स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों के लिए मतगणना का काम सुबह आठ बजे से प्रारंभ हो गया है। विभिन्न जिलों में बनाए गए मतगणना केंद्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतों की गिनती चल रही है। सात जुलाई को वोटिंग हुई थी। स्थानीय प्राधिकार से जुड़े तकरीबन 1.38 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। विधान परिषद चुनाव के नतीजों को राजनीतिक दल बिहार विधानसभा के आगामी चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं।
सभी दलों का मानना है कि परिषद चुनाव के नतीजे कई मायने में दलों के प्रति आम आदमी का रूझान बताएंगे। इस चुनाव में भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, लोजपा, एनसीपी और रालोसपा की ओर से उम्मीदवार खड़े किए गए थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी चुनाव में भाग लिया है। भाजपा ने 18 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, जबकि सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से चार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की ओर से दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इसी प्रकार जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल ने दस-दस प्रत्याशी खड़े किए थे, जबकि चार अन्य सीट पर इस गठबंधन की सहयोगी, कांग्रेस और एनसीपी के प्रत्याशी मैदान में थे। चुनाव के लिए राज्य भर में बनाए गए 534 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने वोट डाले थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें