सरकार ने सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में फिर से पेश किया। यह विधेयक फरवरी में बजट सत्र के प्रथम चरण के दौरान लोकसभा में पारित हो गया था। लेकिन यह राज्यसभा में लंबित था। राज्यसभा का मार्च में सत्रावसान कर दिया गया था।
भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन में निष्पक्ष मुआवजा एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2015 एक अध्यादेश का स्थान लेगा, जिसे अप्रैल में दोबारा लागू किया गया है। इस अध्यादेश के जरिए संप्रग सरकार के दौरान 2013 में पारित अधिनियम के कुछ प्रावधानों को संशोधित किया गया है।
पुराने कानून से जिन प्रमुख बिंदुओं को हटाया गया है, वे सहमति के प्रावधान और सामाजिक प्रभाव आकलन अध्ययन से संबंधित हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित लगभग सभी विपक्षी दलों ने नए मसौदा विधेयक का विरोध किया है।

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