आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने यहां सोमवार को कहा कि 'न खाएंगे, न खाने देंगे' जैसा बयान देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यापमं घोटाले पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। उनकी चुप्पी भ्रष्टाचारियों को संरक्षण की ओर इशारा करती है। संजय ने कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाला देश का सबसे बड़ा 'खूनी घोटाला' है। आप नेता ने कहा कि एक टीवी पत्रकार और डीन की मौत सत्तापक्ष की ओर इशारा कर रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब संजय ने कहा, "मप्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी इस घोटाले में शामिल हैं। 45 लोगों की मौत को छोटी घटना नहीं माना जा सकता। इस घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से जांच कराई जाए। इस पूरे मामले को लेकर हमारी पार्टी 11 जुलाई को देशव्यापी आंदोलन करेगी। प्रदर्शनों के माध्यम से केंद्र सरकार पर दबाव बनाएगी।"
उन्होंने कहा कि मायावती राज में यूपी के एनआरएचएम घोटाले की तरह व्यापमं में भी गवाहों को चुन-चुनकर मारा जा रहा है। एनएचआरएम में भी सात से ज्यादा मौतें हुई थीं। संजय सिंह ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज के साथी मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा जेल में हैं। मंत्री के बेटे शक्ति प्रताप सिंह भी आरोपी हैं, मगर उनकी गिरफ्तारी एक साल से नहीं हो सकी है। इस घोटाले से जुड़े बहुत सारे लोग मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में शिवराज किस तरह की जांच करवा रहे हैं और कराने का भरोसा दे रहे हैं, समझा जा सकता है। इस घाटाले में राज्यपाल रामनरेश यादव भी आरोपी हैं। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो चुका था, मगर अदालत से गुजारिश कर उन्होंने फिलहाल 'महामहिम' होने का लाभ लिया है। पद से हटते ही उन पर फिर से शिकंजा कसा जा सकता है।
आप के उप्र प्रभारी ने कहा, "जिस मामले में मुख्यमंत्री, राज्यपाल दोनों आरोपी हों, वहां निष्पक्ष जांच असंभव है। ऐसे में हमारी मांग है कि दोनों को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।" संजय सिंह ने लगे हाथ उप्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में प्रदेश अपराधियों का गढ़ बन गया है। पत्रकार जगेंद्र सिंह के मृत्य-पूर्व बयान को भी सरकार नहीं मान रही है। मंत्री राममूर्ति वर्मा खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब मंत्री ही गुंडों और अपराधियों जैसा व्यवहार करते हों, तब अपराधियों का मनोबल तो बढ़ेगा ही। समाजवादी पार्टी गुंडों और अपराधियों को संरक्षण देकर समाजवाद की नई परिभाषा गढ़ रही है।

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