उत्तराखंड की विस्तृत खबर (18 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 18 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (18 मई)

उत्तराखण्ड विधानसभा के विषेष सत्र में राष्ट्रपति का सम्बोधन, प्रश्नकाल को सबसे अधिक महत्वपूर्ण हथियार बताया
  • विधायक स्कूल,कालेजों पर रखंे पैनी नजर , विधायक जनता और सरकार के बीच कड़ी के रूप में कार्य करें: प्रणब मुखर्जी 

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देहरादून, 18 मई । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विधायकों का कार्य चैबीसों घंटे का है। इसलिए उन्हें हर समय जनता की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। उत्तराखण्ड विधानसभा के विशेष सत्र में अपने संबोाध्न के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संविधान में विधानसभा को राज्य में शासन के केंद्र में रखा गया है। उसे सुशासन तथा सामाजिक, आर्थिक बदलाव का प्राथमिक उपकरण माना गया है। उन्होंने कहा कि विधायक पर 24 घंटे काम करने का उत्तरदायित्व है। उन्हें जनता की समस्याओं के निदान के लिए हर समय तत्पर रहना चाहिए। जन समस्याओं को सदन में उठाकर उनकी आवाज बनना चाहिए।  उन्होंने यह भी कहा कि विधायक जनता और सरकार के बीच कड़ी के रूप में कार्य करें। युवा और महत्वाकांक्षी लोग विधायक से एक सेवा प्रदाता बनने की उम्मीद करते हैं। पांच साल पूरे होने पर जनता हिसाब मांगेगी कि उन्होंने अपना दायित्व किस प्रकार निभाया। हम सभी चुने गए लोगों को याद रखना चाहिए कि जनता हमारी मालिक है।  सभी ने यहां पहुंचने के लिए वोट मांगे हैं और जनता का समर्थन प्राप्त किया है। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संसदीय प्रणाली के प्रभारी संचालन का बुनियादी सिद्धांत यह है कि बहुमत शासन करेगा तथा अल्पमत विरोध करेगा, खुलासा करेगा और संभव हुआ तो पद से च्युत भी करेगा। तब भी अल्पमत को बहुमत का निर्णय स्वीकार करना चाहिए। बहुमत को अल्पमत के विचारों का सम्मान भी करना चाहिए। राष्ट्रपति ने विधायकों को संसदीय परंपराओं, परिपाटियों व प्रक्रियाओं के संबंध में मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने कहा कि सदन में हमेशा अनुशासन एवं शालीनता बनाए रखी जानी चाहिए और नियमों, परंपराओं तथा शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए। असहमति को शालीनता से तथा संसदीय व्यवस्थाओं की सीमाओं और मापदंडों के तहत ही व्यक्त किया जाना चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था में परिचर्चा, असहमति तथा निर्णय का स्थान होना चाहिए, न कि व्यवधान का। राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे प्रदेश में विधायकों द्वारा विधि निर्माण पर लगाया जाने वाला समय धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, जो कि खेदजनक है। अध्यक्षों के सम्मेलनों में बार-बार इस बात पर जोर दिया जाता है कि प्रतिवर्ष कम से कम सौ दिन बैठकें होनी चाहिए। प्रशासन व्यवस्था की बढ़ती जटिलताओं के चलते कानून पारित करने से पूर्व पर्याप्त परिचर्चा और जांच होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो यह अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाएगी। विधि निर्माण और वित्त के मामलों मंे खासकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। यह स्मरणीय है कि विधायिका के अनुमोदन के बिना कार्यपालिका न तो कोई खर्च कर सकती है और न ही कोई कर लगा सकती है। यही नहीं विधायिका की मंजूरी के बिना समेकित निधि से एक भी पैसा निकाला जा सकता है। राष्ट्रपति ने संतोष व्यक्त किया कि 16वीं लोकसभा पूरी गंभीरता से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर रही है। 16वीं लोकसभा ने अभी तक 90 दिन बैठकें की हैं तथा इस दौरान 55 सरकारी विध्ेायक पारित किए गए। हाल ही में 24 विध्ेायक पारित हुए। उन्होंने यह भी कहा कि सदन तात्कालिक सरकारी कार्य पूरा करने के लिए जहां चैथे सत्र के दौरान 55 घंटे 19 मिनट की देरी तक बैठा, वहीं यह दुख की बात है कि व्यवधान व जबरन स्थगन के कारण 7 घंटे 4 मिनट बर्बाद हो गए।   उन्होंने उत्तराखण्ड सहित अन्य विधानसभाओं से अपेक्षा की है कि बैठकों की संख्या बढ़ाने पर विचार करें, ताकि राज्य के मुद्दों पर गंभीर परिचर्चा व बहस हो सके। उन्होंने विधान मंडलों को जनता के और करीब लाने के लिए तथा उसे विधायिका की कार्य प्रणाली से परिचित कराने के लिए विधानसभा का संग्रहालय स्थापित करने का भी सुझाव दिया। इसके अलावा सत्रों का अवलोकन करने के लिए छात्रों को आमंत्रित करने और पंचायतों तथा स्थानीय निकायों के सदस्यों के लिए क्षमता विकास कार्यक्रमों का आयोजन करने की नसीहत भी दी।  राष्ट्रपति ने प्रश्नकाल को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इसे विधायकों का महत्वपूर्ण विशेषाधिकार बताते हुए उसके पूर्ण सदुपयोग की सलाह दी। इस संबंध में उन्होंने 1923 में मद्रास विधान परिषद के सदस्य बने एस. सत्यमूर्ति का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने एक विधायक के रूप में थोड़े से समय में प्रश्नकाल में अपनी ऐसी धाक जमाई कि प्रश्न पूछने की कला में महारथ हासिल कर ली। उन्हें प्रश्नकाल के आतंक के रूप में जाना जाता था। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा ने कई प्रगतिशील कानूनों के माध्यम से राज्य की जनता के कल्याण को बढ़ावा दिया। अब राज्य को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने में नेतृत्व प्रदर्शित करने का समय आ गया है। उत्तराखण्ड ज्ञान की परंपरागत पीठ रहा है, जहां कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा ही वह मंत्र है, जो देश में बदलाव ला सकता है। उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र के स्कूल, कालेजों के हालात का स्वयं जायजा लें और सुनिश्चित करें कि वहां विद्यार्थी जा रहे हैं, अध्यापक पढ़ा रहे हैं और सर्वोत्तम शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने स्वच्छ गंगा और स्वच्छ भारत के लक्ष्य को अपने हाथ में लेने का आग्रह भी विधायकों से किया। राष्ट्रपति ने अपना भाषण प्रकृति कवि सुमित्रानंदन पंत की इन पंक्तियों से संपन्न किया-
‘‘कोटि-कोटि हम श्रमजीवी सुत
सर्व एक मत, एक ध्येत रत,
जय भारत हे, जाग्रत भारत हे।

उत्तराखण्ड में विकास की अपार सम्भावनाएं, गैरसैण मंे विधानसभा भवन निर्माण का कार्य तेज: राज्यपाल
राज्यपाल डा.कृष्ण कान्त पाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य गठन के आन्दोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप गैरसैण मंे विधानसभा भवन निर्माण का कार्य तेजी से जारी है। हमें आशा है कि इससे राज्य के विकास को और तेज गति मिलेगी। यह महसूस किया गया है कि लोकतांत्रिक इकाईयों की मजबूती से प्राप्त विकास दर में वृद्धि, संतुलन, तथा स्थिरता लाकर आम आदमी को लाभ दिलाया जा सकता है। मेरी सरकार एक स्वच्छ, पारदर्शी, सक्रिय तथा जवाबदेह सुशासन के आधार पर अपने कार्य-दायित्वों का निष्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा का सबसे अच्छा रिकाॅर्ड रहा है। हमारे विधान सभा सदस्यों में उत्तरदायित्वों के प्रति गम्भीरता, सदन में शिष्टाचार निभाने की परम्परा, जनहित के कार्यो को समय पर रचनात्मक ढंग से पूरा करने तथा सामाजिक समरसता बनाने के लिए प्रतिबद्वता दिखाई देती है। सभी विधायकों का यह प्रयास रहता है कि राज्य में समावेशी विकास से सभी धर्मो तथा वर्गो के हितों की रक्षा की जा सके। मैं आशा करता हूँ कि यह परम्परा भविष्य में भी बरकरार रहेगी। उन्होने कहा उत्तराखण्ड में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। भरपूर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन हंै। राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी, पलायन, चिकित्सा एवं शिक्षण सुविधाओं के अभाव की चुनौतियों के बावजूद राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों को पूरा करने के प्रयास जारी हैं। पर्वतीय राज्य की कठिन परिस्थितियों के बावजूद विधानसभा चुनाव 2002 में 54.21 प्रतिशत, 2007 में 63.96 प्रतिशत, 2012 में 73 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी प्रकार लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2004 में 48.74 प्रतिशत, 2009 में 53.96 प्र्रतिशत और 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान ने यह साबित किया है कि हमारे राज्य के नागरिकों को लोकतांत्रिक व्यवस्था की गरिमा, अपनी अधिकारिता और जिम्मेदारी का पूरा एहसास है। इन सभी निर्वाचनों में पुरूषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय रूप से हो रही बढ़ोत्तरी ने उत्तराखण्ड में महिलाओं की जागरूकता तथा लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था का सुखद संदेश दिया है। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के कारण देश-दुनिया में उत्तराखण्ड के प्रति जो  धारणा बन गई थी, हमने उसे चुनौती के रूप में लिया। आज हम उत्तराखण्ड का आपदा से पहले का वैभव वापस लाने तथा यहाँ आने वाले प्रत्येक पर्यटक और तीर्थयात्री के सुरक्षित व सुविधाजनक स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। 

सरकार पलायन को रोकने के लिए प्रयत्नशील: हरीष रावत
केदारनाथ धाम में चल रहा पुर्ननिर्माण का कार्य, हमारे सामुहिक संकल्प का द्योतक
वहीं मुख्यमंत्री हरीष रावत ने विषेष सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा हमने आपदा की भयावह त्रासदी झेली है। सबके सहयोग व आर्शीवाद से हम त्रासदी से उभरने का प्रयास कर रहे हैं। श्री केदारनाथ धाम में चल रहा पुर्ननिर्माण का कार्य, हमारे सामुहिक संकल्प का द्योतक है। त्रासदी की व्यापकता से पूर्णतः उभरने और तेजी से आगे बढ़ने में, हमें समय लगेगा। इस दौर में हमें उदार आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। आपदाग्रस्त विशाल भू-भाग, जो पाॅच से अधिक जिलों को अपने में समेटे हुये है, पुर्ननिर्माण की एक कठिन चुनौती है। आपदा से संकटग्रस्त 350 गाॅवों का, सुरक्षित स्थान पर विस्थापन, राज्य के सम्मुख सबसे बड़ा सवाल है। मुझे यह स्वीकार करने में संकोच नहीं है, हम मात्र अपने दम पर, इस बड़ी समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं।  हमें उदार सहयोग की अपेक्षा है। उन्होने कहा इस भू-भाग में, गंगा यमुना का मायका है। जल संवर्धन के अपने कर्तव्य की पूर्ति के लिए, वर्षा के जल संरक्षण पर, बोनस देने की नीति लागू करने की ओर, हम अग्रसर हो रहे हंै। हरित उत्तराखण्ड, उत्तर भारत के पर्यावरण की गारन्टी है। हम वृक्षारोपण के लिए अपने नागरिकों को प्रेरित करने हेतु, उन्हें नकद प्रोत्साहन राशि दे रहें हैं। हमें मालूम है, हमारी इन्हीं विशेषताओं के संरक्षण के लिए ही, हमें विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है। आप जैसे कुशल अर्थशास्त्रियों की देख-रेख में, हमारे राज्य के लिए, निर्धारित योजनाओं में, धन आवंटन की नीति अत्यधिक उदार रही है। सभी केन्द्रीय सरकारों ने इस नीति का पालन किया है। उन्होने कहा हम सीमा के प्रहरी भी हैं। हमारा विशाल भू-भाग, चीन और नेपाल की सीमा से लगा हुआ है। आर्थिक अवसरों के अभाव में, इस सीमान्त क्षेत्र से निरन्तर खाली होते गाॅव, किसी भी मुख्यमंत्री की चिन्ता को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है। वर्तमान स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चितंनीय है। हमारी सरकार पलायन को रोकने के लिए प्रयत्नशील है, इस सत्य को, देश को भी स्वीकारना होगा, कि सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रूके और इस हेतु राष्ट्रीय नीति बनाई जाय। आपदा व आर्थिक संकट की चुनौतियों से जुझते हुये आगे बढ़ते रहना, हमारा राजकीय संकल्प है। इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने राष्ट्रपति प्रणब मुकर्जी का उनका स्वागत कर सदन को सम्बोधित किया

देवभूमि उत्तराखंड में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हुआ स्वागत 

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देहरादून, 18 मई (निस)। देवभूमि उत्तराखंड में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भव्य स्वागत किया गया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट और राजभवन में राज्यपाल डा. कृष्णकांत पाल, राष्ट्रपति की सचिव और राज्यपाल की पत्नी ओमिना पाल, मुख्यमंत्री हरीश रावत और देहरादून के मेयर विनोद चमोली ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सोमवार को दोपहर लगभग 1 बजकर 20 मिनट पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, वहां पर उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल और मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनका स्वागत किया। वहां से राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ जीटीसी हेलीपैड से चॉपर पर बैठकर राजभवन पहुंचे। राजभवन में राष्ट्रपति का स्वागत किया गया। इसके पश्चात 3.45 बजे राष्ट्रपति विधानसभा के लिए रवाना हुए। विधानसभा में विधायकों को संबोधित करने के बाद राष्ट्रपति राजभवन पहुंचे। राजभवन में राष्ट्रपति के स्वागत में सांस्कृति संध्या आयोजित की गई। उत्तराखंड की लोक गायिका बसंती बिष्ट द्वारा ईस्ट वंदना प्रस्तुत की गई। राजभवन में राष्ट्रपति आमंत्रित अतिथियों से मिलेे। 19 मई को पूर्वाह्न पौने ग्यारह बजे राष्ट्रपति द्वारा राजभवन के हरित प्रांगण में पौधारोपण किया जाएगा। इसके पश्चात राष्ट्रपति जीटीसी हेलीपैड के लिए प्रस्थान करेंगे। राजभवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगमन पर उनके भोजन का खास ख्याल रखा गया। परंपरागत व्यंजनों के साथ ही स्थानीय उत्पादों से बना भोजन महामहिम को परोसा गया। झंगोरे की खीर स्पेशल डिस के तौर पर तैयार की गई थी। मकई पालक, पनीर, कढ़ी पकौड़ी, कद्दू की सब्जी भी महामहिम के भोजन में शामिल रही।

राष्ट्रपति के दौरे के दौरान जाम का झाम 

देहरादून, 18 मई (निस)। राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर प्रदेश की राजधानी देहरादून के विभिन्न शहरी इलाको में दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। राष्ट्रपति के दून आगमन पर सुरक्षा की दृष्टि से कई रूट डाईवर्ट किए हुए थे। जिससे बड़े पैमाने पर आवाजाही भी प्रभावित हुई। सोमवार को शाम तक लोग जाम की समस्या से ही जुझते नजर आए। राष्ट्रपति की सुरक्षा की दृष्टि से शहर के चप्पे-चप्पे पुलिस बल तैनात था। शहर के मुख्य क्षेत्रों में दिन भर पुलिस की गश्त जारी रही। सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जौली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतरकर तय कार्यक्रमानुसार सीधे राजभवन पहंुचे। राष्ट्रपति के आगमन से पूर्व ही प्रशासन ने डोईवाला से लेकर राजभवन तक मार्ग का ट्रैफिक डाईवर्ट किया था। जिसके कारण डोईवाला से शहर पहंुचने वाले संपर्क मार्गो में दिन भर जाम की स्थिति देखने को मिली। सुरक्षा की दृष्टि से दोपहर तीन बजे के करीब एक घंटे के लिए न्यू कैंट रोड़ व राजपुर रोड़ का पुलिस ने ट्रैफिक रोकना शुरू कर दिया था। जिससे राजपुर रोड़ पर मसूरी डाईवर्जन तक लंबा जाम लग गया। जिसके बाद जाम की स्थिति से घंटो तक नही निपटा जा सका, जिससे लोग हलकान दिखे। राजपुर रोड़ पर घंटो जाम की स्थिति विकट बनी  रही,गाडि़यां रेंग- रेंग कर अपने गंतव्य की ओर बढ़ती दिखी। घंड़ी कैंट से हाथी बड़कला होकर शहर जाने वाले वाहनों को भी काफी देर तक अन्य मार्गो की ओर डाईवर्ट किया गया था। जिससे गढ़ी कैंट से शहर की ओर जाने वाले अधिकांश वाहन कौलागढ़ रोड़ होकर निकले, जिससे विजय काॅलोनी,हाथीबड़कला,सालावाला क्षेत्र में लोगों की आवाजाही काफी समय तक प्रभावित रही। दोपहर करीब तीन बजे कुछ समय के लिए न्यू कैंट रोड़ बाजार को भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद करा दियंा गया था। राष्ट्रपति की सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखण्ड पुलिस दिन भर मुस्तैदी के साथ अपने कार्य को अंजाम देती रही। हर दस कदम की दूरी पर पुलिस कर्मी तैनात मिले। पुलिस के आलाधिकारी भी दिन भर विभिन्न क्षेत्रों में पैट्रोलिंग करते नजर आए।

शहीद स्मारक स्थल पर तालाबंदी से आन्दोलनकारी भड़के

देहरादून, 18 मई (निस)। राष्ट्रपति के दून आगमन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने सोमवार को कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर ताला जड़ दिया। जिससे राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों का आक्रोश भड़क गया और उन्होंने एसपी सिटी कार्यालय का घेराव कर पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ नाराजगी जताई। पिछले काफी समय से सरकारी नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारी समय-समय पर चरणबद्ध  आंदोलन करते आ रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार की दोपहर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की संयोजक वीरा भंडारी के नेतृत्व में करीब तीस आंदोलनकारी कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक स्थल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शहीद स्मारक स्थल का गेट बंद कर आरक्षण की मांग को लेकर नारे भी लगाए। इसी बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और राष्ट्रपति आगमन के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से शहीद स्मारक स्थल के गेट पर ताला जड़ दिया पुलिस की इस कार्यवाही पर आंदोलनकारी भड़क गए। मौके पर कुछ उक्रांद कार्यकर्ता भी पहुंचे और उन्होंने भी तालाबंदी का विरोध किया। इसके बाद राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद सभी आंदोलनकारी एकत्रित होकर एसपी सिटी अजय सिंह के कक्ष में पहुंचे और उनका घेराव शुरू कर दिया। वहीं राष्ट्रपति के दौरे के दौरान किसी गड़बड़ी के मद्देनजर पुलिस  आंदोलनकारियों को कक्ष से बाहर निकलने से रोक दिया। बाद में किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया।

सुरक्षाकर्मी की गला रेत कर हत्या 

देहरादून, 18 मई (निस)। रुड़की में आईआईटी में सुरक्षाकर्मी के पद पर तैनात, टोड़ाकल्याणपुर निवासी युवक की गला रेत कर हत्या करने का मामले प्रकाश में आया है। कर्मी का शव नगर के ही पास स्थित खेत में पड़ा मिला है। ग्रामीणों द्वारा घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहंुची पुलिस ने सुरक्षाकर्मी के गले में पडे कार्ड के आधार  पर पहचान करने के साथ ही पुलिस ने परिजनों को सूचना दी और शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिजनों द्वारा हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को तहरीर दी गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने साथ ही जांच पडताल शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सिविल लाईन कोतवाली क्षेत्र के टोड़ा कल्याणपुर गांव निवासी सुनील कुमार आईआईटी में सुरक्षाकर्मी के पद पर तैनात है बताया गया है कि रविवार को सुनील घर से अपनी ड्यूटी करने आया था। बताया गया है कि देर रात अपनी ड्यूटी समाप्त कर सुरक्षा कर्मी इंचार्ज को जानकारी देने के बाद घर के लिए लौट गया। लेकिन सुबह होने तक जब कर्मी घर नही लौटा तो परिजनांें को उसकी चिन्ता सताने लगी और परिजनों द्वारा उसकी खोजबीन की गई लेकिन उसका कोई सुराग नही लग पाया। इसी बीच नगर के समीप शेरपुर गांव के ग्रामीणों द्वारा गांव के पास ही खेत में लहुलुहान हालत में एक शव पड़ा होने की सूचना दी गई। सूचना पर पहंुची पुलिस ने लहुलुहान हालत में पड़े कर्मी के गले से उसका आईडी कार्ड निकाल कर उसकी शिनाख्त आईआईटी में सुरक्षा कर्मी सुनील के रुप में की। पुलिस द्वारा सुनील के परिजनांे को जानकारी देने के साथ ही शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिजनों द्वारा अज्ञात पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैै। कोतवाली इंचार्ज वीडी उनियाल का कहना है कि मृतक के गले के साथ पेट पर धारदार हथियार के निशान है। प्रथम दृष्टया हत्या प्रतीत हो रही है। जांच के बाद ही मामले का खुलासा किया जायेगा।

एसएसपी हरिद्वार द्वारा स्वयं सम्भाली गई सुरक्षा व्यवस्था की कमान

  • 61 लाख लोगो से ज्यादा लोगो ने गंगा में किया पुण्य स्नान

देहरादून, 18 मई (निस)। इस वर्ष सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के अवसर पर देश-विदेश से आये लगभग 61 लाख श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में हर की पैडी एवं अन्य स्नान घाटों पर गंगा स्नान किया। विगत वर्षों की अपेक्षाकृत श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होने एंव विगत वर्षों की अपेक्षा कम पुलिस बल प्राप्त होने एवं रिक्रूट आरक्षियों के ड्यूटी में नियुक्त होने के कारण उन्हें मेला ड्यूटी का अनुभव न होने के बावजूद एसएसपी हरिद्वार  की कडी मेहनत एवं कुशल मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण के फलस्वरूप यह स्नान पर्व सकुशल सम्पन्न हुआ। हाइवे पर भी यातायात का निर्बाध संचालन पुलिस द्वारा कडी मेहनत एवं लगन से किया गया, जिस कारण कहीं भी जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। सोमवती अमावस्या स्नान पर्व की पूर्व संध्या पर ही हरिद्वार नगर के होटल धर्मशाला लगभग भर चुके थे, विभिन्न स्थानों से आये श्रद्धालुगण ने रात्रि में ही स्नान करने के लिए हर की पैडी सहित विभिन्न घाटों पर ही रात गुजारी। रात्रि से ही वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हो चुकी थी। उक्त मेले की महत्ता एवं संवेदनशीलता के मद्देनजर एसएसपी हरिद्वार सुश्री स्वीटी अग्रवाल द्वारा स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की कमान सम्भाली तथा प्रातः 03ः00 बजे से ही मेला क्षेत्र का भ्रमण प्रारम्भ कर दिया, शिवमूर्ति से अपर रोड होते हुये हर की पैडी तक एवं रामप्रसाद गली, मालवीयद्वीप, जनानाघाट, मन्सादेवी रोपवे आदि अत्यधिक भीड-भाड वाले स्थानों पैदल भ्रमण कर डयूटी पर नियुक्त पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी चैक की गई एवं उन्हें ब्रीफ किया गया, विशेषकर रिक्रूट कान्सटेबलों से उनकी ड्यूटी के बारे में पूछताछ कर उन्हंे अलग से ब्रीफ किया गया। यद्यपि अधिकांश पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर सतर्क मिले, परन्तु कुछ पुलिसकर्मियों को लापरवाह पाये जाने पर एसएसपी द्वारा उन्हें फटकार लगाते हुये सतर्कतापूर्वक ड्यूटी हेतु हिदायत दी गई तथा मौके पर ही उनके सैक्टर एवं जोनल पुलिस अधिकारियों को बुलाकर उन्हें समय-समय पर चैक करने हेतु आवश्यक दिशा  निर्देश दिये गये। मेला क्षेत्र में भ्रमण के दौरान सीसीआर चैक निकट डीलक्स शौचालय रोडीबेलवाला की ओर से शिवपुल हर की पैडी की ओर दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के छोडे जाने के कारण मेला क्षेत्र में अव्यवस्था पाये जाने पर एवं उक्त ड्यूटी प्वाइंट पर नियुक्त उ0नि0  राजपाल सिंह तैनाती थाना ज्वालापुर को ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर तत्काल लाइन हाजिर किया गया तथा उनके स्थान पर मेला कन्ट्रोल रूम से अन्य उ0नि0 को नियुक्त किया  गया। हर की पैडी एवं अन्य स्नान घाटों पर भीड़ नियन्त्रण के उपरान्त एसएसपी सुश्री स्वीटी अग्रवाल द्वारा हाइवे पर भ्रमण करते हुये यातायात व्यवस्था एंव सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा ड्यूटी प्वाइन्टों पर नियुक्त पुलिस बल को मेहनत एवं लगन से अच्छी ड्यूटी करने हेतु उत्साहवर्धन किया तथा निर्देशित किया गया कि इस मेले में हजारों की संख्या में वाहनों के हरिद्वार आगमन के कारण सडकों पर यातायात का भारी दबाव बना हुआ है, श्रद्धालुओं के पास हर की पैडी आने के लिये अलग से कोई और विकल्प न होने के कारण यातायात व्यवस्था बनाये रखना पुलिस के लिए कडी चुनौती है तथा इस कार्य हेतु हाइवे पर नियुक्त प्रत्येक पुलिसकर्मी को लगन एवं आपसी समन्वय से ड्यूटी करनी है। विदित हों कि उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से भी प्राप्त पुलिस बल एवं रिक्रूट कान्सटेबल तथा जनपद के अधिकांश पुलिस बल को सोमवती अमावस्या स्नान पर्व के अवसर पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी एवं यातायात व्यवस्था ड्यूटी हेतु नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त डॉग स्क्वायड, बम डिस्पोजल स्क्वायड, घुडसवार पुलिस, अभिसूचना विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में भ्रमण कर प्रभावी चैकिंग की जा रही है। 

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