24 अप्रैल,  बद्रीनाथ धाम 26 अप्रैल के कपाट खुलेंगे।  जिसको को लेकर पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षत्र संजय गुंज्याल द्वारा समस्त जनपदप्रभारियों की आगामी चार-धाम के सम्बन्ध में विडियो कान्फोंन्सिग के माध्यम से बिफ्रिंग की गयी। जनपद रुद्रप्रयाग में केदारनाथ धाम में नियुक्त सभी पुलिसकर्मियों व एसडीआरएफ कर्मचारियों की ब्रंफिंग की गयी। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि यातायात मार्गों में तैनात स्थाई व अस्थाई लगभग 70 चैकियों व चेकपोस्ट खोलने जा रही है। इसमें सात चैकियों में एसडीआरएफ तैनात की गयी। श्री बद्रीनाथ एवं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर स्थित सिरोबगड एवं लामबगड में भू-स्खलन जोन के दोनो ओर एसडीआरएफ की टीमें प्रतिष्ठापित होंगी। पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग, पुलिस अधीक्षक चमौली, पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी को निर्देश दिये गये कि चारधाम यात्रा मार्ग पर तैनात पुलिस कर्मियों, एसडीआरएफ के कर्मियों को समय से परामेडिकल स्टाफ को जीवीके ईएमआरआई 108 आपातकालीन सेवा द्वारा चिकित्सा सम्बन्धित टेनिंग दी जाये। एसडीआरएफ के डेढ सौ तथा पुलिस के पांच सौ से अधिक अधिकारियो व कर्मचारियों को तैनात किये गये है। चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट दिए जाएगें। यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धलुओं के पंजीकरण के दौरान उनके मोबाइल नंबर दर्ज किए जाएंगे। मोबाइल फोन पर मौसम बिगडने या ट्रैफिक से संबंधित स्थिति पर एसएमएस आएगा। सीजन के दौरान बाहर से आने वाले यात्री व पर्यटक इस बात की शिकायत करते है कि उनसे होटल,टैक्सी वालों एवं घोडे-खच्चर व डण्डी-कण्डी वालों द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक पैसा वसूला जाता है।इस स्थिति मे सभी के खिलाफ पुलिस एक्ट के अन्तरगर्त कार्यवाही करने के निर्देश सभी जनपदप्रभारियों को दिये गये। सभी जनपदप्रभारी यात्रा सीजन प्रारम्भ होने से पूर्व अपने-अपने जनपदों में की जाने वाली व्यवस्थाओं, अधिकारियों एवं कार्मिकों की नियुक्ति के आदेश जारी करेंगे, इसकी प्रति परिक्षेत्रीय कार्यालय को भी उपलब्ध करायें।

बीमार पत्नी के साथ सीई आवास पर धरना देगा  अवर अभियंता, गलत तरीके से निलंबित करने का आरोप
  • हल्द्वानी ऊर्जा निगम का मामला

देहरादून,18 अप्रैल(निस) ऊर्जा निगम के एक अवर अभियंता  ने निगम के मुख्य अभियंता (सीई) पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके आवास पर पत्नी सहित बेमियादी धरना शुरू करने का ऐलान किया। एई का आरोप है कि उसका निलंबन गलत तरीके महज परेशान करने को किया गया है। ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता ने दो रोज पहले हलद्वानी के बन्नाखेड़ा क्षेत्र में एक स्टोन क्रसर पर छापा मारकर बिजली चोरी पकड़ी थी। बताया जा रहा है कि इस स्टोन क्रसर में निगम के ट्रांसफारमर को हटाकर निजी ट्रांसफारमर लगाकर चोरी की जा रही थी। मुख्य अभियंता ने इस क्रसर का बिजली कनेक्शन काटने के साथ ही लगभग 33 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है। बिजली चोरी के इस मामले में बेलपड़ाव के अवर अभियंता सुबोध नेगी को लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित अवर अभियंता का आरोप है कि मुख्य अभियंता ने उसे महज प्रताड़ित कराने के इरादे से ही उसे गलत तरीके से निलंबित किया गया है। स्टोन क्रसर की ओर जाने वाली बिजली लाइन को सरकारी ट्रांसफारमर से पहले ही जंफर से काटा दिया गया था। ऐसे में बिजली चोरी का सवाल ही नहीं उठता है। अवर अभियंता का कहना है कि अपने इस उत्पीड़न के विरोध में वह रविवार से ही मुख्य अभियंता के आवास पर अपनी बीमार पत्नी और बच्चों के साथ बेमियादी धरने पर बैठ जाएगा। उसका यह धरना निलंबन आदेश निरस्तीकरण तक जारी रहेगा।

किसान रैली को सौंपी जिम्मेदारी 

kishor upadhyay uttrakhand
देहरादून,18 अप्रैल(निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने दिनांक 19 अपै्रल, 2015 को दिल्ली में होने वाली किसान खेत मजदूर कांगे्रस रैली की व्यवस्था हेतु अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रकाश जोशी, विजय सारस्वत, प्रदेश महामंत्री राजपाल बिष्ट, प्रदेश कार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्र शाह एवं किसान कांग्रेस के संयोजक डाॅ0 आनन्द सुमन सिंह को दिल्ली कन्ट्रोल रूम का दायित्व सौंपा है। उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय देहरादून में भी कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है जिसका दायित्व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, पृथ्वीराज सिंह बोरा एवं प्रकाश रतूड़ी को सौंपा गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि रैली की सफलता हेतु प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने 17 अपै्रल 2015 को हल्द्वानी एवं रूद्रपुर में कुमाऊ मण्डल के नेताओं के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। जोशी ने बताया कि उत्तराखण्ड प्रदेेश के दोनों मण्डलों से लगभग 20 हजार से अधिक कांग्रेसजन दिल्ली रैली में भाग लेंगे।

जमीनी फर्जीवाड़ा कर लाखों की चपत लगाई

देहरादून,18 अप्रैल(निस)। दूनघाटी मे भूमाफियाओं ने फिजां में जहर घोलने का काम किया है। भूमाफिया ने सहसपुर क्षेत्र में जमीनी फर्जीवाड़ा कर एक व्यक्ति को लाखों की चपत लगा दी। सहसपुर थाने में  पानीपत हरियाणा निवासी सत्यपालसिंह पुत्र हरजीव सिंह ने  विनोद थापा पुत्र सत्यवीर थापा निवासी धर्मपुर, गजेन्द्र सिंह पुत्र दिगम्बर सिंह निवासी कालसी, हाजी महमूद पुत्र अब्दुल निवासी शंकरपुर व मो. हसन के खिलाफ जमीनी फर्जीवाड़ा कर 28 लाख रूपये ठगे जाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। सत्यपाल सिंह का आरोप है कि उक्त चारों लोगों ने उन्हे अपै्रल 2008 में सेन्ट्रल टाउन सेलाकुई मे ंएक जमीन दिखाई थी और उन्होने उसे अपना बताते हुए उनसे उस जमीन को बेचने का सौदा कर लिया। सत्यपाल सिंह का कहना है कि इस सौदे के एवज में उन्होने अग्रिम राशी के तौर पर उनसे 28लाख रूपये ले लिये। बताया जा रहा है कि जब उन्होने उनसे कुछ समय बाद उस जमीन की रजिस्ट्री कराने की बात कही तो वह आनाकानी करने लगे। इस पर उन्होने जमीन के बारे में छानबीन की तो उन्हे मालूम पड़ा कि जिस जमीन को विनोद थापा व उसके सहयोगी अपना बता रहे है वह तो किसी और की है। इसपर उनके होश उड़ गये और उन्होने विनोद थापा व उसके साथियों से अपने पैसे वापस मांगना शुरू किया तो उन्होने उन्हे यह कहते हुए टहलाना शुरू कर दिया कि हम आपको दूसरी जमीन दे देते है। लेकिन जब उन्होने काफी समय तकन तो उनके पैसे वापस किये गये और नही उन्हे कोई और जमीन दिलायी गयी तो उन्होने सहसपुर थाने आकर उन चारों लोगों के खिलाफ अपने साथ की गयी धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

मानको विरूद्ध सडको पर दौड रहे वाहन

देहरादून,18 अप्रैल(निस)। कोटद्वार को गढवाल का द्वारा माना जाता है। कोटद्वार से गढवाल मण्डल के समस्त राष्ट्रीय, राजकीय और सम्पर्क मार्गो पर छोटे-बडे वाहनो का संचालन मुख्य रूप से किया जाता है। पहाडो में जाने वाले सभी छोटे बडे वाहन कोटद्वार से सवारी लेकर इन पहाडी मार्गो पर सवारीया लेकर रूख करते है। पहाडी मार्गो पर चढने वाले अधिकतर वाहन बिना फिटनेश और परमीट के संचालित किये जा रहे है। सवारी लाने ले जाने की होड के चलते ये वाहन यातायात के नियमो की धज्जीया उडाते नजर आते है। पहाडी मार्गो पर चलने वाले वाहनो पर परिवहन विभाग के अधिकारीयो  की अनदेखी के चलते कई बेकसूर लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पडता है। वही अधिकतर पहाडी मार्ग पर परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत न होने के बाद भी वाहन स्वामियो द्वारा इन मार्गो पर वाहनो का संचालन धडल्ले से किया जाता है। जिसके चलते भी कई बार दुर्घटनाओ में यात्रीयो को अपनी जान गवानी पडती है। उत्तराखण्ड बनने के बाद गढवाल मण्डल में कई सडको का निर्माण हुआ है। कुछ मार्गो को परिवहन विभाग द्वारा वाहन चलाने की अनुमती दे दी है। लेकिन बहुत से ऐसे मार्ग है जिन पर वाहनो का संचालन परिवहन विभाग द्वारा मान्य नही है। मुख्य सडको से ग्रामीण क्षेत्रो को जोडने के लिये कई सम्पर्क सडके निर्माणाधीन है। इन निर्माणाधीन मार्गो पर कई छोटे वाहन जबरन संचालन करने लगे है। जिस कारण निर्माणाधीन सडको पर भी दुर्घटनाये यात्रीयो की जान का सबब बनी हुयी है। बात की जाय कोटद्वार से पौडी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की तो इस राष्ट्रीय राजमार्ग की हालात भी खस्ता नजर आ रही है।  जगह-जगह सड़को के आधे अधूरे निर्माण, टूटे पुस्ते और सडको की आधी अधूरी पेंटिगं दुर्घटना की सबसे बडी समस्या बनी हुयी है।  बिगत वर्ष में कोटद्वार पौडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर दर्जनो दुर्घटनाये हुयी है जिसमें कई लोगो की मौते और दर्जनो लोग घायल हुये है। उसके बाद भी यह सिलसीला रूकने का नाम नही ले रहा है।वही  प्रशासन की मुकदर्शिता यात्राीयो के लिये काल का ग्रास बनी हुयी है।  परिवहन विशेषज्ञो के अनुसार पहाडी क्षेत्रो में हुयी दुर्घनाओ के पीछे शराब पीकर गाडी चलाना, लगातार वाहन चलाने से नींद का आना, वाहन चलाते समय मोबाईल पर बात करना, वाहन चलाते समय म्यूजिक सूनना,  तेज रफ्तार से वाहन चलाना, अनफिट वाहन सडको पर चलाना, ओवरलोडिंग करना, व  ओवर टेक की समस्या सामने आती रहती है। उसके बाद भी प्रशासन इन सबको पनजर अंदाज करता दिखायी देता है। तब कोई दुर्घटना घट जाती है और किसी घर का चिराग बुझ जाता है तब प्रशसान कुछ समय तक हरकत में आकर खाना पूर्ती कर अपनी कार्यवाही को तालो में बन्द कर देता है। कुछ लोगो का मानना है कि पहाडी क्षेत्रो में वाहनो की संख्या अधिक होने से भी दुघर्टना की सम्भावना बन रही है। आलम यह की कुछ लोगो ने अपने निजी वहनो को कमर्शियल रूप् में उपयोग करना शुरू कर दिया है।  जिससे वाहनो की वास्तविक संख्या का पता लगपाता और न ही उनके चलनें का समय। कुछ हद तक तो ये वाहन भी दुर्घटना के कारण माने जाते है।  पुलिस प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनो की संख्या में बेहतहाश वृद्धि भी दुर्घटनाओ का एक कारण है। चारधाम यात्रा को देखते हुए अगर प्रशासन और परिवहन विभाग वाहनो की फिटनेश, सडको की स्थिती बगैर परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत सडको पर वाहनो के सचालन पर रोक और वाहन चालको के समय समय पर स्वास्थय परिक्षण पर ध्यान नही देगा तो फिर इस यात्रा सिजन में कई दुर्घटनाओ के लिये जिम्मेदार बनना होगा।

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