जीएसटी में बदलाव इकनॉमी के लिए ठीक नहीं: मनमोहन सिंह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 9 मई 2015

जीएसटी में बदलाव इकनॉमी के लिए ठीक नहीं: मनमोहन सिंह

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि नए विधेयक में कई सारे बदलाव लाए गए हैं। यह विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। सिंह ने लंबे समय से अटके विधेयक पर कांग्रेस के रुख के संबंध में संवाददाताओं से कहा 'हम इसके विरोध में नहीं हैं। लेकिन इस विधेयक में कई नई बातें हैं जिन पर विचार करने की जरूरत है। इसलिए इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए।' 

मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक के पक्ष में है लेकिन उन्होंने इसमें कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं हैं। सिंह की टिप्पणी महत्वपूर्ण है और इससे जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस के अंतिम रख की जानकारी मिलती है जो जीएसटी को 'अपना मानती' है 'लेकिन संसद में वह न सिर्फ इसकी सामग्री को लेकर बल्कि इस विधेयक को आगे बढ़ाने के तौर तरीकों पर भी विरोध कर रही है।' 

दोनों सदनों में सोमवार से बुधवार तक सिर्फ तीन दिन काम होगा। कांग्रेस के प्रवर समिति पर जोर डालने के बीच ऐसा लगता है कि विधेयक इस सत्र में पारित नहीं होगा। विधेयक कांग्रेस के वॉकआउट करने पर लोकसभा में बुधवार को पारित हो गया था हालांकि, सरकार ने अभी उम्मीद नहीं छोडी है कि सभी दल इस पर एकजुट होंगे। सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि सदन की रणनीति को अंजाम देने वाले कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि यदि इस बार विधेयक को एक प्रवर समिति के पास भेज दिया जाता है तो उन्होंने अगले सत्र में विधेयक को समर्थन देने की इच्छा जाहिर की है। 

सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू ने राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और इसके उप नेता आनंद शर्मा से बात की है जिन्होंने अपना रुख साफ कर दिया है। राजग सरकार जो राज्य सभा में अल्पमत में है वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। सरकार सुरक्षित तरीके से सभी को लेकर आगे बढ़ने के विचार से आगे बढ़ रही है। एक मंत्री ने कहा 'सिर्फ अन्नाद्रमुक ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। कांग्रेस का विरोध विधेयक के बजाय विधेयक को आगे बढ़ाने के तरीके से है।' 

सरकार को द्रमुक, एसपी, बीएसपी, वाम और जेडीयू से इस मुद्दे पर समर्थन मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा आशंका है कि कांग्रेस वृहत्तर विपक्ष के मुद्दे को उठाती है तो इस विधेयक पर समर्थन हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। सोनिया गांधी के इस मुद्दे पर लोकसभा से वॉकआउट करने के बाद कांग्रस का राज्य सभा में विधेयक को समर्थन प्रदान करना या वाकआउट के जरिए इस विधेयक को पारित होने देने की संभावना नहीं है। एक मंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री अरण जेटली इस विधेयक को आम सहमति से राज्य सभा में पारित कराने के इच्छुक हैं। इस बीच देश में आर्थिक सुधार शुरू करने वाले जाने-माने अर्थशास्त्री सिंह ने हाल ही में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा 'इससे वित्तीय घाटे पर दबाव पडेगा और हालात मुश्किल होंगे।' दो दौर की कटौती के बाद 30 जनवरी को वैश्विक रख के मद्देनजर पेट्रोल की कीमत 3.96 रपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 2.37 रपए प्रति लीटर बढ़ा दी गई। 

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