जिंदगी का पहला ओरिजनल नाॅन-फिक्शन शो - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अगस्त 2015

जिंदगी का पहला ओरिजनल नाॅन-फिक्शन शो

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हम अक्सर एक मुस्कान, अच्छे शब्द और ईमानदारी से की गई तारीफ या फिर केयरिंग की ताकत को नजरअंदाज कर देते हैं। हम अक्सर भूल जाते हैं कि आभार व्यक्त करना सबसे आसान एवं सबसे शक्तिशाली आचरण है, जिसे इंसान एक-दूसरे के लिए कर सकते हैं। हम अक्सर उन लोगों को ‘श्शुक्रिया‘ कहना भूल जाते हैं जिन्होंने हमारी जिंदगी को छुआ है; फिर चाहे वे माता-पिता हों, दोस्त हों, भाई-बहन हों या फिर कोई अजनबी जिसने हमारे लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। शुक्रिया जैसा छोटा सा शब्द हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। जिं़दगी, अपने विविधीकृत कंटेंट से लोगों और दिलों को करीब लाने के लिए प्रयासरत चैनल, आपके लिए अपने पहले ओरिजनल नाॅन-फिक्शन शो ‘श्शुक्रिया‘ के माध्यम से दिल को छू लेने वाली कृतज्ञता की कहानियां लेकर आ रहा है। फ्रेम्स द्वारा निर्मित शो ‘शुक्रिया‘ रविवार, 9 अगस्त रात 8ः00 बजे से दर्शकों के बीच है।

शो के बारे में सुनील बुच, चीफ बिजनेस आॅफिसर, जी एन्टरटेनमेंट एन्टरप्राइजेज लिमिटेड (जेईईएल) ने कहा, ‘‘जिं़दगी जी एन्टरटेनमेंट एन्टरप्राइजेज लिमिटेड के काॅर्पोरेट सिद्धान्त ‘वसुधैव कुटुंबकम्‘ का विस्तार है। यह जी के बेड़े की एक और अग्रणी पहल थी। ज़िंदगी की पेशकश कई मायनों में उल्लेखनीय थी। हिंदी जीईसी जिं़दगी सीमा पार रहने वाले के हस्त चयनित चुनिंदा कंटेंट को प्रदर्शित किया गया। जो प्रगतिशील पूर्वाग्रह की पूर्ति करने वाला, जिं़दगी शिक्षित शहरी दर्शकों खासतौर से महिलाओं के लिए प्रीमियम चैनल है, जिसने भारतीय टेलीविजन उद्योग के लिए ताजा कहानियों का समावेश किया। हमारे पहले ओरिजनल प्रोडक्शन ‘श्शुक्रिया‘‘ को लोगों से जिंदगी में थोड़ा विराम देने; जिंदगी द्वारा हमें दी गई अच्छी बातों को पहचानने, उनकी सराहना करने का अनुरोध करने हेतु डिजाइन किया गया है... हम उन लोगों जो हमारी केयर करते हैं अथवा उस देश को जिसमें हम रहते हैं, को शुक्रिया कह सकते हैं। अब हमें कुछ देर रुकने और हमारी जिंदगी में अंतर लाने वाले लोगों का शुक्रिया कहने के लिए समय निकालना होगा।’’ 

इस शो के बारे में प्रियंका दत्ता-बिजनेस प्रमुख, जिं़दगी एवं एफटीए क्लस्टर ने कहा, ‘‘हमने अपने दर्शकों को समूचे विश्व से विविधीकृत एवं अनूठे कंटेंट की पेशकश करने के वादे के साथ जिं़दगी को लाॅच किया था और इस यात्रा के दौरान हमने चैनल पर कई प्रोग्राम शुरू किये। हमने पाकिस्तान से चुनी गई कहानियों के साथ अपनी यात्रा आरंभ की; तेज रफ्तार से चलने वाले ड्रामाज लेकर आये, जो स्वभाव में सीमित थे, मेलोड्रामा पर बहुत कम ध्यान दिया, और हम ऐसी सहज प्रतिभायें लेकर आये जो गुड लुकिंग होने के अलावा अंदाज में भी जुदा थी.. .अद्भुत ओरिजनल साउंडट्रैक्स एवं शोज, जिन्हें रियल लोकेशंस में शूट किया गया। हम भारतीय टेलीविजन पर टेलीफिल्मों के युग की वापसी की और इन सभी बेमिसाल पेशकश को प्रस्तुत करने में सफल रहेे है।

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