बिहार के तरारी विधानसभा क्षेत्र के जनता दल (युनाइटेड) के विधायक सुनील पांडेय को आरा न्यायलय परिसर में एक बम विस्फोट के मुख्य आरोपी को भगाने के सिलसिले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद विधायक को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 11 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। विधायक ने अपनी गिरफ्तारी को साजिश करार दिया है। भोजपुर के पुलिस अधीक्षक नवीन चन्द्र झा ने बताया कि विधायक को आरा बम विस्फोट कांड के मुख्य आरोपी लंबू शर्मा के इकबालिया बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है जिसमें उसने कहा था कि सुनील पांडेय ने अदालत परिसर से भागने में मदद की थी और उन्हीं के संरक्षण में वह दिल्ली में रह रहा था। लंबू शर्मा को 24 जून को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद विधायक को चिकित्सकीय जांच के लिए सदर अस्पलाल ले जाया गया जहां से उन्हें आरा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वी़ डी़ राय की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने विधायक को 11 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक सुनील पांडेय ने कहा कि पहले पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें कार्यालय बुलाया गया और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि आखिर उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया है, उन्हें नहीं मालूम। उन्होंने गिरफ्तारी को विपक्षियों की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर उन्हें विश्वास है।
गौरतलब है कि 23 जनवरी 2015 को लंबू शर्मा की आरा अदालत में पेशी होनी थी। जेल में कैदी वैन के आते ही विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में लंबू की कथित प्रेमिका सहित दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 16 अन्य लोग घायल हो गए थे। विस्फोट के बाद आसपास अफरा-तफरी मच गई जिसका फायदा उठाते हुए लंबू फरार हो गया था। सत्तारूढ़ जद (यू) के पांडेय ऐसे दूसरे विधायक हैं जिन्हें हाल के दिनों में गिरफ्तार किया गया है। पिछले महीने रंगदारी मांगने और अपहरण के मामले में जद यू विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें