सुंदर पिचाई बने गूगल के नए सीईओ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 अगस्त 2015

सुंदर पिचाई बने गूगल के नए सीईओ

गूगल ने अपने ऑर्गेनाइजेशन में दो बड़े फेरबदल किए हैं। पहला- भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को कंपनी का नया CEO बनाया गया है। आईआईटीयन रहे सुंदर अब तक कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थे। दूसरा- गूगल ने नई पैरेंट कंपनी Alphabet बनाई है। इसी नई कंपनी के तहत अब सर्च इंजन काम करेगा। गूगल ने सोमवार रात ये एलान किए।

- 43 साल के सुंदर पिचाई चेन्नई में 1972 में जन्मे।
- उनका मूल नाम पिचाई सुंदराजन है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है।
- सुंदर पिचाई ने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। 
- US में सुंदर ने MS की पढ़ाई स्टैनडफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और वॉर्टन यूनिवर्सिटी से MBA किया।
- वे 11 साल से गूगल में हैं। उन्होंने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था। उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर थे।
- सुंदर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप्स डिविजन) रह चुके हैं।
- पिछले साल अक्टूबर में उन्हें गूगल का सीनियर वीपी (प्रोडक्ट चीफ) बनाया गया था।
- एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लॉन्च हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
- पिचाई को पेन्सिलवानिया यूनिवर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से जाना जाता था।
टेक वर्ल्ड में बढ़ी भारतीयों की पहुंच

सुंदर को गूगल के द्वारा सीईओ अप्वाइंट किए जाने के बाद दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों की पहुंच और बढ़ गई है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को कंपनी का सीईओ बनाया।

गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज के ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक, गूगल अब 'स्लिम्ड डाउन' कंपनी बन गई है और यह Alphabet Inc का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा, ''सुंदर गूगल को और ज्यादा क्लीन और रिस्पॉन्सिबल बनाएंगे।'' हालांकि अल्फाबेट की जिम्मेदारी लैरी पेज और उनके साथी को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन प्रेसिडेंट के रूप में संभालेंगे।

गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज ने कहा- ‘हमारा मानना है कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में जब लगातार रिवॉल्यूशनरी आइडियाज़ आते हैं तो आपके लिए कामकाज का दायरा बढ़ाना जरूरी हो जाता है।’ पेज का इशारा इस ओर था कि चूंकि कंपनी अब सर्च इंजन के अलावा बाकी कई चीजों में इन्वेस्ट कर रही है, इसलिए गूगल से अलग एक पैरेंट कंपनी बनानी जरूरी है जो सभी तरह के ऑपरेशंस पर फोकस कर सके। यही सोचकर Alphabet बनाई गई है।

Alphabet अब पैरेंट कंपनी होगी। लैरी पेज इसके इसके सीईओ होंगे। सर्गेई ब्रिन इसके प्रेसिडेंट होंगे। Alphabet के तहत गूगल की ये कंपनियां काम करेंगी-
- Alphabet के तहत सबसे बड़ी कंपनी गूगल सर्च इंजन ही होगी।
- गूगल की रिसर्च यूनिट एक्स लैब अब Alphabet के तहत काम करेगी। गूगल एक्स लैब ही सेल्फ ड्राइविंग कार, गूगल ग्लास और इंटरनेट बैलून टेक्नोलाॅजी पर काम कर रही है।
- इन्वेस्टमेंट यूनिट गूगल वेंचर्स भी Alphabet का हिस्सा होगी।
- गूगल के हेल्थ एंड साइंस ऑपरेशंस भी Alphabet के तहत काम करेंगे। इसके तहत अब तक गूगल ग्लूकोज़ सेंसिंग कॉन्टैक्ट लेंस जैसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी।
- गूगल ड्रोन डिलिवरी प्रोजेक्ट, फाइबर हाई स्पीड इंटरनेट, होम ऑटोमेशन यूनिट नेस्ट भी पैरेंट कंपनी के तहत आ जाएंगी।
- गूगल के सारे शेयर्स अपने आप Alphabet में कन्वर्ट हो जाएंगे।

गूगल अब Alphabet की सब्सिडरी कंपनी होगी। सर्च एंड सर्च एड्स, गूगल मैप्स, जीमेल, ऐप्स, यूट्यूब, एंड्रॉइड और बाकी टेक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर अब गूगल के तहत काम करेगा।

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