कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे.जयललिता को बरी कर दिया। जयललिता को बेंगलुरू की एक विशेष अदालत ने 27 सितंबर, 2014 को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने तीन अन्य को भी इस मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल के कारावास और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
मामले में बरी कर दिए जाने की सूचना मिलने के बाद उनके आवास के बाहर जश्न का माहौल है। न्यायालय के इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे और उन्होंने पटाखे छोड़े। उन्होंने 'अम्मा जिंदाबाद' के नारे लगए और मिठाइयां बांटी। कुछ लोगों ने नारियल फोड़े, जो शुभ काम का प्रतीक होता है।
एआईएडीएमके के कार्यकर्ता न्यायालय के फैसले के इंतजार में सुबह से जयललिता के आवास के बाहर जमा हो गए थे। न्यायालय ने 66.65 करोड़ रुपये से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए जयललिता को आरोपों से बरी कर दिया है।

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