हिंदी के प्रख्यात लेखक डॉ. कमल किशोर गोयनका को आज वर्ष 2014 के लिए 24 वें व्यास सम्मान से सम्मानीत किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनकी पुस्तक ‘‘प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन’’ के लिए दिया गया। पुरस्कार मिलने के बाद डा. गोयनका ने कहा “ मैंने यह कभी नहीं सोचा था की मुझे यह सम्मन मिलेगा। इस पुरस्कार के लिए मै आभारी हूं।” उन्होंने कहा कि प्रेमचंद के पूरे साहित्य को समझने की जरूरत है और उनके लेख चुनिंदा अध्ययन करने के लिए नहीं है। उन्होंने विभिन्न लघु कहानियों और उपन्यासों में तीन हजार के आसपास पात्रों को चित्रित किया है जोकि हमारे दैनिक जीवन से प्रेरित है। एक विशेष कहानी पढ़ कर किसी लेखक का विश्लेषण करना उसके व्यक्तित्व के साथ सरासर अन्याय है।
डॉ गोयनका ने हिन्दी साहित्य के बड़े साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद के लेखों का महत्वपूर्ण विश्लेषण किया है। इस मौके पर उन्हों हिंदी के प्रख्यात लेखक प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने एक प्रशस्ति पत्र और 2.5 लाख रुपये की नकद राशि के साथ सम्मानित किया 1991 में शुरुआत की गई व्यास सम्मान भारतीय नागरिक की उत्कृष्ट हिंदी कृति पर दिया जाता है।
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