मोदी सरकार ने दी 11 महीने में दो लाख करोड़ से अधिक के रक्षा सौदों को मंजूरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 10 मई 2015

मोदी सरकार ने दी 11 महीने में दो लाख करोड़ से अधिक के रक्षा सौदों को मंजूरी

modgovernment-defence-dealing
वर्षों से अटके पड़े रक्षा सौदों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को रफ्तार देते हुए अपने 11 महीने के कार्यकाल में मोदी सरकार ने दो लाख करोड़ रूपये से अधिक के सौदों को मंजूरी देने के साथ ही रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन बढाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 से 49 फीसदी कर बड़ा नीतिगत कदम उठाया है जिन्हें सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
            
अरबों रूपये का बहुचर्चित राफाल लड़ाकू विमान सौदा भी लंबे समय से बातचीत में फंसा हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद पहल करते हुए संबंधित कंपनी के बजाय ये विमान सीधे फ्रांस सरकार से खरीदने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। लेकिन लंबे समय से वायुसेना के लिए परिवहन विमान खरीदने का मामला इस सरकार के 11 महीनों में आगे नहीं बढ पाया।

भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक एक पेंशन योजना लागू करने का पिछली सरकार में सैद्धांतिक निर्णय होने के बावजूद इस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए नई खरीद नीति लाने की घोषणा की लेकिन अभी तक इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है।

अपनी महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया को धरातल पर लाने के लिए भी रक्षा क्षेत्र को बड़ा जरिया मान रही इस सरकार ने हजारों करोड़ रूपये के रक्षा उपकरणों का देश में ही विनिर्माण करने का निर्णय लिया है।

कोई टिप्पणी नहीं: