ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ ढाका जाएंगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 13 मई 2015

ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ ढाका जाएंगी

करीब चार साल पहले सितंबर 2011 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका जाने से इनकार कर दिया था। ममता ने यह फैसला अचानक लिया था क्योंकि मनमोहन सिंह के साथ उनकी ढाका यात्रा तय थी। इंडिया-बांग्लादेश रिश्तों में जान फूंकने के लिए पीएम मोदी जून में ढाका जाने वाले हैं। इस बार मोदी के साथ ममता बनर्जी भी जाएंगी। 9 मार्च 1972 में दोनों देशों के बीच हुई संधि की अवधि 1997 में ही खत्म हो गई है।

पिछले हफ्ते मोदी कोलकाता पहुंचे थे। खबर है कि उन्होंने नजरुल मंच पर ममता से बातचीत के दौरान साथ में ढाका चलने को कहा। शुरुआती बातचीत में पीएम और सीएम के बीच इस यात्रा को लेकर सहमति बन गई है। हालांकि राज्य सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। मोदी के इस प्रस्ताव पर ममता ने कहा कि उन्हें जुलाई में चार दिवसीय यात्रा पर लंदन जाना है। उन्होंने पीएम से कहा कि यदि बांग्लादेश दौरे की तारीख फाइनल हो जाती है तो वह उसी हिसाब से तैयारी करेंगी।

ममता की मोदी के साथ ढाका यात्रा के बाद केंद्र से 3,009 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज मिलने का रास्ता और सुनिश्चित हो जाएगा। भारत-बांग्लादेश सीमा पर 111 परिक्षेत्रों से आबादी को बसाने में संसद ने इस मुआवजे का वादा किया है। ममता ने मोदी से कहा है कि दोनों देशों के बीच परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान से पहले मुआवजा पहली आवश्यकता है। इस मुआवजे के बाद केंद्र और राज्य के बीच तनातनी की स्थिति खत्म होगी। जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तीन बीघा कूचबिहार गए थे तो ममता ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। ममता बनर्जी तब उत्तर बंगाल में थीं। वह ने इस बात से परेशान थीं कि राजनाथ सिंह बिना बात किए कूच बिहार क्यों गए।

इस साल फरवरी में ममता बनर्जी ढाका गई थीं। उन्होंने बांग्लादेश में कहा था कि वह दो मुद्दों- दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी के पानी की साझेदारी और लैंड बाउंडरी ऐग्रिमेंट पर बने गतिरोध को खत्म करना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह पीएम से बात कर इन मुद्दों को जल्द सुलझा लेंगी। राज्य के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ममता की इस यात्रा से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के बीच दोस्ती के साथ इंडो-बांग्ला रिश्तों पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।

कोई टिप्पणी नहीं: