बिहार : कारगिल चैक पर एक दिवसीय उपवास और धरना दिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 मई 2015

बिहार : कारगिल चैक पर एक दिवसीय उपवास और धरना दिया

  • अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन करने की धमकी

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पटना। क्या इस सुशासन सरकार को समझाया जा नहीं सकता है?हां, कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। जिन प्रमाण-पत्रों के आधार पर सरकार के द्वारा अमीनों को योगदान कराने में आनाकानी की जा रही है उन्हीं प्रमाण-पत्रों के आधार पर वर्तमान में लगभग सभी अमीन कार्यरत हैं तथा सरकार के द्वारा लगातार नियोजन व नियुक्ति की जा रही है। तब क्यों ने कारगिल चैक पर उपवास और धरना देने वाले अमीनों की बहाली की जा रही है?

अमीन संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश तिवारी कहते हैं कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 01010114 (पद-अमीन) के तहत अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों को किया गया। चयनित अभ्यर्थियों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा योगदान कराने में जान-बुझकर अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है। जबकि राज्य में अमीनों की बेहद कमी है। 

अमीन संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश तिवारी कहते हैं कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अमीदन पर (विज्ञापन संख्या 01010114) के लिए ली गई प्रतियोगिता परीक्षा में असफल कुछ अभ्यर्थियों द्वारा इस नियुक्ति में बाधा पहुंचाया जा रहा है। असफल अभ्यर्थियों ने अपने मकसद को साकार करने के उद्देश्य से माननीय पटना उच्च न्यायालय में वाद दायर कर दिया गया है। इस नियुक्ति के संबंध में सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए 23 जून 2015 तक समय दिया गया है। 

अमीन संघ के सचिव प्रमोद कुमार का कहना है कि वर्ष 2004 में भी विज्ञापन संख्या 604/04 द्वारा पचास अमीनों की नियमित नियुक्ति रोकने के लिए भी असफल अभ्युर्थियों द्वारा इसी प्रकार का षडयंत्र किया गया था। लम्बी न्यायिक प्रक्रिया के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सी.डब्ल्यू.जे.सी. नम्बर 5273/2006 तथा सी.डब्ल्यू.जे.सी. नम्बर 7338/2006 में माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में नियुक्ति कराया गया। विज्ञापन संख्या 604/04 के तहत सफल अभ्यर्थियों तथा विधिवत प्रशिक्षण के उपरांत अमानत प्रमाण पत्र निर्गत करने वाली मान्यता प्राप्त संस्थाओं के विरूद्ध पड़यंत्र कर लगाए गए सभी आपराधिक आरोपों/प्राथमिकी को भी माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा सीआर.मिस.नम्बर 20884/2006 में पारित न्यायादेश से निरस्त कर दिया गया। 

एक दिवसीय उपवास और धरना में शिरकत करने वालों का कहना है कि नियमित नियुक्ति में विलम्ब मात्र के उद्देश्य से किए जा रहे पड़यंत्र के खिलाफ सड़क से न्यायालय तक संपूर्ण संघर्ष के लिए अमीन प्रतियोगिता परीक्षा सफल सभी अमीन अभ्यर्थी संकल्पित हैं। राज्य में अमीनों की बेहद कमी तथा अमीनों की नियुक्ति में अनावश्यक विलम्ब के विरोध में सफल अमीन अभ्यर्थियों द्वारा इस एक दिसवसीय उपवास और धरना का आयोजन किया गया है। यदि इस नियुक्ति के संबंध में सरकार द्वारा यथाशीघ्र सकरात्मक कारवाई नहीं की जाती है तो बिहार सरकार के इस दोहरी नीति के विरूद्ध द्वि-स्तरीय कठिन प्रतियोगिता परीक्षा उत्र्तीण सभी अभ्यर्थियों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन किया जाएगा। 

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