सऊदी अरब के मक्का शहर के मीना में हजयात्रियों की भगदड़ में 14 भारतीय हाजियों की मौत हो गई और 13 घायल हो गए है। जेद्दा में भारतीय हज मिशन ने आज इसकी जानकारी दी। भारतीय हज मिशन से प्राप्त सूचना के अनुसार मृतकों में नौ गुजरात, दो तमिलनाडु, दो झारखंड और एक महाराष्ट्र के हज यात्री हैं। घायलों में लक्षद्वीप, असम, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, बिहार, ओडिशा, केरल और उत्तर प्रदेश के एक-एक हाजी, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर के दो-दो हाजी शामिल है।
सऊदी अरब में सालाना हज यात्रा के दौरान मीना में कल शैतान को पत्थर मारने की रस्म के समय मची भगदड़ में 717 लोगों की मौत हो गई और 800 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई ने सऊदी अरब के मक्का शहर के मीना में हज के दौरान भगदड़ मचने से 717 लोगों की मौत के लिए वहां की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। खमनेई की वेबसाईट पर जारी बयान के मुताबिक सऊदी सरकार को इस दुखद घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिये। यह भगदड़ वहां की कुप्रबंधन और अव्यवस्थाओं की वजह से हुआ। ईरान के तसनीम और फार्स संवाद समिति के मुताबिक इस भगदड़ में लगभग 125 ईरानी नागरिकों की मृत्यु हुई है। इस आपदा पर आधिकारिक शिकायत दर्ज करने के लिए तेहरान ने सऊदी अरब के उपराजदूत को तलब किया।
सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक शैतान को कंकड़ मारने की रस्म के लिए जमारात जा रहे लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई जिसके बाद यह हादसा हुआ। यह घटना जमारात को जाने वाले दो रास्तों को जोड़ने वाले स्थान पर हुई। आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने बताया, मेरे शिविर में करीब 400 हज यात्री थे। वे सभी सुरक्षित हैं लेकिन मैं कुछ लोगों को फोन कर अन्य लोगों की खैरियत के बारे में पूछ रहा हूं। भारतीय हज मिशन के चिकित्सकों को मीना और मक्का के विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है ताकि यह पता किया जा सके कि कितने और भारतीय हताहत हुए हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, जेद्दा में हमारा दूतावास भगदड़ के बाद स्थिति पर नजर रख रहा है।
नागरिक प्रशासन के अफसरों ने बताया, राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चार हजार लोग जुटे हैं। इसके अलावा 220 एंबुलेंस भी हैं। हादसे की जगह दो चिकित्सा दल भेजे गए हैं। हमारी टीमें हज यात्रियों को सुरक्षित रास्तों से ले जाने के लिए मौके पर मौजूद हैं। सऊदी अरब में गुरुवार को ही बकरीद का पर्व भी था, ऐसे में इस हादसे ने कई घरों में मातम फैला दिया। गुरुवार को हज का भी आखिरी दिन था। बता दें कि हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक महत्वपूर्ण स्तंभ है जिसे हर उस मुसलमान के लिए जीवन में कम से कम एक बार करना जरूरी है, जो सक्षम है।

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