अपनी किस्मत के बुलंद सितारों को लेकर अस्मिता सूद आगामी शो ‘फिर भी ना माने ये बद्तमीज दिल’ से टेलिविजन की दुनिया में पर्दापण कर रही हैं। दक्षिण भारत की अनेक फिल्मों में काम करने के बाद में अस्मिता टीवी पर काम करने को एक अलग और अच्छा अनुभव मानती हैं।उनका कहना कि टीवी की लोकप्रियता को देखकर ही उन्होंने यह सीरियल स्वीकारा ताकि वह दर्शकों के बीच सप्ताह में पांच रहे। अस्मिता शिमला की रहने वाली हैं और उनकी पूरी पढ़ाई लिखाई लड़कियों के स्कूल में हुयी है इसलिये जब उन्हें शो के लिये को-एड काॅलेज अटेण्ड करना पड़ा तो यह उनके लिये बिल्कुल अलग मौका था। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से नया अनुभव था, हमने पुणे के एक प्रमुख संस्थान में शूटिंग की जहां पूरा माहौल काॅलेज स्टूडेण्ट्स से भरा हुआ था। हाल में शो की प्रमोशन के लिए उनसे दिल्ली में मिलना हुआ। प्रस्तुत है,मुलाकात के चंद अंशः
आप सबसे पहले धारावाहिक में अपने रोल के बारे में बताएं।
मैं मेहर के किरदार में हूं जो बहुत सहज लड़की है। वह पढ़ाकू है और हमेशा किताबों से घिरी रहती है। वह जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहती है और उसकी प्राथमिकताएं साफ हैं। वह खुद में और अपनी क्षमता में यकीन रखती है और जानकी है कि जिंदगी में कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलती है। वह इसके लिये तैयार है। अपने दम पर स्कॉलरशिप पाकर कॉलेज जाती है और अपना फायदा उठाने की कोशिश कर रहे पैसे वालों लोगों से नफरत करती है।
शो ‘‘बद्तमीज दिल..’ के बारे में बताइये।
‘‘फिर भी न माने ये..बद्तमीज दिल’ अबीर और मेहर के बीच की अनूठी प्रेम कहानी है। ग्रोव चैनल के रॉकस्टार अबीर को अचानक मेहर के रूप में एक नया बॉस मिल जाता है। दोनों का एक अतीत है जो उनके भविष्य को प्रभावित करेगा। अपनी जिंदगियों में बहुत आगे निकल आये ये दोनों अपनी कुछ गलतियों की वजह से अलग हो गये थे।
इस किरदार के लिये तैयारी किस तरह की?
मेहर गीक (पढ़ाकू) है, मैं अच्छी स्टूडेंट थी लेकिन मैं गीक नहीं थी इसलिये मुझे अपनी बॉडी लैंग्वेज और पर्सनालिटी पर बहुत मेहनत करनी पड़ी। वह बहुत निश्चित और रिजव्र्ड है जो मुझसे उलट है। अपने किरदार में आने के लिये मैंने लोगों से मिलना जुलना कम कर दिया है। वह भी मेरी तरह इंडीपेंडेंट है।
टीवी पर बहुत सी प्रेम कहानियां आ चुकी हैं लेकिन इस कहानी में कुुछ खास ?
इस शो का कांसेप्ट अलग है जहां जो दो लोगों के जुनूनी प्रेम की कहानी दो लोगों के बीच के रिश्ते के अलग-अलग स्तर के बारे में बताती है जो सामान्य फैमिली ड्रामा से अलग है।
चर्चा है कि शो संगीत प्रधान है ?
जी हाॅ,नफरत और मुहब्बत के इस शो में संगीत की प्रधानता है। शो में 5 गीत हैं जो दर्शन रावल द्वारा गाये गये हैं और शो का अटूट हिस्सा हैं।
अनेक दक्षिण भारतीय फिल्में करने के बाद में टीवी से जुडने की कोई खास वजह ?
टीवी लोकप्रियता किसी से नही छिपीं। आज बडे बडे स्टार भी टीवी पर काम कर रहे है। मैं पिछले कुछ समय से टीवी कमर्शियल और दक्षिण की कुछ फिल्में कर रही थी। मेरे एक कमर्शियल को देखने के बाद प्रोडक्शन हाउस के कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने मुझे कॉल किया और कहा कि मैं मेहर की भूमिका के लिये परफेक्ट हूं। मैं अपने ऑडिशन से बहुत खुश नहीं थी और उन्हें वह पसंद आया और मैं शो का हिस्सा बन गयी।
शो आपकी असल जिंदगी कितना मेल खाता है?
मेहर का किरदार मेरी तरह बिल्कुल नहीं है, यह उन चुनौतीपूर्ण किरदारों में से है जिनके जरिये मैं अपने काम के विभिन्न पहलुओं को जान सकती हूं। जब मुझे यह भूमिका ऑफर हुयी तो मैंने बिना दोबारा सोचे इसे ले लिया क्योंकि मैं फिल्मों में वही काम बार बार नहीं करना चाहती, टीवी पूरी तरह से दूसरा माध्यम है। मेरे फैन्स मुझे हफ्ते में 5 बार देख सकेंगे जबकि एक फिल्म के लिये काफी लम्बा इंतजार करना पड़ता है। मैं कहना चाहूंगी कि मेहर और अस्मिता काफी अलग हैं।
फिल्मों से टीवी का सफर कैसा रहा?
फिल्मों में टीवी जितना वक्त नहीं लगता। शूटिंग शेड्यूल कठिन होता है लेकिन आप 3 महीने में खाली हो जाते हैं। दक्षिण की फिल्मों में बॉलीवुड की फिल्मों से कम समय भी लगता है। दूसरी तरफ टीवी आपका बहुत वक्त ले लेता है। यह ऐसा माध्यम है जहां आप एक्सप्लोर और एक्सपेरीमेंट कर सकते हैं। मेरे किरदार मेहर में बहुत से शेड्स हैं तो मैं इस किरदार को निभाने और टीवी पर काम करने का लुत्फ ले रही हूं।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें