स्वदेशी मिसाइल 'आकाश' वायुसेना के बेड़े में शामिल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

स्वदेशी मिसाइल 'आकाश' वायुसेना के बेड़े में शामिल


make-in-india-aakash-include-in-air-force
जमीन से हवा में मार करने वाली स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल 'आकाश' को शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के महाराजपुर वायुसेना स्टेशन (एयरवेज) पर आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वायुसेना प्रमुख अरुप राहा को आकाश मिसाइल सौंपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया पहल को रक्षा विभाग ने आगे बढ़ाते हुए स्वदेशी मिसाइल निर्मित किया है। इस मिसाइल को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के लिए आयोजित एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री पर्रिकर ने वायुसेना प्रमुख राहा को प्रतीक स्वरूप चाबी सौंपी। 

महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह के दौरान रक्षा मंत्री पर्रिकर ने मिसाइल का अवलोकन किया, उसके बाद वायुसेना के अफसरों व सैनिकों ने मिसाइल किस तरह काम करती है, इसका प्रदर्शन किया। इस मौके पर आकर्षक आतिशबाजी भी की गई।  वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल को डीआरडीओ, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) लिमिटेड और निजी क्षेत्र ने मिलकर तैयार किया है। इस मिसाइल में लगभग 92 प्रतिशत स्वदेशी कल-पुर्जो का इस्तेमाल किया गया है। इस मिसाइल का किसी भी मार्ग अर्थात सड़क, जल व आसमान के जरिए और कहीं भी परिवहन (टांसपोटेशन) किया जा सकता है।

रक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यह मिसाइल एक साथ आठ लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है। इसकी गति ध्वनि से तीन गुना है, जो लगभग 100 किलोमीटर की दूरी से लक्ष्य पर नजर रखकर 25 किलोमीटर की दूरी पर मंडरा रहे दुश्मन के हेलीकाप्टर, विमान व ड्रोन को भेद सकती है। जानकारी के अनुसार, इस मिसाइल के राडार को बीइएल ने विकसित किया है और इसे नाम दिया गया है 'राजेंद्र राडार'। यह रडार दुश्मन के कई लक्ष्यों को खोज सकता है और ध्वनि से तेज गति से उस पर हमला कर सकती है। यह मिसाइल सेना के पास तो पहले से थी, मगर अब वायुसेना के बेड़े में इसे शामिल किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: