भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965) के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न सरकार मनाने जा रही है। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा तैयार योजनाओं में युद्ध से संबंधित वस्तुओं की प्रदर्शनी शामिल है। इनमें वीरता पुरस्कार से सम्मानित सैनिकों की तस्वीरें, युद्ध ट्रॉफी और युद्ध के दौरान प्रमुख लड़ाइयों के नमूने शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान युद्ध में भारतीय वायुसेना का नेतृत्व करने वाले मार्शल अर्जन सिंह को सम्मानित किया जाएगा। हालांकि, सम्मान किस प्रकार का होगा, इसको लेकर कुछ तय नहीं किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह को सम्मानित किया जाएगा, क्योंकि वह युद्ध के दौरान वायुसेना प्रमुख थे।" वह वायुसेना के एकमात्र अधिकारी हैं, जिन्हें पांच सितारा रैक प्रदान किया गया है। 1965 के युद्ध में भारत तथा पाकिस्तान की वायुसेना के विमान आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में शामिल हुए थे। हालांकि, दोनों देशों की सेनाओं को 1948 में कश्मीर में युद्ध का सामना करना पड़ा था, लेकिन उस वक्त सेना का काफी कम इस्तेमाल हुआ था। भारत तथा पाकिस्तान दोनों ने युद्ध में जीत का दावा किया था।
युद्ध के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 1,920 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना नियंत्रण कर लिया था, जबकि पाकिस्तान ने भारत के 550 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। स्मरणोत्सव 28 अगस्त से शुरू हो कर 26 सितंबर तक चलेगा, जिसमें सशस्त्र बल की तीनों शाखाएं हिस्सा लेंगी। रक्षा मंत्रालय इसे एक भीषण युद्ध के रूप में याद करता है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराया था। 17 दिनों तक चले युद्ध में करीब 3,000 सैनिक, नौसैनिक, वायुसैनिक शहीद हुए थे।
स्मरणोत्सव 28 अगस्त को शुरू होगा, जिस दिन भारतीय सेना ने हाजीपीर दर्रे को कब्जे में किया था। कार्यक्रम की शुरुआत अमर जवान ज्योति पर पुष्प चक्र अर्पित करने के साथ होगी। एक से दो सितंबर को मानेकशॉ सेंटर में सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि होंगे। 15 से 20 सितंबर को राजपथ के नजदीक एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जहां अन्य चीजों के साथ युद्ध संबंधी ट्रॉफी प्रदर्शित की जाएगी।
प्रदर्शनी में वीरता से संबंधी वस्तुओं के लिए अलग कोना होगा, जहां युद्ध में मेडल जीतने वालों की तस्वीरें होंगी। यहां बलिदानियों के लिए भी एक कोना होगा, जहां तीनों सैन्य शाखाओं के शहीदों को याद किया जाएगा। प्रदर्शनी में मनोरंजन का भी स्थान होगा, जहां सैनिक खुकरी, भांगड़ा, कलारिपयात्तु नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त मनोरंजन के अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। युद्ध में हिस्सा लेने वाले सैनिकों को 22 सितंबर को सम्मानित किया जाएगा।

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