बिहार : एक दिन में साक्षरता प्रेरकों को मिलता है 66.66 पैसे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 मई 2015

बिहार : एक दिन में साक्षरता प्रेरकों को मिलता है 66.66 पैसे

  • वहीं अकुशल मजदूरों को प्रतिदिन 178 रूपए मिलते हैं

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पटना। निरक्षता दूर करने वाले साक्षरता प्रेरकों का जमकर शोषण किया जा रहा है। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय/शिक्षा मंत्रालय द्वारा सूबे के 38 जिलों में साक्षर भारत मिशन संचालित है। राज्यव्यापी निरक्षता उन्मूलन योजना को साल 2011 में लागू किया गया। आदर्श आरक्षण रोस्टर के अनुकूलन पालन कर राज्य के सभी पंचायतों में दो प्रेरकों का नियोजन किया गया है। 

इन सारक्षता प्रेरकों को संविदा के तहत 2000/- रूपए प्रति माह मानदेय के आधार पर नियुक्ति की गयी। एक सारक्षता प्रेरक को एक दिन में 66.66 पैसे दिए जाते हंै। जो न्यूनतम मजदूरी से कोसो दूर है। इन दिनों अकुशल मजदूरों को प्रतिदिन 178 रूपए दिए जाते हैं। अर्धकुशल मजदूर को 185 रूपए दिए जाते हैं। इसी तरह कुशल मजदूर को 228 रूपए मिलते हैं।अतिकुशल मजदूर को 278 रूपए मिलते हैं। पर्यवेक्षीय या लिपिकीय को अब 5135 रूपए प्रतिमाह मिलता है।अब केन्द्र और राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए कि इनको किस श्रेणी में रखा जाए?

राजधानी पटना में स्थित कारगिल चैक के निकट बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक संघ के तत्वावधान में आमरण अनशन प्रारंभ किया गया। इसमें गया,औरंगाबाद,मधेपुरा,नवादा,सहरसा,नालंदा,जहानाबाद,पश्चिमी चम्पारण आदि जिलों से साक्षरता प्रेरक आए थे। बिहार राज्य साक्षरता प्रेरक संघ के अनुज कुमार राय ने कहा कि राज्य के सभी पंचायतों में साक्षरता के कार्यक्रमों को अंजाम देने हेतु पंचायत लोक शिक्षा केन्द्र को मूर्त रूप प्रदान किया गया है। इसका सफल संचालन हेतु 2250/- रूपए प्रति माह कार्यालय व्यय की राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। आगे कहा कि प्रेरक अपने पंचायत पोषक क्षेत्र में सभी स्वयं सेवकों का चयन, उनका प्रशिक्षण, उनके केन्द्र का भ्रमण निरीक्षण अनुश्रवण के साथ साथ पंचायत लोक शिक्षा केन्द्र का पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 5 बजे तक पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करते हैं। जिसके कारण जीवकोपार्जन हेतु कोई अन्यंत्र कार्य नहीं कर पाते हैं। 

साक्षरता प्रेरकों की मांग है कि प्रेरकों के मानदेय में यथाशीघ्र वृद्धि की जाए। सभी प्रेरकों के लिए बेसिक पे ग्रेड-सरकारी सेवा संहिता लागू हो तथा इनकी सेवा स्थायी कर इन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए। प्रेरकों को भी सरकारी कर्मचारी की भांति विभागीय सुविधाओं का लाभ दिया जाए तथा अवकाश कैलेंडर व मार्ग निर्देशिका उपलब्ध करवायी जाए। पंचायत लोक शिक्षा समिति के बैंक खाता शीघ्र संचालन कर संबंधित राशि उनके खाता पर उपलब्ध करवायी जाए। बकाया मानदेय, कार्यालय व्यय की राशि एवं लोक शिक्षा केन्द्र हेतु आवर्ती व अनावर्ती व्यय की राशि के भुगतान को अघतन किया जाए तथा केन्द्र से आवंटित राशि को सीधे पंचायत लोक शिक्षा समिति के खाता पर दी जाए। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित विधि विकासात्मक योजनाओं से भी प्रेरकों को जोड़ा जाए तथा इससे संबंध अतिरिक्त कार्य हेतु उन्हें अलग से पारिश्रमिक उपलब्ध करवायी जाए। पंचायत लोक शिक्षा केन्द्र को एक कौशल विकास केन्द्र , सूचना केन्द्र, दूरस्थ शिक्षा केन्द्र,पुस्तकालय व वयस्क विघालय के रूप में विकसित किया जाए। सरकार के मापदंड के आधार पर कार्यरत प्रेरकों का भी बीमा संबंध अनुभाग द्वारा करवायी जाए। अतिरिक्त किसी कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु अग्रिम राशि पंचायत लोक शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध करवाया जाए। प्रेरकों, स्वयंसेवकों एवं नवसाक्षरों के ज्ञान, गुण,कला, कौशल एवं अभिवृति के संबंध हेतु समय पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाए और अंत में राज्य सरकार/भारत सरकार द्वारा प्रेरकों की पहचान पत्र निर्गत किया जाए। 

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