उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 जुलाई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 25 जुलाई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 जुलाई)

यूटिलिटी खाई में गिरी, चार की मौत, दो लोग घायल, 
  • -कोटी-कनसार मार्ग पर रजानू और बिनसेन के बीच हुआ यह हादसा
  • -त्यूणी से टमाटर भरकर देहरादून के लिए निकली थी यह यूटिलिटी 
  • -सीएम हरीश रावत व क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह ने दुर्घटना पर दुख जताया 

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। त्यूणी से टमाटर भरकर देहरादून की ओर आ रही यूटीलिटी के कोटी-कनसार मार्ग पर खाई में गिरने से उसमें सवार एक किशोरी समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। दुर्घटना का कारण कोहरा और भूस्खलन से खराब सड़क को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने इस सड़क दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया है। यह हादसा बीती देर रात्रि को करीब दो बजे हुआ। बताया जा रहा है कि बयाला से टमाटर भरकर यूटीलिटी देहरादून मंडी  के लिए चली थी। कोटी कनसार मार्ग पर त्यूणी के रजानू और बिनसेन के बीच यूटिलिटी अनियंत्रित होकर करीब सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि दुर्घटना के वक्त सड़क में काफी कोहरा था और कई स्थानों पर भूस्खलन के मलबे से जमीन दलदली हो रखी थी। इस हादसे में शर्मिला (13 वर्ष) पुत्री संसिया निवासी बेगी गांव, चतर सिंह (37 वर्ष) पुत्र हीरा सिंह, तुमन सिंह (20 वर्ष) पुत्र अमर सिंह (दोनों बायला निवासी), बलवीर सिंह ( 22 वर्ष) पुत्र हीरा लाल निवासी सैंजाड़ की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो लोग घायल हो गए। दुर्घटना की सूचना पर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और खाई से शव और घायलों को बाहर निकाला। घायलों में आयतू (45 वर्ष) पुत्र मदी निवासी बेगी और वाहन चालक मानदास (35 वर्ष) पुत्र रणदास निवासी बायला शामिल हैं। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता पहुंचाया गया, जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता के चिकित्सकों की टीम द्वारा मौके पर ही शवों का पोस्टमार्टम किया गया। एसडीएम चकराता अशोक पांडे के मुताबिक हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है। हाससे के बाद से बेगी, बयाला और सैंजाड़ गांव में मातम छाया हुआ है। बताया जा रहा है कि शर्मिला के पांव में कुछ दिनों पूर्व चोट लग गई थी, जिसके चलते उसे देहरादून के किसी चिकित्सक के पास दिखाने के लिए लाया जा रहा था। मुख्यमंत्री हरीश रावत और क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह  ने इस सड़क दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। सीएम ने दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के डीएम को आदेश दिए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन को दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को अहेतुक राशि प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए हैं।  वहीं  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने चकराता क्षेत्र के कोटि-पीपरा-मीनस मोटर मार्ग पर हुए दुर्घटना हादसे पर गहरा दुःख जताया है। श्री उपाध्याय ने सड़क हादसे में मारे गये लोगों के प्रति गहरा षोक व्यक्त करते हुए षोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय ने इस प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं को पहाड़ी मार्गों के लिए अभिषाप बताते हुए कहा कि पहाड़ों में होने वाली ऐसे हृदय विदारक हादसों को रोकने के उपाय होने चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से मृतकों के आश्रितों को उचित मुआबजा दिये जाने तथा घायलों के समुचित उपचार के इन्तजाम किये जाने का अनुरोध किया है। श्री उपाध्याय ने मृतकों की आत्म षांति तथा घायलों के षीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हुए कहा कि इस दुःख की घडी में पूरा कांग्रेस परिवार सड़क हादसे के षिकार लोगों के परिजनों के साथ है, हम सभी कांग्रेसजनों की प्रार्थना है कि ईष्वर मृतकों की आत्मा को षान्ति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की षक्ति देें। 

भाजपा ने राज्यपाल से की प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग
  • -आपदा राहत घोटाला और स्टिंग प्रकरण में भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला

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देहरादून, 25 जुलाई (निस)। शराब के थोक संचालन केंद्र के ठेके की एवज में रिश्वत मांगने संबंधी मुख्यमंत्री हरीश रावत के सचिव मोहम्मद शाहिद के स्टिंग आपरेशन की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर भाजपा नेताओं ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से कहा कि लगातार घोटाले उजागर होने से उत्तराखंड की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के सचिव मोहम्मद शाहिद के स्टिंग आपरेशन व आपदा राहत घोटाले दोनों में सीबीआइ से जांच कराई जाए। साथ ही सरकार को भी बर्खास्त किया जाए। एक टीवी चैनल पर स्टिंग आपरेशन दिखाए जाने के बाद उत्तराखंड में सियासी पारा चढ़ गया। स्टिंग आपरेशन में मुख्यमंत्री के सचिव को शराब के थोक संचालन केंद्र के लिए किसी व्यापारी को ठेका देने के लिए करोड़ों की रिश्वत मांगते हुए दिखाया गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जिस प्रकार आपदा राहत घोटालों में सूचना आयुक्त की रिपोर्ट एवं कैग रिपोर्ट से घोटाले पूरी तरह से उजगार हुये है एवं उसके उपरान्त जिस प्रकार उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सचिव मो0 शाहिद के द्वारा एक स्टिंग आपरेशन के माध्यम से शराब व्यवसायियों से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर लेन-देन के सौदे का मामला उजगार हुआ हैं उससे प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता न होते हुए इस भ्रष्टाचारी सरकार को तुरन्त बर्खास्त किया जाय एवं उपरोक्त दोनों मामलों में सी0बी0आई0 जांच कराई जाय।  नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार पूर्व में एफ.एल.टू शराब व्यवसाय के कथित घोटाले को विधान सभा एवं अन्य माध्यमों से उजगार करती रही है। जिस प्रकार से सरकारी अभिलेखों से आपदा राहत घोटाला उजगार हुआ है एवं शराब व्यवसाय स्टिंग आपरेशन आने के बाद अब इस सरकार को एक मिनट भी पद पर बने रहने का कोई अधिकार नही है। उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार द्वारा लगातार देवभूमि उत्तराखण्ड को पिछले तीन सालों में बड़े-बड़े घोटालों के माध्यम से पूरे देश में शर्मशार किया है। अतः सम्बैधानिक व्यवस्थाओं को मध्यनजर रखते हुए इस सरकार को तुरन्त बर्खास्त करते हुए सी0बी0आई0 से जांच कराई जाय। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार लोकसभा सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उत्तराखण्ड में काग्रेस सरकार द्वारा लगातार घोटालों पर घोटाले किये जा रहे हैं, जिसमें आपदा राहत घोटाला, सिडकुल जमीन घोटाला, खनन घोटाला, स्टाप घोटाला एवं इन सबके उपर जिस प्रकार स्टिंग आपरेशन के दौरान एफ.एल. टू का घोटाला उजागर हुआ है और जिस प्रकार मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा आनन-फानन में अपने चहेतों को एफ.एल.टू एवं शराब व्यवसाय का ठेका देने के कारण 14 साल पूरानी निति में आचार संहिता के दौरान बदलाव किया उससे स्वतः ही मुख्यमंत्री की नियत साफ हो जाती है। उसके उपरान्त मुख्यमंत्री के निजी सचिव के स्टिंग आपरेशन के माध्यम से स्वतः ही सारी स्थिति स्पष्ट हो गयी है। ऐसे में भ्रष्टाचारी सरकार को बर्खास्त करें एवं सी.बी.आई. जाचं की संस्तुति करें, ताकि उत्तराखण्ड की जनता को न्याय मिल सकें। राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमण्डल में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष एवं विधायक हरबंश कपूर, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष प्रकाश पन्त, पूर्व काबिना मंत्री मदन कौशिक, मसूरी विधायक गणेश जोशी, विधायक लक्सर संजय गुप्ता, विधायक हरिद्वार यतीश्वरानन्द, विधायक सहसपुर सहदेव पुण्डीर, प्रदेश महामंत्री नरेश बसंल, ज्ञान सिंह नेगी, कुसुम कण्डवाल, सौरभ थपलियाल, मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल, कैलाश पन्त, महानगर  अध्यक्ष नीलम सहगल, प्रकाश सुमन ध्यानी, कार्यालय प्रमुख उर्बादत्त भट्ट शामिल रहे।

अमर शहीद श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम
  • संघर्षों से हुआ राज्य का निर्माण हमें बनाना है इसे आदशर्रू हरीश रावत 
  • सामन्तशाही के खिलाफ था सुमन का आन्दोलन रू किशोर 

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देहरादून, 25 जुलाई (निस)।  मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टिहरी जन क्रांति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्य तिथि पर उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्रीदेव सुमन का स्मरण करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘स्व. श्रीदेव सुमन ने जिस प्रकार निरंकुश शासन के विरूद्ध जनक्रांति का नेतृत्व किया वह हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी अपने शहीदों के बारे में जाने। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्व. श्रीदेव सुमन एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने टिहरी राज्य में प्रजामण्डल के कार्यों का भी संचालन किया और जनता को एक नई रोशनी दी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदानों को भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे एक अदभुत व्यक्तित्व वाले थे। श्रीदेव सुमन ने इस क्षेत्र के लिए जो बलिदान दिया, संघर्ष किया, उससे कभी भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण भी संघर्षों से हुआ है और हमें प्रयास करना होगा कि हम इसे एक आदर्श प्रदेश बनाये। वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयेाजन किया गया। कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन ने टिहरी में प्रजामण्डल की स्थापना कर सामन्तशाही के खिलाफ आन्दोलन चलाते हुए 28 वर्ष की कम उम्र में 84 दिन की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर टिहरी को राजशाही से मुक्त करवाया था। इस आन्दोलन में उन्होंने अपना वर्तमान एवं भविष्य न्यौछावर कर अपना नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दिया था। अमर शहीद श्रीदेव सुमन के इस बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके इस बलिदान से हमे सीख लेकर हमे अपने देश को निरंतर आगे बढाने की सीख लेनी चाहिये। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी से मांग की कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जीवन वृत्त को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए प्रत्येक पुस्तकालय में उनके जीवन वृत्त को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाया जाय तथा उनकी स्मृति को अक्षुण बनाये रखने के लिए टिहरी झील का नाम श्रीदेव सुमन सागर रखा जाय। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तोता राम काला, प्रदेश मुख्य समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महामंत्री डा. के.एस.राणा, राजेश जुवांठा, नवीन जोशी, आनन्द व्यास, सचिव विनोद चैहान, दीप बोहरा, ममता गुरूंग, महेश प्रताप राणा, सुरेन्द्र रांगड़, ललित मोहन जोशी, आई.टी. प्रकोष्ठ के अमरजीत सिंह, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, सहित अनेक कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

यौन शोषण प्रकरण की फाइल खोलने को लेकर पीडि़ता ने दिया धरना

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। यौन शोषण प्रकरण में पीडि़त युवती ने राज्य महिला आयोग कार्यालय में धरना दिया। पीडि़त युवती द्वारा अपने प्रकरण की फाइल को पुनः खोलने और उससे अभद्र व्यवहार करने वाली राज्य महिला आयोग की सचिव को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है। हल्द्वानी निवासी युवती ने वहां के तत्कालीन पुलिस अधिकारी पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी, जिस पर उसकी सुनवाई न होने के कारण युवती ने महिला आयोग कार्यालय में धरना दिया। युवती ने बताया कि उसने दो माह पहले राज्य महिला आयोग में पुलिस अधिकारी के खिलाफ यौन शोषण किये जाने की शिकायत दर्ज करायी थी। आयोग ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी लेकिन उसका पक्ष नहीं जाना गया। इस बारे में भी उसे आरटीआई से जानकारी मिली। युवती का आरोप है कि महिला आयोग द्वारा दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही की गयी है। सचिव सुजाता सिंह से जब उसने इस संबंध में बात की तो उन्होंने उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। युवती का कहना हैकि उसके प्रकरण की फाइल पुनः खुलवा कर जांच की जाये और सचिव को बर्खास्त किया जाये।

कारगिल विजय दिवस : कारगिल विजय दिवस को राज्य सरकार मनायेगी ‘शौर्य दिवस’: राज्यपाल
  • कारगिल की विजय भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीकः मुख्यमंत्री

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने ‘कारगिल विजय दिवस’, जिसे राज्य सरकार द्वारा ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है, की 16 वींे वर्षगांठ के अवसर पर भारतभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर कारगिल युद्ध में विजय दिलाने वाले वीर शहीदों का भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें विनम्र श्रदांजलि अर्पित की।  शौर्य दिवस’ की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि 26 जुलाई, 1999 को कारगिल के दुर्गम क्षेत्र में, भारतीय सेना ने, अपने अदम्य साहस और पराक्रम से पाकिस्तानी सैनिकों व घुसपैठियों को पराजित करके भारत को विजय दिलाकर देशभक्ति का अतुल्य उदाहरण पेश किया। इस विजय अभियान में अनेक वीर जवानों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। देशभक्ति, त्याग और बलिदान की इस गौरवशाली परम्परा में वीरभूमि उत्तराखण्ड के 75 वीर सैनिकों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी, जिस पर उत्तराखण्ड सहित पूरे देश को गर्व है। उन्होने कहा कि ‘कारगिल विजय दिवस व शौर्य दिवस’, कारगिल युद्ध के सभी नायकों, वीर शहीदों तथा देश की सीमा की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले भारतीय सेना के सभी अंगों के पराक्रमी जवानों के प्रति श्रद्धा, आभार, गर्व और सम्मान की अभिव्यक्ति के साथ उन्हें स्मरण करने का एक विशेष अवसर है। हमारे देश की अखण्डता और सम्प्रभुता को अक्षुण्ण रखने में भारतीय सैनिकों के शौर्य, पराक्रम और साहस की अहम भूमिका है। वे देश का अभिमान हैं। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कारगिल विजय दिवस पर जारी अपने संदेश में कहा है कि कारगिल की विजय भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीक है। भारतीय सैनिकों ने जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा उससे पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना। ‘‘कारगिल युद्ध में सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।’’ मुख्यमंत्री का कहना है कि यह गर्व की बात है कि उत्तराखण्ड में वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है और हमारे राष्ट्र में इतने देशप्रेमी योद्धा भी हैं कि जिनके बलिदान से हमारा राष्ट्र आज चैन की नींद सो पाता है। कारगिल में भी यहां के सपूतों ने अपने प्राणों की आहूति दी। राज्य सरकार सैनिकों व पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नर्सरी एवं केजी टीचर्स के पदों पर शिक्षा विभाग में किया जायेगा समायोजित: मुख्यमंत्री

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नर्सरी एवं केजी टीचर्स के पदों पर भविष्य में शिक्षा विभाग में समायोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री, हरीश रावत ने यह घोषणा प्रदेश के शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी के नेतृत्व उत्तराखण्ड राज्य में आंगनबाड़ी कर्मचारी महापंचायत के एक शिष्ट मण्डल से मुलाकात के दौरान कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक कोष बना रही है, जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उसका लाभ मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को समाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत ईपीएफ पेंशन एंव बीमा योजना से लाभान्वित करने की योजना है। नैथानी के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा। योग्य एवं प्रशिक्षित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को इसमें स्थान दिया जायेगा। प्राथमिक विद्यालय आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही संचालित हों इस पर भी विचार किया जायेगा। नौनिहालों को बेहतर वातावरण मिले इस हेतु अन्य उपाय भी किये जायेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को दो बार मानदेय बढ़ाये जाने पर पंचायत की प्रांतीय अध्यक्ष उमारानी, कार्यकारी अध्यक्ष सुषमा पंचपुरी, संयोजक जगदीश बहुगुणा, महामंत्री ऊमा देवी ने राज्य सरकार का आभार जताया तथा मांगें माने जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताने एवं अन्य मांगों हेतु 16 अगस्त को देहरादून में सम्मेलन आयोजित करने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री जी द्वारा सहमति दे दी गयी। संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के सम्मुख कहा गया कि सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जायेगा। इस अवर पर इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक डोईवाला हीरा सिंह बिष्ट भी उपस्थित थे। 

पूरे देश के पर्यावरण की रक्षा करता है उत्तराखण्डः अग्रवाल 

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। विधान सभा धर्मपुर क्षेत्रान्तर्गत लक्ष्मण विद्यालय इन्टर कालेज द्वारा आयोजित वृक्षा रापेण कार्यक्रम में वन एवं वन्यजीव, न्याय एवं खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया तथा कालेज परिसर में वृक्षा रोपण किया। इस अवसर पर उपस्थित छात्रों एवं अध्यपकांे को सम्बोधित करते हुऐ मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश 71 प्रतिशत में वन क्षेत्र है जो पूरे देश की रक्षा करने वाला राज्य है। उनहोने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को हरा भरा राज्य बनाने के लिए सभी को वृक्षा रोपण करना अनिवार्य है। प्रदेश की नदियों का अस्तित्व खतरे में है तथा उनको रिचार्ज करने के लिए हमे अधिक- से अधिक वृक्ष लगाने होगें ताकि हमारी नदियंा रिचार्ज हो एवं उनका जल स्तर बना रहे। छात्रों का आहवान करते हुए मा. मंत्री ने कहा कि हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्य करना है तथा अपने आस पास के वातावरण को साफ एवं स्वच्छ रखने है जिसके लिए बच्चों में दृढता का भाव हो जिससे विद्यालय एवं प्रदेश का नाम रोशन हो। उन्होने कहा कि सभी छात्रों सेे अपने घरों एवं आस-पास के क्षेत्रों में पेड लगाने की अपेक्षा की तथा विद्यालय को जल्द ही वन विभाग द्वारा 200 फलदार वृक्ष उपलब्ध कराये जायेगें तथा स्कूलों के सभी बच्चों को एक-एक पौधा उपलब्ध कराया जायेगा जिसे वह अपने घर आंगन में रोपित कर उसकी रक्षा का संकल्प लेगा कि हम जो पेड लगा रहे है उसकी रक्षा करना हमारा प्रथम दायित्व है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रीन बोनस के रूप में फलदार एवं चारा प्रजाती के वृक्ष लगा रहे है जिसके लिए चूल्लू, अखरोट एवं महूआ के वृक्ष लगाने पर 400 रू. तथा चारा प्रजाति के वृक्ष लगाने के लिए 300 रू. प्रति वृक्ष की दर से दिया जा रहा है जिसके लिए कोई भी व्यक्ति 100 वृक्ष तक लगा सकते है तथा 3 साल तक वृक्ष की रक्षा करने तथा उसके संरक्षण के लिए तीन साल बाद 30 हजार की धनराशि तथा ब्याज सहित सम्बन्धित को मुहैया कराया जायेगा। उन्होने कहा कि मा. मुख्यमंत्री की एक मुहीम है कि उत्तराखण्ड प्रदेश को हरित प्रदेश बनाना है। तथा यह योजना पहाडों से हो रहे पलायन को रोकने में भी करागर होगी। इस अवसर पर मंत्री द्वारा कालेज के फर्नीचर के लिए 2 लाख एवं कालेज में बच्चों के खेल अवस्थापना के लिए 50 हजार की धनराशि देने की घोषण की। उन्होने कहा कि उनके द्वारा पूर्व मे भी कालेज के विभिन्न कार्यो के लिए 5 लाख रू. की धनराशि दी जा चुकी है तथा कालेज में बच्चों के लिए अच्छा फर्नीचर एवं खेल सुविधाओं को बढाव देने के लिए आगे भी उनके द्वारा जो भी मदद होगी वह करते रहेगे ताकि कालेज में पढने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल हो। इस अवसर पर कालेज के प्रधानाचार्य रामलखन गैरोला ने मत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री जी बडे दयालू है तथा उनका आर्शीवाद हमेशा से ही इस कालेज पर है तथा उनके हीआशीर्वाद के कारण कालेज में बच्चों के लिए एक बडे हाल का निर्माण हुआ है तथा लक्ष्मण विद्यालय देहरादून का पहला विद्यालय है जिसमें ही कृषि विषय है जो मंत्री की ही देन है उनके ही अथक प्रयासों से विद्यालय को कृषि विषय मिल पाई है। इस अवसर पर कालेज के चन्द्रमोहन पयाल पूर्व पार्षद अनूप कपूर, पूर्व प्रधान मामचन्द, टी.पी. तिवारी, आकेश कुमार, राज कुमार, सोनू चैहान सहित विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिकाएं एवं छात्र उपस्थित थे। 

भूस्खलन से रास्ता बंद, वाहन फंसे 

मसूरी, 25 जुलाई (निस)। यमुनापुल मसूरी मोटर मार्ग कांडीखाल के समीप भूस्खलन से बंद होने के कारण सैकड़ों वाहन रोड के दोनों ओर फंस गये। पांच घंटे की मशक्कत के मार्ग खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
यमुना पुल मसूरी मोटर मार्ग कांडी खाल के समीप प्रातः सात बजे भूस्खलन हो गया। भूस्खलन के कारण हैडा खाला गदेरा में दो घराट क्षतिग्रस्त हो गये। जिसमें एक घराट सूरत सिंह पुत्र माडूं, एवं दूसरा घराट सोहन लाल पुत्र तुला का था। क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक बलवीर सिंह तोमर ने मौके पर जाकर घटना का निरीक्षण किया व बताया कि भूस्खलन से दो घराट क्षतिग्रस्त हो गये हैं जिनकी रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जायेगी। भूस्खलन के कारण रोड करीब पांच घंटे बंद रहा।

तेजाब से हमले से पीडि़त का प्राईवेज अस्पताल को करना ही होगा उपचार 

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस.पी. अग्रवाल ने अवगत कराया है कि रिट याचिका (फौजदारी) संख्या 129/2006 लक्ष्मी बनाम भारत संघ में उच्चतम् न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के अनुसार तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों के उपचार हेतु किसी भी निजी अस्पताल द्वारा इन्कार नही किया जा सकेगा तथा निजी अस्पताल द्वारा तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों को दवा, भोजन, बिस्तर तथा सर्जरी आदि हेतु सम्पूर्ण व्यवस्था की जाएगी। उन्होने अवगत कराया है कि जब किसी अस्पताल द्वारा तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों का प्रथम बार उपचार किया जाएगा, तो अस्पताल द्वारा तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों को यह प्रमाण-पत्र दिया जायेगा कि पीडित तेजाब के हमले का शिकार है तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों द्वारा ऐसे प्रमाण-पत्र का उपयोग अग्रिम उपचार यथा सर्जरी आदि के लिए किया जा सकेगा। उन्होने यह भी अवगत कराया कि निजी या सरकारी अस्पताल के विरूद्व शिकायत होने पर तेजाब के हमले से पीडित व्यक्तियों द्वारा उचित कार्यवाही की जा सकेगी।

अपहृत छात्र हार्दिक रावत का नहीं लग पाया पता
  • -50 लाख की फिरौती के लिए किया गया अपहरण

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। ऋषिकेश से 50 लाख की फिरौती के लिए अपहरण किए गए छात्र हार्दिक रावत का दो दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है। आइजी ने अपहरण करने वाले का जल्द पता लगाने को कहा है। आज एक पुलिस टीम रुड़की तो दूसरी देवबंद भेजी गई है। घटना गली नंबर आठ गणेश विहार गंगानगर इलाके की है। यहां रहने वाले राहुल रावत चंद्रेश्वर नगर में आठवीं कक्षा तक के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल का संचालन करते हैं। प्रबंधक की जिम्मेदारी खुद उनके पास है। उनका बेटा हार्दिक श्यामपुर स्थित एनडीएस स्कूल में आठवीं का छात्र है। दो दिन पूर्व हार्दिक घर से दोस्त के घर कापी लेने जाना कहकर निकला था। रात करीब आठ बजे हार्दिक ने अपने पिता के फोन पर कुछ देर में घर आने की बात कही, लेकिन उसके बाद वह घर नहीं लौटा। काफी देर तक उसके न लौटने पर परिजनों ने रिश्तेदारों के साथ उसे संभावित ठिकानों पर खोजा। उन्होंने हार्दिक के मोबाइल पर भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला। अपहृत किशोर के पिता राहुल मध्य रात्रि कोतवाली पहुंचे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे हार्दिक के मोबाइल से उसके पिता राहुल के मोबाइल पर कॉल आई। दूसरी तरफ से फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने हार्दिक का अपहरण कर लिया है, वह सुरक्षित है। सकुशल वापसी के लिए फोन करने वाले शख्स ने 50 लाख की फिरौती मांगी। कहा कि इस रकम की डिलीवरी देहरादून में करनी होगी, कहां करनी है इसके लिए उसने पंद्रह मिनट बाद फिर से फोन करने की बात कही। परिजनों के अनुसार उसके बाद कोई फोन नहीं आया। तब से उनके बेटे का मोबाइल भी स्विच ऑफ मिल रहा है। अपहरण फिरौती के लिए किए जाने का पता चलने से पुलिस में हड़कंप मच गया। परिजनों के साथ ही पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए अपहृत किशोर की खोजबीन में जुट गई। देर रात तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया था। एसपी देहात गिरीश चंद्र ध्यानी ने बताया कि पुलिस टीमें सीमावर्ती जिलों में रवाना कर दी गई हैं। किशोर के मोबाइल की आखिरी लोकेशन ट्रेस कर वहां भी सर्च चल रही है। परिजनों के मुताबिक हार्दिक स्वभाव से मिलनसार और शालीन है। दोस्तों में भी उसका दायरा बड़ा नहीं है। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रख मामले की तफ्तीश कर रही है।

फर्जी रजिस्ट्री कर जमीन बेचने के मामले में दो गिरफ्तार

देहरादून, 25 जुलाई (निस)। रायपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत तपोवन निवासी 95 वर्षीय आर्डिनेंस फैक्ट्री से रिटायर्ड कर्मचारी महिमानंद सुंद्रियाल की एक बीघा जमीन को भूमाफिया ने फर्जी रजिस्ट्री करके बेच दिया। इस मामले में पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर लिया। कुछ दिनों पूर्व नूनिया मोहल्ला निवासी नीरज यादव पुत्र बलबीर यादव ने जमीनी फर्जीवाड़े के मामले में एसआईटी को एक शिकायती पत्र दिया था। जांच के दौरान एसआईटी को मालूम हुआ कि रायपुर क्षेत्र की गढ़वाली कालोनी में एक जमीन है जिसके मालिक का नाम महिमानन्द सुन्दरियाल है। जिन्होंने अपनी जमीन 7 अक्टूबर 2002 मंे सुबोध कुमार पुत्र हरीराम निवासी तपोवन इन्कलेव को विक्रय कर दी थी। जिसका किन्ही कारणों से दाखिल खारिज नहीं हो पाया। इसके बाद सुबोध कुमार ने उक्त जमीन मंे से कुछ हिस्सा 16 अगस्त 2013 को राकेश ठाकुर निवासी बसंत विहार व नीरज यादव को विक्रय कर दी। इस विक्रय के दौरान गवाहके रूप में एक आरोपी दीप नारायण भी शामिल रहा। जांच के दौरान यह बात भी सामने आयी कि जमीनी फर्जीवाड़े का खेल 20 नवम्बर 2013 में शुरू हुआ जब फर्जी महिमानन्द सुन्दरियाल बन कर रमेश चन्द्र भट्ट पुत्र जगदीश चन्द्र भट्ट निवासी टिहरी ने उक्त जमीन के कुछ हिस्से की रजिस्ट्री दीप नारायण व 29 दिसम्बर 2014 को बाकी बचे हिस्से की रजिस्ट्री दीपनारायण के भाई गणेश मौर्य के नाम कर दी। गणेश मौर्य ने तत्काल इस जमीन का विक्रय अनुबन्ध नीरज सिंघल निवासी हरिद्वार से कर लिया। इस प्रकार दीपनारायण, गणेश मौर्य व रमेश चन्द्र भट्ट ने मिलकर महिमानन्द सुन्दरियाल द्वारा बेची गयी जमीन को पुनः महिमानन्द सुन्दरियाल बन कर बेच दिया गया। शिकायत पर आईजी संजय कुमार गुंज्याल की ओर से बनाई गई एसआईटी ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस मामले में रायपुर थाने का पूर्व होमगार्ड दीप नारायण और जल निगम का चैकीदार रमेश चंद्र भट्ट को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक दीप नारायण ने अपने भाई गणेश के साथ मिलकर यह षड़यंत्र रचा था। उसने रमेश को फर्जी महिमानंद सुंद्रियाल बनाकर फर्जी आईकार्ड के जरिये रजिस्ट्री करा दी। यह जमीन नीरज सिंघल को बेची गई थी। इस मामले में पुलिस ने दीप नारायण, उसके भाई गणेश, रमेश चंद्र भट्ट, नीरज सिंघल, आशीष ओबराय और सतीश कुमार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। आईजी संजय गुंज्याल ने पत्रकार वार्ता में इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपी अभी फरार हैं।

हमारा जल हमारा जीवन पर कार्यशाला आयोजित 

अल्मोड़ा, 25 जुलाई (निस)। लगातार घट रहा जलस्तर जहाॅ एक ओर हमारे लिए चिन्ता का विषय है वहीं दूसरी ओर आने वाली पीढ़ी को भी इसकी कमी से कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा यह विचार जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने आज जल संसााधन नदी विकास और गगां संरक्षण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘‘हमारा जल हमारा जीवन‘‘ कार्यशाला व गोष्ठी में जिला कार्यालय सभागार में रखे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जल की महत्ता को समझना होगा तभी हम इस अमूल्य धरोहर को आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित कर सकेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण  के प्रति भावी पीढ़ी को संवेदनशील बनाये जाने हेतु जनपद स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भागीदारी भी सुनिश्चित करायी जाय ताकि उनके द्वारा घर-घर में जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता फैलायी जा सके। उन्होंने कहा कि जल स्र्रोत विभिन्न कार्यों के उपयोग के लिए लाये जाते है उनको संरक्षित कर हमें भावी योजनाओं को मूर्तरूप देना होंगा। जिलाधिकारी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों से अपील की, कि वे वर्षा के जल को सरंक्षित करने का प्रयास करें और साथ ही साथ वृक्षारोपण कार्य को भी अधिकाधिक अपनायें। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में सूख रहे नौलें, गधेरे पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हमने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो शेष बचे नौलों का भी अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे विश्व में यदि जल के संरक्षण के प्रति ध्यान नहीं दिया जायेगा तो अगली लड़ाई जल के लिए होगी। कार्यशाला व गोष्ठी में उपस्थित नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा जल हमारी संस्कृति से जुड़ा है प्रत्येक दैनिक कार्यों में इसकी महत्ता को समझा जा सकता है अतः इसे संरक्षित करने हेतु प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल वन विभाग, जल संस्थान, जल निगम आदि विभागों की ही जिम्मेदारी नहीं बनती कि जल का संरक्षण किया जाय बल्कि इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति स्वतःस्र्फूत भावना से आगे आना होगा। इसके लिए उन्होंने सप्ताह में कम से कम एक बार सभी विद्यालयों में वाद-विवाद के माध्यम से छात्र-छात्राओं को जागरूक कराये जाने की बात कही। मुख्य विकास अधिकारी डा0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी पृथ्वी में केवल 3 प्रतिशत ही शुद्व जल है जिसमें से 1.7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य है। 97 प्रतिशत जल समुद्र के रूप में है जो पीने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मात्र एक प्रतिशत जल ही 07 अरब मानव आबादी के लिए पेयजल के रूप में उपलब्ध है। केवल मानव आबादी ही नहीं वरन सभी जीव-जन्तुओं के लिए यह जल जीने का सहारा है अतः प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि हम इस अमूल्य धरोहर को कम से कम खर्च कर इसका संरक्षण जितना हो सके किया जाय। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए हमें दीर्घकालिक योजनायें तैयार करनी होंगी तभी हम जल संरक्षित कर सकेंगे। पूर्व दर्जा मंत्री केवल सती के कहा कि जहाॅ एक ओर पानी जीवन प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर जल प्रदूषित होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने जल को प्रदूषण मुक्त करने की बात कही। इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियन्ता जल संस्थान जे0आर0 गुप्ता ने हमारा जल हमारा जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सरकार की पहल पर ग्रामीण क्षेत्रों जहाॅ पर भी पानी का अपव्यय होता है उसको व्यवस्थित करने के लिए योजना बनाने के निर्देश प्राप्त हुए है जिस पर कार्य हो रहा है साथ ही जिन ऊॅचाई वाले क्षेत्रों में पानी पहुॅच से बाहर है वहाॅ पर टैंक बनाकर पानी की व्यवस्था के लिए भी कार्य किया जायेगा। गोष्ठी में उपस्थित उत्तराखण्ड सेवानिधि के निदेशक डा0 ललित पाण्डे ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जल, जंगल, खेती का आपसी तालमेल होता है जंगल से जल एवं जल से ही खेती की जाती है अतः हमें जल को संरक्षित करना चाहिए ताकि इससे हमारी खेती प्रभावित न हो उन्होंने टैंक आदि बनाकर जल संरक्षित करने की बात कही। अपरजिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र, प्रभागीय वनाधिकारी नीतू लक्ष्मी एम, हिमालयन पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक डा0 किरीट पाण्डे, स्वजल के परियोजना प्रबन्धक के0एस0 रावत ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संरक्षण एवं संवद्र्वन के लिए जागरूकता फेलाने के साथ ही पिरूल का अधिकाधिक उपयोग चाल-खाल के निर्माण पर हो इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करना होगा। जी0आई0सी0 के छात्र धीरज डालाकोटी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह तभी सम्भव होगा जब पेयजल, वन विभाग के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को पानी के संचय के लिए जागरूक करेंगे तभी सही मायने में इन गोष्ठियों का लाभ मिल पायेगा। इस अवसर पर समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, जल निगम जल संस्थान, स्वजल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, जी0जी0आई0सी0 की छात्रायें व जी0आई0सी0 के छात्र उपस्थित थे।

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