देश के कानून मंत्री के लिए व्यापम घोटाला एक साधारण घोटाला है , अतः कानूनमंत्री श्री सदानंद गौड़ा जी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी जी का इसके ऊपर बोलना उचित नहीं है । समझ में नहीं आ रहा की ये संघी\भाजपाई लोग हमेशा तुच्छ को बड़ा तथा बड़े को छोटा साबित करने में क्यों लगे रहते हैं ? अभी भारतीयों के स्वयं खस्ताहाल स्थिति होने के कारण मोदीसरकार द्वारा विदेशों में अरबों डॉलर धन वितरित करने का कोई अौचित्य नहीं था , तो इसको मोदीसरकार अपनी एक उपलब्धि बता रही है , लेकिन जिस व्यापम घोटाले में अबतक 2590 लोगों के ऊपर मामला दर्जकिया जा चुका है , 2099 लोग अबतक गिरफ्तार किये जा चुके हैं , 491 आरोपी अबतक फरार हैं जिनको पकड़ने के लिए जांचएजेंसी तथा न्यायालय द्वारा इनाम तक घोषित है , 2590 लोगों में घोटालेबाजों की संख्यां अबतक 489 है , और लगभग व्यापम से जुड़े पचास के आसपास लोगों की रहस्यमयी परिस्थिति में मौत तक हो चुकी है , क्या ऐसे मामलों को छोटा कहा जा सकता है ?
सच तो यह है की इससे वृहद घोटाले का मामला अबतक स्वतंत्र भारत के इतिहास में न हुआ हो । लेकिन हमारे देश के कानूनमंत्री के अनुसार यह कोई बड़ी बात है ही नहीं । इससे अधिक आश्चर्य की बात और क्या हो सकती है ? और यही साबित करता है की भाजपाई\संघी लोग यथार्थ मुद्दे से खुद को कितना दूर रखने का यत्न करते हैं । जिसका मूल कारण है की संघी या भाजपाई मानसिकता के लोग अभी भी यथार्थ मुद्दे के जगह आस्था यानी गंगायमुना की आरती या मंदिर-मस्जिद को ही विशेष महत्व देकर राजनीति करते हैं , जो देश के लिए अति दुःख का विषय है । अब जब माननीय सर्वोच्चन्यायालय ने इसकी वृहद जांच के लिए सीबीआई को अधिकृत कर दिया है , सम्भव है की देश की सर्वोच्च आतंरिक जांच एजेंसी सीबीआई शायद बतापाने में सक्षम हो की इस पूरे मामले की यथार्थ स्थिति क्या है ? लेकिन श्री सदानंद गौड़ा जी का देश के कानूनमंत्री होकर भी इतने बड़े मामले इतना तुच्छ स्टेटमेंट शर्मनाक है ।
आमोद शास्त्री ,
दिल्ली ।
मोब= 9818974495 & 9312017281 ,

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