सिखों और पाटीदार समुदाय के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुयालय के बाहर उस समय प्रदर्शन किया जब एक विशेष संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में सतत विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हो रहा था। एसएफजे के बैनर तले 200 से अधिक सिखों ने पंजाब में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया और पृथक खालिस्तान के लिए 2020 में जनमत संग्रह कराए जाने की मांग की। भारत और मोदी विरोधी नारे लगा रहे प्रदर्शनकारियों ने विश्व निकाय से उनकी मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाने की मांग की।
एसएफजे के नेता बख्शीश सिंह संधु ने कल दावा किया, ‘‘अल्पसंख्यकों, खासकर ईसाइयों, सिखों और मुसलमानों के मानवाधिकारों का जबर्दस्त उल्लंघन हो रहा है।’’ इसके साथ ही अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में रह रहे गुजरात से ताल्लुक रखने वाले पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने भी कुछ दूरी पर विरोध प्रदर्शन किया। अनिल पटेल नाम के प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हम पुलिस बर्बरता के मामले में न्याय चाहते हैं। अब भी करीब चार हजार युवक पुलिस हिरासत में हैं। निर्दोष लोगों के खिलाफ पुलिस बर्बरता हुई है। इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।’’
प्रदर्शनकारी गुजरात के सरदार पटेल समूह की टोपियां पहने हुए थे। यह समूह राज्य में पटेल समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। इस बीच, कुछ दूरी पर पटेलों के एक अन्य समूह ने न्यूयॉर्क आधारित इंडियन डायमंड एंड जेमस्टोन इंडस्ट्री के बैनर तले मोदी के लिए एक स्वागत रैली का आयोजन किया।

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