बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही खुद को किंगमेकर बनने का सपना बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी देख रही है। पार्टी के पदाधिकारियों की मानें तो बिहार में बसपा के सहयोग के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी। पार्टी की इच्छा है कि चुनाव के दौरान बसपा को कम से कम इतनी सीटें जरूर मिल जाएंगी, जिससे वह किंगमेकर बनने की स्थिति में खड़ी हो सके। बसपा बिहार चुनाव में इस बार पूरा दम लगा रही है।
बसपा बिहार में वर्ष 1995 से ही विधानसभा चुनाव लड़ती आ रही है लेकिन कभी भी उसको ज्यादा सीटें नहीं मिली। वर्ष 1995 में हुये चुनाव में बसपा को केवल दो सीट से ही संतोष करना पड़ा था। 1995 के बाद वर्ष 2000 में बिहार में हुये विधानसभा चुनाव में पार्टी को पांच सीटें मिलीं, तो 2004 में पार्टी को मात्र 4 सीटें ही मिल पाई। पिछले विधानसभा चुनाव में स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि बसपा का खाता भी नहीं खुला।
उत्तर प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद से ही बसपा के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। 2014 में सम्पन्न हुये लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को काफी निराशा हाथ लगी थी। पार्टी उप्र में एक भी लोकसभा सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पायी। वहीं रणनीतिकारों के अनुसार, बसपा की मुखिया मायावती को बिहार चुनाव से भी बड़ी उम्मीदें हैं। पार्टी का मानना है कि बिहार में अच्छे प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार से पार्टी का ग्राफ बढ़ेगा और इसका लाभ 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी मिलेगा।
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी की नजर उन सीटों पर है, जहां बसपा ने पिछले चुनावों में अच्छा वोट हासिल किया था। ऐसी सीटों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है और उन इलाकों में खासतौर से मायावती की रैलियों का आयोजन किया जायेगा। मायावती 9 अक्टूबर से बिहार में रैलियों को सम्बोधित करने की शुरूआत करेंगी।
बिहार चुनाव के प्रभारी रामअचल राजभर के अनुसार, पार्टी बिहार विधानसभा का चुनाव पूरे दमखम के साथ लड़ रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी 100 से अधिक सीटों पर मजबूती के साथ लड़ रही है। सीटें कितनी मिलेंगी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना मानकर चलिये कि इस बार बिहार में बसपा के सहयोग के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी। बसपा ही किंगमेकर होगी।

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