बिहार : डीटीओ आॅफिस: नाम बड़े, दर्शन छोटे...! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 18 मई 2015

बिहार : डीटीओ आॅफिस: नाम बड़े, दर्शन छोटे...!


  • - जिला परिवहन कार्यालय में स्मार्ट कार्ड की है किल्लत, पिछले तीन चार माह से विभाग को उपलब्ध नहीं हो सका स्मार्ट कार्ड कार्य प्रभावित
  • - ससमय कंप्यूटर सामग्री, स्मार्ट कार्ड, रिबन आदि की आपूर्ति नहीं करने के कारण आपूर्तिकर्ता श्री इंफोकाॅम प्राइवेट लिमिटेड को काली सूची में दर्ज करते हुए उनकी सुरक्षित राशि को किया गया जब्त, बकाये राशि के भुगतान पर लगी रोक
  • - पिछले तीन माह के दरम्यान यहां तकरीबन 4000 ड्राइविंग लाइसेंस और 10 हजार के आस पास रजिस्ट्रेशन के कार्य स्थगित हैं 

सहरसा: कहने को तो सहरसा को प्रमंडलीय मुख्यालय का दर्जा प्राप्त है लेकिन यहां मौजूद परिवहन कार्यालय की शिथिलता और लापरवाही के कारण आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बात यदि जिला परिवहन कार्यालय, सहरसा की करें तो यहां की स्थिति नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली जैसी है। पिछले कई माह से यहां महज खानापूर्ती का दौर जारी है। छोटे बड़े वाहन मालिकों को गाड़ी के कागजात दुरूस्त कराने में यहां कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। स्मार्ट कार्ड की सप्लाई नहीं होने के कारण आमजनों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है। साथ ही कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत संबंधी आदेश नहीं मिलने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को पटना की ओर मुंह ताकना पड़ता है। 

बता दें कि पिछले तीन माह के दरम्यान यहां तकरीबन 4000 ड्राइविंग लाइसेंस और 10 हजार के आस पास रजिस्ट्रेशन के कार्य स्थगित हैं। लिहाजा लोगों की परेशानी दिनोंदिन जहां बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर विभागीय पदाधिकारी इस दिशा में कुछ सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यहां प्रति माह 500-600 ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन प्राप्त होते हैं जबकि 500-700 आवेदन रजिस्ट्रेशन से संबंधित प्राप्त होते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि पिछले तीन चार माह से बाधित कार्य से आमजनों की परेशानी कितनी बढ़ी होगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस बाबत परिवहन विभाग, बिहार सरकार को संचिका संख्या-02/विविध-32/2014 परिवहन 1349 के तहत तमाम कमियों के बारे विस्तार से जानकारी दे दी गई है लेकिन अब तक स्थिति यथावत है। 

जब्त की गई राशि: मिली जानकारी अनुसार जिला परिवहन कार्यालय एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार कार्यालय में ससमय कंप्यूटर सामग्री, स्मार्ट कार्ड, रिबन आदि की आपूर्ति नहीं करने के कारण आपूर्तिकर्ता श्री इंफोकाॅम प्राइवेट लिमिटेड को काली सूची में दर्ज करते हुए उनकी सुरक्षित राशि को न सिर्फ जब्त कर लिया गया है बल्कि बकाये राशि भुगतान पर भी रोक लगा दिया गया है। सामग्रियों की ससमय आपूर्ति नहीं होने के कारण जहां कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं प्रशासनिक कठिनाई को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था को भी अपनाया जा रहा है और केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 16/2 के प्रावधानों के अंतर्गत ड्राइविंग लाइसेंस को तत्काल पेपर मोड में ही निर्गत करने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि यह लाइसेंस फार्म 07 पर निर्गत होगी और यह छह माह के लिए ही मान्य होंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि दो माह के अंदर स्मार्ट कार्ड की सप्लाई नहीं हो सकी तो ऐसे चालक जिनका लाइसेंस दो तीन माह पूर्व पेपर मोड में निर्गत किए गए थे उनकी परेशानी एक बार फिर बढ़ेगी और उन्हें दोबारा डीटीओ कार्यालय का चक्कर काटना पड़ेगा। 

निर्गत नहीं होता है कमर्शियल लाइसेंस: जिला परिवहन कार्यालय सहरसा से कमर्शियल लाइसेंस निर्गत नहीं हो रहा है। इस आशय जानकारी देते हुए कार्यालय के कर्मी ने कहा कि कमर्शियल लाइसेंस निर्गत नहीं होने से कई आवेदनों पर विचार तक नहीं किया जाता है। जबकि सुपौल व मधेपुरा में यह सुविधा लोगों को मिल रही है। ऐसे में सहरसा के लोगों को कमर्शियल लाइसेंस के लिए महिनों इंतजार करना पड़ता है और इस कार्य के लिए उन्हें पटना के आदेशों का इंतजार करना पड़ता है। 

कहते हैं डीटीओ: इस संबंध में डीटीओ, सहरसा का कहना है कि तमाम कमियों के बारे विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और जल्द ही स्मार्ट कार्ड समेत कई अन्य कमियों को दूर कर लिया जाएगा।   





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कुमार गौरव, 
सहरसा

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