विशेष : तिरंगा, फेसबुक और डिजिटल इंडिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 29 सितंबर 2015

विशेष : तिरंगा, फेसबुक और डिजिटल इंडिया

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फेसबुक पर तिरंगे और नेट जैसी आकृति के पीछे प्रोफाइल पिक्चर को एडजस्ट करने की एक मुहिम सी चल पड़ी. जिसमें भारत के हर वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया. खेल की दुनिया से जुड़े लोग हों या फिर राजनीति, हां फिल्मी दुनिया के लोगों ने भी प्रोफाइल में डिजिटल इंडिया से खुद को जुड़ा हुआ दिखाया. दरअसल ये पूरी मुहिम सिलिकॉन वैली में गूंजी एक आवाज से शुरू हो गई थी. जिसमें विकास के लिए विश्वास था. लोगों के दिलों में डिजिटल होने की खुशी थी. पर ये डिजिटल क्या था, असल में इसके मायने क्या थे.  

क्या है डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत शहरों को सड़क हाईवे की तर्ज पर ब्राडबैंड हाईवे से जोड़ा जाएगा. साथ ही सभी नागरिकों के लिहाज से टेलीफोन सेवाओं तक पहुंच भी सुनिश्चित की जाएगी. वहीं मुहिम के अगले कदम में सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराई जाएगी. डिजिटल इंडिया के तहत शासन प्रशासन की नीति में सुधार के लिए ई गवर्नेंस की तकनीकि के चलन को बढ़ाया जाएगा और विकास दर को तेजी से सुधारने के लिए ई क्रांति यानि की विभिन्न सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में लोगों को मुहैया कराया जाएगा. वहीं दूसरी ओर इस मुहिम तहत जरूरी जानकारियों से लोगों को रूबरू रखने के लिए इंफार्मेशन फॉर आल की नीति का पालन किया जाएगा. तकनीकि में विकास के साथ ही भारत सरकार का उद्देश्य यह भी है कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए प्रयोग होने वाले कल-पुर्जो का आयात शून्य कर दिया जाए मतलब यह भी है कि इनका उत्पादन भारत में ही किया जाए. रोजगार के लिहाज से डिजिटल इंडिया ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंफार्मेशन टेक्नॉलाजी का प्रयोग नौकरियों के लिए किये जाने का निर्णय लिया है. शिक्षण पद्धति में सुधार के लिए प्रयास करते हुए स्कूल कॉलेज में स्टूडेंट्स समेत टीचर्स की हाजिरी को डिजिटल तरीके से व्यवस्थित किये जाने की योजना है.

मुहिम के आगाज पर क्यों उठे सवाल
प्रोफाइल पिक्चर्स तिरंगे के पीछे छिपने लगीं और कुछ लोग इसी बीच बहाना तलाशने लगे मुहिम को फ्लॉप करने का. हालांकि इन सबके अलावा कुछ लोग असल में जानना चाहते थे कि सच में ये मुहिम डिजिटल इंडिया से जुड़ी हुई है या फिर इसका उद्देश्य कुछ और ही है. दरअसल इस बात की हवा फैल गई कि जकरबर्ग डीपी को चेंज करने के साथ ही इंटरनेट डॉट ओआरजी के लिए समर्थन जुटा रहे हैं. जिसके बाद मोदी को घेरने के लिए सोशल मीडिया पर भीड़ इकट्ठा होने लगी. पर फेसबुक द्वारा इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण दिया जा चुका है. 

क्या है तिरंगे वाली डीपी की हकीकत
मुहिम मु्द्दे का रूप लेने लगी तो फेसबुक के प्रवक्ता ने हफिंगटन पोस्ट को बताया कि तिरंगे वाली डीपी और internet.org के बीच किसी तरह का कनेक्शन नहीं है. एक इंजीनियर ने कोड के हिस्से के शॉर्टहैंड नाम के तौर पर गलती से ‘internet.org profile picture’ शब्द का इस्तेमाल किया. लेकिन इस प्रॉडक्ट का internet.org के लिए रजिस्टर्ड सपोर्ट के साथ कोई कनेक्शन नहीं है.  फेसबुक ने कहा कि कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हम कोड को बदल रहे हैं. यह डीपी पूरी तरह से डिजिटल इंडिया मुहिम के सपोर्ट के लिए ही है.

क्यों विवादास्पद है internet.org
Internet.org फेसबुक की एक विवादास्पद पहल रही है, जिसका उद्देश्य मुफ्त में बेसिक इंटरनेट की सर्विस ऐसे लोगों को उपलब्ध कराना है, जो इंटरनेट का फुल वर्जन इस्तेमाल कर पाने में सक्षम नहीं हैं. आलोचकों का कहना है कि फेसबुक की पहल का उद्देश्य दुनिया के गरीब लोगों को यह विश्वास दिलाना है कि इंटरनेट का मतलब सिर्फ फेसबुक है.

डिजिटल इंडिया के साथ अपेक्षा की जा रही है कि विकास की रफ्तार में इजाफा हो जाएगा. पर इन अपेक्षाओं के बीच सवाल अभी किसानों के हितों को लेकर अटका हुआ है कि भला वे कैसे डिजिटल इंडिया मुहिम से लाभान्वित हो सकेंगे. फिलवक्त तो तिरंगे के साथ डीपी को रंगीन करते हुए मुहिम का स्वागत करने के लिए, एक नया इतिहास रचने के लिए आगे बढ़ते हैं. हां उम्मीद है, अपेक्षा भी और आशा भी कि डिजिटल इंडिया भारतवासियों के लिए अच्छे दिन लेकर आएगी. क्योंकि आज भी गौर से विकसित मुल्कों की ओर देखने पर पता चलता है कि हम विकास की दौड़ में कितना पीछे हैं.





हिमांशु तिवारी 'आत्मीय'
संपर्क : 08858250015

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