मुंबई में लोकल ट्रेनों में बम विस्फोटों के करीब नौ साल बाद विशेष अदालत ने दोषियों के लिए सजा का ऐलान किया है. विशेष मकोका अदालत ने 12 दोषियों में से 5 को मौत की सजा सुनाई है. 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
11 जुलाई, 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सीरियल विस्फोटों में 189 लोगों की जान गई थी . मुंबई की कई लोकल ट्रेनों में प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 जुलाई, 2006 को सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुए थे. विशेष न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले सप्ताह सजा पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की थी. तब अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी वहीं बाकी चार को उम्रकैद की सजा दिये जाने की मांग की गयी थी. विशेष मकोका अदालत ने 23 सितंबर को मामले में सजा पर अपना आदेश 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था. 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. इस बीच, बचाव पक्ष ने कहा है कि वे हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
अदालत ने 11 सितंबर को 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था और एक को बरी कर दिया था. इन सभी के कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रहे हैं. आरोपियों को आईपीसी, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था.
12 आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1) (आई) के तहत भी दोषी पाया गया. दोषियों में कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), एहतेशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38) हैं.
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