कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से पारदर्शिता, भ्रष्टाचार और गुड गवर्नेंस के बड़े-बड़े वादों को पूरा नहीं किया। सोनिया ने कहा कि, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार बयानबाजी न करे, एक्शन ले। सुबह सोनिया गांधी ने संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम मोदी पर विदेशी धरती पर यूपीए सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस आज लोकसभा में इस पर स्थगन प्रस्ताव ला सकती है।
सोनिया गांधी ने सरकार से पीएमओ, रक्षा मंत्रालय समेत कई विभागों को आरटीआई के दायरे में लाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और लोकपाल समेत सभी उच्च संवैधानिक पदोंं के खाली होने पर सवाल उठाया। सोनिया ने कहा कि, बीजेपी के सांसद महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन कर रहे हैं, जो देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
राहुल गांधी ने मौजूदा सरकार को सूटबूट की सरकार बताया, उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी किसानों से उनकी जमीन छीनना चाहते हैं। सरकार में एक ही आदमी के पास सारी पॉवर है। साथ ही आरोप लगाया कि सरकार यूपीए के बनाए गए आरटीआई एक्ट को खत्म करना चाहती है। आम जनता को जानकारी देने से मना किया जा रहा है।
रणनीति बनाने के लिए बीजेपी ने बुधवार को संसदीय दल की बैठक बुलाई। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित किया। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू मंगलवार को सहयोगी दलों के नेताओं से मिले। लोकसभा में बिल पास कराने के लिए उनके सांसदों से सदन में मौजूद रहने का आग्रह किया। संविधान संशोधन बिल होने के कारण इसके लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है।
वहीं, कांग्रेस समेत सभी विरोधी दलों ने जीएसटी बिल की दोबारा समीक्षा करने की मांग की है। इसके अलावा कालाधन और रियल स्टेट बिल के विरोध में भी पूरा विपक्ष एकजुट हैं। संभावना है कि आज विपक्ष इन बिलों की समीक्षा के लिए एक संसदीय समिति बनाने की मांग संसद में कर सकता है। ऐसे में समय की कमी के चलते जीएसटी बिल इस सत्र में पास होने की उम्मीद कम ही है। लोकसभा का मौजूदा सत्र 8 और राज्यसभा का सत्र 13 मई को समाप्त होगा।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें