बिहार में अक्टूबर-नवंबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है, इसलिए उन्होंने उन दोस्तों को दगा दे दिया जो उनके साथ काम कर रहे थे। मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में 'परिवर्तन रैली' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "एक समय नीतीश ने न्योता देकर भोज रद्द कर दिया, इसके बाद 17 वर्षो का भाजपा-जद (यू) गठबंधन तोड़ दिया। उस समय मुझे दुख हुआ था, लेकिन जब उन्होंने जीतन राम मांझी जैसे महादलित के साथ भी ऐसा किया, तब मैंने सोचा की उनके राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है।"
उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ क्या हुआ, जिन्होंने कभी मुख्यमंत्री के साथ काम किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नाडीस व सुशील कुमार मोदी के साथ भी ऐसा ही हुआ जो कभी नीतीश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे। इससे पता चलता है कि उनके (नीतीश) डीएनए में कुछ गड़बड़ है। मोदी ने कहा कि बिहार में बदलाव जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, "उन्होंने एक व्यक्ति के कारण बिहार की विकास यात्रा रोक दी।" उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोग जंगलराज से मुक्ति चाहते हैं। यहां के लोगों को जोश अगर राजनीतिक पंडित देख लें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनने वाली है।
मोदी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, "समय कैसे बदलता है..। कुछ महीने पूर्व तक वे कहते थे कि बिहार में एक ही मोदी (सुशील मोदी) काफी हैं और आज 13 महीने नहीं आया तो उन्हें विरह दर्द होने लगा। वैसे अब नीतीश को ज्यादा विरह दर्द नहीं झेलना पड़ेगा, क्योंकि अब मैं आ गया हूं।" मोदी ने नीतीश पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि बिजली नहीं तो वोट मांगने नहीं आऊंगा, लेकिन अभी भी बिहार में बिजली की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, मगर वोट मांगने लगे हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जनता मौका दे, वह 60 महीने में उसके सपने पूरे कर देंगे। बिहार के गौरव को वापस लाना है। मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राजद का सही और पूरा अर्थ 'रोजना जंगलराज का डर' होता है।
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