बैंकों तथा तेल निर्यातकों की डॉलर लिवाली और सप्ताहांत पर डॉलर में आयी कमजोरी से बीते सप्ताह रुपये में बड़ी उथल-पुथल दर्ज की गयी और यह पिछले बीस महीने में पहली बार 64 रुपये प्रति डॉलर के पार पहुंच गया।
न्यूनतम वैकल्पिक कर(मैट) के लिए नोटिस के बाद से विदेशी निवेशकों के शेयर बाजार से निकासी करने से रूपये में गिरावट आयी है और डालर की मांग बढ गयी है। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज के अनुसार बीते सप्ताह कारोबारी दिवसों विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से निकासी की। आलोच्य सप्ताह के पहले कारोबारी दिवस रुपया पिछले स्तर पर स्थिर रहा लेकिन अगले सत्र में इसमें 11 पैसे की गिरावट दर्ज की गयी। तीसरे कारोबारी दिवस यह 70 पैसे फिसल कर 20 महीने के बाद 64.24 रुपये प्रति डॉलर पर लुढक गया।
हालाँकि आखिरी कारोबारी दिवस पर डॉलर की कमजोरी से यह 30 पैसे मजबूत हुआ जिससे यह सप्ताहांत पर 63.94 रूपये प्रति डालर पर टिका। अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार के डीलरो के अनुसार डालर की मांग बढने से बीते सप्ताह भारतीय मुद्रा दबाव में रही है। हालाँकि वैश्विक स्तर पर प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर पडने से रूपये को आखिरी दिन बल मिला और दबाव से उबरकर बढत बनाने में सफल रहा।

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