गुजरात के रहने वाले करीब 70 नाविक लगभग 15 दिनों से ज्यादा समय से संकट ग्रस्त यमन में फंसे हुए हैं और उन्होंने भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की गुहार लगाई है. इन नाविकों ने भारत सरकार से यह अनुरोध ऐसे समय में किया है जब पिछले ही दिनों यमन में सऊदी अरब की अगुवाई में हुए हवाई हमलों की चपेट में आ जाने के कारण छह भारतीय नागरिक मारे गए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी.
कच्छ और मांडवी के वाहनवत्ता संघ के अध्यक्ष हाजी जुनेजा ने बताया कि पांच नौकाओं के साथ 70 गुजराती नाविक करीब 15 दिनों से अपनी पांच नौकाओं के साथ फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के लिए अब सरकारी मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैंने कल विदेश मंत्रालय को लिखकर उनसे अनुरोध किया कि हमारे नाविकों को बचाएं या उन्हें किसी सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं.
गुजरात के एक नाविक समूह ने केंद्र सरकार से इन लोगों को वापस लाने की अपील की है. कच्छ और मंडवी की वाहनवट एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी जुनेजा के अनुसार, 'यमन में फंसे गुजराती नाविकों को स्वदेश लाने के लिए हम सरकार से अपील करते हैं. इसके लिए मैंने विदेश मंत्रालय को लिखित अपील भी की है.' उन्होंने कहा कि नाविकों की हालत बहुत दयनीय है और वहां उन पर हमले हो रहे हैं.
यमन से मंडवी गांव के सिकंदर नामक एक नाविक ने कहा, 'मैं भारतीय हूं. हम खोखा बंदरगाह पर हैं. हमारे उपर हवाई हमले हो रहे थे. उन्होने हमारे ऊपर तीन रॉकेट दागे, लेकिन किसी तरह हमने अपनी जान बचाई है. हम इधर-उधर छुपकर जान बचा रहे हैं.'
कुछ दिन पहले यमन में एक नाव पर सवार हवाई हमले से 6 भारतीय मारे गए थे. विदेश मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी में बताया गया था कि ये 6 भारतीय सऊदी गठबंधन के हवाई हमलों की चपेट में आने से मारे गए थे. मारे गए नाविक उन सात भारतीय नागरिकों में शामिल थे जिन्हें शुरूआत में तब लापता बताया गया था जब 21 भारतीयों को लेकर जा रही दो नौकाएं ‘मुस्तफा’ और ‘अस्मार’ हवाई हमलों की चपेट में आ गई थी. शिया विद्रोही यमन में सरकार समर्थक बलों से लड़ रहे हैं. जिसके चलते यमन में गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि मार्च से लेकर अब तक इस टकराव में 4,500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि छह भारतीय उस वक्त मारे गए जब उनकी नौका आठ सितंबर को सऊदी अरब की अगुवाई में किए जा रहे हमलों की चपेट में आ गई थी.

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