बिहार : आरएसएस के एजेंडे को ही लागू कर रही है भाजपा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 22 सितंबर 2015

बिहार : आरएसएस के एजेंडे को ही लागू कर रही है भाजपा.

  • आरक्षण पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान से भाजपा की असहमति दिखावा के सिवा कुछ नहीं.

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पटना 22 सितंबर 2015, माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि आरक्षण के सवाल पर आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के बयान से भाजपा द्वारा असहमति जाहिर करना दिखावे के सिवा कुछ नहीं है. इसके जरिए भाजपा भ्रम पैदा करने की कोशिशें कर रही हैं. लेकिन बिहार और पूरे देश की जनता संघ व भाजपा परिवार की सामंती-सांप्रदायिक पक्षधरता और दलित-गरीब-पिछड़ा विरोधी रूख से परीचित है. हाल ही में मोदी सरकार ने आरएसएस के दरबार में घुटने टेके थे और अपनी सरकार की रिपोर्ट पेश की थी. इससे साफ-साफ पता चलता है कि मोदी सरकार और भाजपा आरएसएस के इशारे पर ही काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा पूरे देश में मनुस्मृति का शासन चलाना चाहते हैं, जिसमें जाहिर है कि दलितों-पिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है. वाजपेयी सरकार के शासन में संविधान की ही समीक्षा के लिए एक आयोग का गठन करने की कोशिश की गयी थी. पिछले 16 महीने की मोदी सरकार में पूरे देश में अल्पसंख्यकों व दलितों पर हमले की घटनाओं में बाढ़ आ गयी है और इतिहास-संस्कृति सबकुछ के भगवाकरण की कोशिशें की जा रही है और संघियों को उत्पाती कार्रवाई संचालित करने के लिए खुली छूट दे दी गयी है.

हाल ही में कोबरा स्टिंग आपरेशन ने एक बार फिर से इस सच को सामने लाया है कि रणवीर सेना के आतंकवादियों को भाजपा के बड़े नेताओं ने न केवल संरक्षण दिया, बल्कि हथियारों के लिए पैसा भी मुहैया कराया. भाजपा के नेताओं को बचाने के लिए ही नीतीश कुमार ने अमीरदास आयोग को भंग करने का काम किया था.
आज भाजपा नेता जय बनर्जी दंभ से कह रहे हैं कि केंद्रीय चुनाव आयोग भाजपा के नियंत्रण में हैं. यह घोर लोकतंत्र विरोधी बयान है और हम इसकी घोर निंदा करते हैं. वे यह भी कह रहे हैं कि बिहार में परचम लहराने वाले के बाद बंगाल में बुलडोजर चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता यह सब देख रही है और आने वाले चुनाव में भाजपा को निश्चित रूप से सबके सिखायेगी.

उन्होंने यह भी कहा कि आज भाजपा गठबंधन हो या फिर लालू-नीतीश का गठबंधन, दोनों जगह टिकटों की मारामारी है और उसमें धन-बल का खुला प्रदर्शन किया जा रहा है. बिहार में अभी भयानक आर्थिक संकट का दौर चल रहा है, ऐसी स्थिति में भाजपा गठबंधन और जदयू-राजद गठबंधन द्वारा चुनाव का जश्न मनाना बिहार की जनता का न केवल अपमान है बल्कि जले पर नमक छिड़कना है. पूरे बिहार में भाजपा, जदयू-राजद सरीखी पार्टियों द्वारा धनबल का बेतहाशा प्रदर्शन व सत्ता का दुरूपयोग करते हुए अवैध तरीके से भारी पैमाने पर होर्डिंग-पोस्टरिंग व वाल राइटिंग की गयी है. इसे तत्काल हटाया जाए और इन पार्टियों द्वारा धनबल के बेइंतहा इस्तेमाल पर नजर रखी जाए और समुचित कदम उठाये जाएं.

वहीं, माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सामंती-सांप्रदायिक कारपोरेटपरस्त भाजपा गठबंधन और अवसरवादी-धोखेबाज जदयू-राजद कांग्रेस के गठबंधन के खिलाफ बिहार के गरीब-गुरबे, महिलायें, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, मजदूर-किसान और छात्र-नौजवान संगठित होने लगे हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से वाम दलों की एकता बिहार में एक नई राजनीति लेकर आई है, जो नए बिहार के निर्माण का पथ प्रशस्त करेगी.

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