उत्तर प्रदेश में 2017 का विधानसभा चुनाव सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल भरा हो सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को एलान किया है कि उनकी पार्टी यूपी का अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
ओवैसी ने एक इफ्तार पार्टी में कहा, "मैं इस वक़्त ये नहीं बता सकता है कि कितनी सीट पर और किन-किन सीटों से चुनाव लड़ना है, लेकिन ये साफ है कि हमारी पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी." माना जाता है कि AIMIM प्रमुख का यूपी के युवाओं के बीच खासा प्रभाव है और उनके चुनाव लड़ने के एलान से समाजवादी पार्टी का परेशान होना लाजमी है. समाजवादी पार्टी राज्य में AIMIM की मौजूदगी से परेशान है, क्योंकि ये पार्टी उनके मुस्लिम वोट बैंट पर डाका डाल सकती है. सत्ताधारी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और मुस्लिम नेताओं से ओवैसी के गेम प्लान को फेल करने के लिए मैदान में कमर कसने का आह्वान कर रखा है.
यूपी में बार-बार हो रहे दंगे पर ओवैसी ने कहा, "ये सरकार की नाकामी है कि राज्य में बार-बार सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं." दरअसल पार्टी यूपी में अपनी पैठ बनाने के लिए पार्टी इफ्तार पार्टियां करने का सिलसिला शुरू किया है. इसकी शुरूआत सोमवार को मेरठ से की गई.
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और औरंगाबाद के निकाय चुनाव में मिले बेहतरीन नतीजों ने AIMIM को यूपी के विधानसभा चुनाव लड़ने का हौसला दिया है. ओवैसी ने यूपी को इसलिए चुना है क्योंकि राज्य में मुस्लिम वोटरों की संख्या खासी ज्यादा है. ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. पार्टी को 2 सीटों पर जीत भी मिली, जबकि कुल 5.13 लाख वोट मिले. 12 सीटों पर उसके उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी.

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