किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल में ज्यादती के बाद 42 साल तक कोमा में रहीं नर्स अरुणा शानबाग की सोमवार को मौत हो गई। अरुणा के निधन की जानकारी केईएम के डीन अविनाश सुपे ने दी। उन्होंने बताया कि अरुणा का अंतिम संस्कार सोमवार को दिन में होना है। इसके लिए पुलिस से इजाजत ली जा रही है व अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। सुपे ने जनता से अरुणा के परिचितों या किसी भी जानने वाले तक पहुंचने में मदद करने की अपील की है, ताकि वे लोग तुरंत अस्पताल से संपर्क कर सकें।
उल्लेखनीय है कि केईएम अस्पताल में जूनियर नर्स का काम करने वाली अरुणा शानबाग 27 नवंबर, 1973 को ड्यूटी पर आई थी। वहीं काम करने वाले एक संविदा सफाईकर्मी सोहनलाल बी. वाल्मीकि ने अरुणा को अकेले पाकर बदनीयत से उन पर हमला किया। उन्हें जंजीरों से बांधकर उनके साथ दुष्कर्म किया।
यही नहीं, जंजीर से उनका गला घोंटने की कोशिश भी की, जिससे उनके मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक गई। नतीजतन, अरुणा की मस्तिष्क नलिका (ब्रेन स्टेम) चोटिल हो गई। उनकी ग्रीवा रज्जू (सर्विकल कॉर्ड) में भी गंभीर चोटें आईं थीं। वह उसी दिन से कोमा में थीं।

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