मुख्य सचिव ने राज्य के विभिन्न अंतर राज्यीय मुद्दों को मध्य क्षेत्रीय परिषद में उठाया
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। मध्य क्षेत्रीय परिषद (सेंट्रल जोनल काउंसिल) की ग्यारहवीं स्थाई समिति की बैठक में उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने राज्य के विभिन्न अंतर राज्यीय मुद्दों को उठाया। खासतौर से सिंचाई और ऊर्जा के लम्बित प्रकरणों के समाधान के मुद्दों को पुरजोर ढं़ग से रखा। उत्तर प्रदेश से सिंचाई और अन्य परिसम्पत्तियों के बटवारे के बारे में चर्चा हुई। जमरानी बांध पर भी कार्य तेजी से बढ़ाने पर बात हुई।केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय द्वारा महानदी भवन रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित इस बैठक में मुख्य सचिव ने जल विद्युत परियोजनाओं, भागीरथी नदी, राजा जी राष्ट्रीय पार्क, एथनाल के परिवहन, जैव विविधता, आधार कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना आदि विभिन्न प्रकरणों की पैरवी की। मुख्य सचिव ने राज्य में गठित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) को अन्य राज्यों से साझा किया। इसके साथ ही अन्य राज्यों में चल रहे अभिनव कार्यों को भी साझा किया। बैठक में मध्य क्षेत्र से नक्सल उन्मूलन, आपदा प्रबंधन की राष्ट्रीय नीति के विभिन्न मुद्दे, क्राइसिस प्रबंधन योजना, सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण में सहयोग, कार्यालय प्रक्रिया में सुधार, जन शिकायत समाधान में सिंगल विंडो सिस्टम, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण, मेडिकल काॅलेजों की स्थापना, एएनएम व जीएनएम स्कूल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना आदि राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। बैठक में अंतर्राज्जीय परिषद सचिवालय के सचिव प्रवीर कुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विवके ढ़ांड, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन हरिराज किशोर, उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, सचिव सामान्य प्रशासन शैलेश बगोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने चार उत्कृष्ट विधायकों को किया सम्मानित
- श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, विधायक अमृता रावत, मदन कौशिक व पूर्व विधायक जोत सिंह गुन्सोला किये गये सम्मानित
- सरकार-विपक्ष संसदीय लोकतंत्र के दो स्तम्भ: डा पाल
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्णकांत पाल ने कहा कि संसदीय लोकतत्र, चर्चा के माध्यम से चलने वाली व्यवस्था है। सरकार तथा विपक्ष इसके दो मुख्य स्तम्भ हैं। सरकार योजनाओं एवं नीतियों को बनाकर उन्हें लोकहित में क्रियान्वित कराने का कार्य करती है जबकि विपक्ष सरकार की नीतियों पर निगरानी रखता है व इसकी त्रुटियों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करता है। लोकहित की प्राप्ति के लिए दोनों ही पक्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भारत में विधायिकाओं में सदैव उच्च संसदीय परम्पराओं का निर्वहन हुआ है जिस कारण आज देश प्रगति के नित नए सोपान स्थापित कर रहा है परन्तु हाल के वर्षों में विधायिका के समक्ष कुछ चुनौतियां भी उपस्थित हुई हैं। मंगलवार को उत्तराखण्ड विधानसभा के उत्कृष्ट विधायकों को सम्मानित करते हुए राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने कहा कि सदन की गरिमा तथा अनुशासन बनाए रखना संसदीय व्यवस्था के सभी पक्षों का उत्तरदायित्व है। इस विषय में सभी पक्षों को ध्यान रखना चाहिए कि संभवतः हम हमेशा सही न हों, कभी-कभी हमारे विरोधी भी सही हो सकते हैं। अतः संयम एवं विनम्रता का यह भाव हमारे सभी कार्यों का मूलमंत्र होना चाहिए। लोकतंत्र की भी मूल भावना यही है। इस वर्ष राष्ट्रपति द्वारा भी उत्तराखण्ड विधानसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि विधानसभा में व्यवधान नहीं बल्कि वाद-विवाद, विचार-विमर्श व निणर्य होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी विधायिकाएं आमजन की आशाओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। प्रतिनिधि लोकतंत्र मंे जनता अप्रत्यक्ष रूप से विधानसभा सदस्यों के माध्यम से शासन करती है। सदस्यों पर अनेक प्रकार के उत्तरदायित्व होते हैं। समय के साथ-साथ इन दायित्वों का क्षेत्र और अधिक व्यापक हुआ है। वर्तमान में उन्हें जनप्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र की जनता की आवाज सदन में उठानी होती है वहीं दूसरी ओर सभा द्वारा सौंपे गए विभिन्न विधायी कार्यों का भी निष्पादन करना होता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली में प्रश्नकाल अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर होता है इसका पर्याप्त सटीकता के साथ उपयोग के प्रयास होने चाहिए। वास्तव में विधानसभा सदस्यों से अनेक प्रकार की आशाएं एवं आकांक्षाएं विभिन्न पक्षों द्वारा की जाती है ऐसे में सदस्यों का उत्कृष्ट कार्य निसंदेह उल्लेखनीय है। राज्यपाल द्वारा उत्कृष्ट विधायक सम्मान हेतु वर्ष 2010 के लिए श्री जोत सिंह गुनसोला, वर्ष 2011 के लिए श्रीमती अमृता रावत, वर्ष 2012 के लिए श्री मदन कौशिक एवं वर्ष 2013 के लिए डा0 श्रीमती इन्दिरा हृदयेश पाठक को प्रदान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मान उत्तराखण्ड विधानसभा मंे उच्च संसदीय परम्पराओं के विकास में उत्प्रेरक सिद्ध होगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, लोकसभा के पूर्व महासचिव जी.सी.मल्होत्रा के साथ ही संसदीय कार्यमंत्री श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, विधायक अमृता रावत, मदन कौशिक व पूर्व विधायक जोत सिंह गुन्सोला ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
डेंगू की रोकथाम में उत्तराखण्ड सरकार पूरी तरह फेल: नेता प्रतिपक्ष
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। नेता प्रतिपक्ष, श्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार डेंगू की रोकथाम में पूरी तरह फेल हो गयी है। प्रदेष में अभी तक डेंगू के 1100 से भी अधिक संदिग्ध मरीज सामने आ चुके हैं। देहरादून में ही मरीजों की संख्या 250 पार कर चुकी है। सरकार के दावे मात्र हवा-हवाई साबित हो रहे हैं, जमीनी स्तर पर हालात बहुत ही गम्भीर हैं। प्रदेष में रोज डेंगू के नये-नये मामले सामने आ रहे हैं, किन्तु सरकार मात्र समीक्षा बैठक एवं हवाई दावों तक ही सिमटी रह गयी है। श्री भट्ट ने कहा कि डेंगू से बचाव हेतु षहरों में फागिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। चारों ओर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। सीवर लाईन से सड़क जगह-जगह खुदी होने के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हंै, तथा पाईप लाइन टूटी हुई हैं। जगह-जगह पाईप लीकेज के कारण जल भराव होने से डंेगू का खतरा बड़ता जा रहा है, किन्तु सरकार एवं उसके आला अधिकारी टूटे पानी के पाईप की मरम्मत करना तो दूर, सड़कों के गड्ढे भरने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू का लार्वा मारने के लिए दवाओं का छिड़काव तथा फागिंग की युद्ध स्तर पर कोई रणनीति न होने से तथा अभी तक पाष इलाकों एवं डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई भी टीम न भेजे जाने एवं फागिंग तथा दवाई का छिड़काव न होने से रोज-रोज मरीजों की संख्या मंे बृद्धि हो रही है। श्री भट्ट ने कहा कि अस्पतालों में प्लेटलेट्स एवं डेंगू जाॅच किट्स की कोई व्यवस्था न होने से मरीज भगवान भरोसे रहने को मजबूर हैं। सरकार ने मरीजों की संख्या के हिसाब से अतिरिक्त बेड की भी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। अस्पतालों में बेड की मारामारी चल रही है। गरीब लोगों के लिए निःषुल्क इलाज के दावे भी हवाई ही साबित हुए हैं। लोग निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं किन्तु गरीब लोग आर्थिक कारणों से इलाज नही करा पा रहे हैं, जिससे स्थिति और भी गम्भीर होती जा रही है। श्री भट्ट ने कहा कि पहले डेंगू मैदानी एवं तराई क्षेत्रों तक अधिक सीमित था किन्तु अब गढ़वाल एवं कुमाऊँ मण्डल के पर्वतीय जनपदों तक डंेगू पाॅव पसार चुका है, लोगों में दहषत का माहौल है। पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित चिकित्सालयों में डेंगू इलाज के कोई इंतजाम नहीं होने से लोगों को मैदानी क्षेत्रों में उपचार के लिए आना पड़ रहा है। श्री भट्ट ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार के डंेगू के इंतजाम की हकीकत चकराता की 09 साल की मासूम की मौत के बाद सामने आ गयी है। बच्ची के मौत ने सरकार के डेंगू के उपचार को लेकर किये जा रहे समस्त दावों की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने दूरस्थ स्थानों में स्थित अस्पतालों में भी डेंगू के उपचार, दवाई, जाॅच किट एवं अन्य एहतियात बरती गयी होती तो मासूम बच्ची की जान बचाई जा सकती थी, श्री भट्ट ने 09 वर्शीय मासूम बच्ची की डेंगू की मौत को सीधे-सीधे सरकार एवं उसकी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार बताया। श्री भट्ट ने कहा कि कुमाऊॅं में दिमागी बुखार भी अपने पैर पसार चुका है, जिससे कुमाऊॅं में 02 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, किन्तु सरकार अभी तक मात्र हवाई दावे एवं समीक्षा बैठकों तक ही सिमटी हुई है। उन्होंने कहा कि बन्द ए0सी0 कमरों में समीक्षा बैठक करने एवं हवा-हवाई दावे करने मात्र से डेंगू एवं दिमागी बुखार पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता इसके लिए सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तथा टीमें गठित गठित कर लोगों को जागरूक करने, सभी स्थानों अधिकांषतः डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में दवाई का षीघ्र छिड़काव किये जाने, प्रतिदिन इस कार्यवाही की मानिटरिंग करने, अस्पतालों में दवाईयाॅं, प्लेटलेट्स एवं जाॅच किटों का पर्याप्त स्टाक रखने एवं मरीजों हेतु अतिरिक्त बैड उपलब्ध कराने की जरूरत है। यदि पर्वतीय स्थानों में इसके इंतजाम नाकाफी हुए तथा वहाॅं भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो मरीजांे की संख्या में बेतहाषा बृद्धि होगी तथा वह षहर व मैदानी क्षेत्रों मंे स्थित अस्पतालों की ओर रूख करेंगे, जिससे स्थिति और भी बद्तर हो जायेगी, इसलिए सरकार को चाहिए कि वह षहरी क्षेत्रांे के साथ ही पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्र में स्थित चिकित्सालयों में भी सभी सुविधायें मुहैया कराने को लेकर अभी से युद्ध स्तर पर प्रयास प्रारम्भ करे ताकि लोगों का उचित समय पर निकटस्थ चिकित्सालयों में ही उपचार सम्भव हो सके तथा जिस तरह नौ वर्शीय मासूम बच्ची की को अपने जान से हाथ धोना पड़ा उसकी पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
नीति आयोग की संचालन परिशद की बैठक में जाये बिना कैसे मिलेगा फंड - महाराज
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सदस्य भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि जुलाई में प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की संचालन परिशद बैठक में जा कर उन्होंने क्यों नहीं राज्य के विकास का ब्लू प्रिंट सामने रख आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि जुलाई में जब बैठक बुलाई गई तब तो मुख्यमंत्री गये नहीं और बाहर प्रस्ताव दे कर चाहते हैं कि केन्द्र उनकी सहायता करे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने कहा कि उŸाराखण्ड सरकार अवैध कार्य करने वाले माफियाओं से घिरी है और राज्य व वहां की जनता के विकास से उसका कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसबीवाई योजना बना कर जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाई पर अब जब हकीकत सामने आई तो बीमा कंपनी ने अब तक के उपचार के रूपये भी अस्पतालों को नहीं दिये जिससे अस्पतालों ने ईलाज से अपने हाथ खींच लिये हैं। इसी प्रकार से एल.पी. दवायें भी जनता को निःषुल्क नहीं मिल रही है, उन पर रोक लगा दी गई है क्योंकि दवाये सप्लाई करने वाले को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। यह सब दर्षाता है कि सूबे की सरकार जनता के प्रति संवेदनहीन है। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिशद में मुख्यमंत्री को जा कर अपनी बात रखनी चाहिए थी परन्तु ऐसा न कर उन्होंने राज्य की जनता के साथ छल किया है। केन्द्र सरकार संघीय व्यवस्था के तहत सभी को साथ ले कर चल विकास करना चाहती है। हाल ही में आये वित्त आयोग में कांग्रेस षासित आसाम को सबसे ज्यादा फण्ड मिला उसके बाद दूसरे नम्बर पर हिमाचल को आपदा देखते हुए ज्यादा फण्ड मिला परन्तु उŸाराखण्ड की सरकार तो मांग ही नहीं पाई और फिर अपनी नाकामी छुपाने के लिए कहती है कि केन्द्र सौतेला व्यवहार कर रहा है। उन्होंने राज्य सरकार की दिषा, दषा व कार्यप्रणाली को राज्य व जनता के विकास के विरूद्ध करार दिया।
119 में से 20 समस्याओं का मौके पर निस्तारण, जिलाधिकारी की मौजूदगी में हुआ जनता दरबार
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत आज यहां तहसील प्रांगण में माह के तीसरे मंगलवार को आयोजित किये गये तहसील दिवस जनता दरबार में क्षेत्र के वांशिदों द्वारा 119 समस्यायें/शिकायतें जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट के समक्ष प्रस्तुत की गयी जिनमें से 20 से अधिक समस्याओं का निराकरण मौके पर ही किया गया तथा अवशेष शिकायतों को विभागीय अधिकारियों को इस निर्देश के साथ उपलब्ध कराये गये कि उनका निस्तारण हर हाल में 15 दिनों के भीतर करते हुए समस्या निस्तारण की सूचना से आवेदक समेत उन्हें भी अवगत कराया जाय। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि लोगों द्वारा प्रस्तुत की गयी शिकायतें हर हाल में निस्तारित की जायें यदि समस्याओं के निस्तारण में बजटधन की कमी होती है तो ऐसे समस्याओं के निस्तारण हेतु उन्हें पत्र लिखा जाय। आज आयोजित जनता दरबार में मुख्य रुप से स्वास्थ्य शिक्षा सड़क पेंशन प्रमाण पत्रों विद्युत पेयजल समेत कई समस्यायें प्राप्त हुई। जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट ने तहसील दिवस के अवसर पर उपस्थित विभागीय अधिकारियों व आम जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोगों की समस्याओं का समयबद्व रुप से निस्तारण किया जाना जहां एक ओर प्रगति का द्योतक है वहीं दूसरी ओर समस्याओं के निस्तारण से लोगों को भी राहत प्राप्त होती है। उन्होंने इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी समेत जल संस्थान एवं जल निगम के अधिकारी को निर्देशित किया कि वे डेंगू व मलेरिया के रोगों के क्षरण के लिये साफसफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें तथा जहां पर अधिकाधिक मात्रा में मच्छरों के पनपने की संभावना हो ऐसे स्थानों पर फौगिंग गैस का छिड़काव भी तत्काल करना सुनिश्चित करें साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य विभाग के अधिकारी बाजार में बिक रहे सड़े गले सामान तथा ओवर डेट हो चुकी सामग्री का परीक्षण कर उनकी नियमित जांच कर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। आज आयोजित जनता दरबार में मुख्य रुप से जीआईसी कांडाखाल लंगूर में शिक्षक अभिभावक संघ का अभी तक गठन न होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए भगवती प्रसाद काण्डपाल ने तत्काल कार्यवाही किये जाने की मांग की। जनता दरबार में पुलिण्डा के वाशिंदों के पलायन को रोकने नगरपालिका परिषद कोटद्वार के मृतक आश्रितों को पारिवारिक पेंशन दिलाये जाने चरेख पेयजल पंपिंग योजना तत्काल बनाये जाने वर्ग चार की भूमि को वर्ग एक की भूमि में तब्दील करने की समस्या ईडिस्ट्रिक्ट के अन्तर्गत लोगों को प्रमाण पत्र दिये जाने के लिये एडीओ पंचायत की नियुक्ति करने मालन सुखरौं एवं खो नदियों में खनन खुलवाने कोटद्वार शहर में स्थापित मण्डी समिति को शिफ्ट करने नकली दवाओं की छापेमारी करने देवी रोड़ में बड़े वाहनों की पार्किंग हटाने सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत तैनात अध्यापकों के वेतन की अदायगी करने संयुक्त चिकित्सालय की समस्याओं को दूर करने देवीखेतचमल्सू मोटरमार्ग निर्माण का मुआवजा दिलाने ग्राम शिवपुर लालढांग में नसेडि़यों की जमघट को हटाने झण्डीचैंड़ में पेयजल योजना की मरम्मत करने फड़ विक्रेताओं द्वारा की जा रही घटतौली पर नियंत्रण करने ग्राम सभा काशीपुर के अन्तर्गत प्रताप नगर के ऊपर से जा रही हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाने विधवा विकलांग वृद्धावस्था पंेशनधारकों की पेंशन उपलब्ध कराने की मांग प्रमुखता से लोगों द्वारा उठायी गयी। जनता दरबार में पुलिस अधीक्षक अजय जोशी, मुख्य विकास अधिकारी सोनिका, प्रभागीय वनाधिकारी लैंसडौन नितिशमणी त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी गोविन्द राम बिनवाल, तहसीलदार अबरार हुसैन, मुख्य चिकित्साधिकारी डा० मनीष अग्रवाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक उद्योग विपिन कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी रतन सिंह रावल आदि उपस्थित रहे।
जनपद की 1961 करोड़ की जिला योजना को अनुमोदित
चम्पावत,22 सितम्बर (निस)। पूर्व से संचालित एवं आधी-अधूरी पड़ी योजनाओं को प्राथमिकता पर रखते हुए उनका जिला योजना में उचित प्रबन्ध कर समय से कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें एवं आम आदमी की आर्थिकी को मजबूत करने वाली योजनाओं पर फोकस करें। उक्त निर्देश वन वन्यजीव खेल एवं जनपद के प्रभारी मंत्री दिनेश अग्रवाल ने जिला योजना समिति की बैठक में जनपद की 4961 करोड़ की जिला योजना को अनुमोदित करते हुए अब तक अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष कार्याे की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिये। प्रभारी मंत्री ने कहा कि क्षेत्र का विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। जिला योजना के अन्तर्गत योजनाओं का समायोजन व क्रियान्वयन जनहित में किया जायेगा तथा जनहित से जुडी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जायेगा। उन्होंने आधीअधूरी पड़ी योजनाओं को प्राथमिकता पर रखकर नयी योजनाओं को उपलब्ध बजट के अनुसार रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिला योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत एक मुश्त धनराशि पूर्व में अवमुक्त की जा चुकी है तथा अवशेष धनराशि भी अवमुक्त की जा रही है। उन्होंने सभी विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अवमुक्त धनराशि को शतप्रतिशत व्यय कर कार्याे में तेजी लाकर योजनाओं का त्वरित लाभ जनता तक पहुॅचाने के निर्देश समिति की बैठक में अधिकारियों को दिये। प्रभारी मंत्री ने एनएच लोनिवी व पीएमजीएसवाई को सड़कों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश देते हुए नवम्बर तक हाटमिक्स प्लांट को चालू रखकर डामरीकरण कार्य पूर्ण करने तथा विभिन्न स्तरों में लंबित सड़कों के प्रकरणों को सुलझाने में तेजी लाने के निर्देश दिये। सिंचाई लघु सिंचाई कार्याे की समीक्षा करते हुए उन्होने मुख्य विकास अधिकारी को लघु सिंचाई के तहत संचालित 10 योजनाओं का औचक निरीक्षण कर रिर्पाेट देने के निर्देश दिये। जिला चिकित्सालय पीपीपी मोड पर संचालित लोहाघाट अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंन्द्रों पर चिकित्सकों की उचित व्यवस्था करने के निर्देश सीएमओ को दिये। उन्होंने कई विभागों द्वारा अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष कम व्यय करने पर अधिकारियों को आढे हाथों लेते हुए आगामी माह में कार्याे में प्रगति लाकर अवमुक्त धनराशि को शप्रतिशत व्यय करने के निर्देश दिये। दुग्ध मत्स्य पुशपालन उद्यान तथा कृषि विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने जनपद में दुग्ध उत्पादन को बढाने हेतु सभी प्रयास करने तथा पशुपालन हेतु काश्तकारों को प्रोत्साहित करते हुए चारा विकास की योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में महिला नर्सरीडेरी क्रियान्वित करने वाली महिलाओं को सरकार द्वारा 50 हजार रूपये की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जायेगी। उन्होंने जनपद में बकरी पालन घटनेे पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को बकरी पालन को बढ़ावा देते हुए इसे काश्तकारों की आर्थिकी का मजबूत साधन बनाने और इस हेतु जिला योजना में पर्याप्त बजट रखने के निर्देश दिये। मत्स्य पालन से जुडी योजनाओं को भी विकसित करने हेतु उचित कार्यवाही अमल में लाने तथा गांवों में दुधारू गायों के वितरण के साथ उनके लिए चारापत्ती की व्यवस्था करने जानवरों हेतु चालखाल बनाने मत्स्य तालाबों का निर्माण करने तिलहनी दलहनी फसलों के साथ अधिक उपज वाली सफलों को बढ़ावा देने कुक्कुट पालन हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ फलदार व अखरोट के पौधों के रोपण हेतु लोगों को प्रेरित करने के निर्देश पशुपालन उद्यान वन तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को दिये। वन विभाग के माध्यम से संचालित मेरा पेड मेरा धन योजना के अन्तर्गत पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए उन्होंने अधिक से अधिक काश्तकारों को इस योजना से जोडकर लाभान्वित करने के निर्देश प्रभागीय वनाधिकारी को दिये। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष खुशाल सिंह अधिकारी, संसदीय सचिव एवं क्षेत्रीय विधायक हेमेश खर्कवाल, विधायक पूरन सिंह फत्र्याल, नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र तिवारी, सीडीओ एसएसएस पांगती, एसडीएम जेएस राठौर व नरेश दुर्गापाल, डीडीओ विवेक उपाध्याय, पीडी केएन तिवारी, डीएसटीओ एलएम जोशी, सीएमओ विनोद टोलिया, सीवीओ पीएस भण्डारी, डीएचओ एचसी तिवारी मुख्य रूप से मौजूद थे।
खनन नीति पर न्यायालय के आदेशों का हो पालन: जिलाधिकारी
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। जिलाधिकारी रविनाथ रमन की अध्यक्षता में जिला खनन समिति की बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने सम्बन्घित अधिकारियों एवं सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि खनन नीति पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुश्चित करें, जिसके तहत राजाजी पार्क व अभ्यारण के 10 किमी क्षेत्रान्र्तगत खनन कार्य पूर्णतः प्रतिबन्धित है, यदि उक्त सीमा में कोई पट्टे पूर्व में स्वीकृत हो तो उन्हे निरस्त समझा जाये। उन्होने कहा कि अभ्यारण के 10 कि.मी की परिधि के बाहर ही 1 अक्टूबर 2015 से पट्टे जारी किये जायेगें। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि पट्टे उन्ही को जारी किये जायंगे, जिनके पास स्टोन के्रशर के लाईसेंस होंगे। उन्होने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-2 क्षेत्रों में अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखें, अवैध खनन रोकने हेतु निरन्तर अभियान चलाकर कार्रवाई करते रहें, अवैध खनन करते पकड़े जाने पर सम्बन्धित पर 2 लाख रू0 का चालान किया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि स्वीकृत पट्टे सापेक्ष अधिक भण्डारण करने वालों के विरूद्व भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए अर्थदण्ड वसूला जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि खनन भण्डारण आवंटियों के प्रपत्रों की ठीक से जांच लिए जायें। उन्होने गढवाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये हैं कि उनके द्वारा जारी किये गये पट्टो के टैण्डर नही होते है तब तक वे अपने स्तर से ही राजस्व वसूली के लिए खनन कार्य सुनिश्चित करें जिससे राजस्व की हानि न होने पाये। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने क्षेत्रान्तर्गत हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें तथा अवैध खनन होने पर इसकी सूचना तत्काल सम्बन्धित क्षेत्र के थानाध्यक्ष को दी जाये ताकि मौके पर अधिकतम पुलिस बल उपलब्ध कराया जा सके। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि सभी सम्बंधित अधिकारी अपने-2 क्षेत्रों में रात्रि में गश्त करें तथा अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखें। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रताप शाह व झरना कमठान, उप जिलाधिकारी चकराता अशोक पाण्डेय, उप जिलाधिकारी सदर अरविन्द कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश संतोष कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी डोईवाला सालिनी नेगी, एस.डी ढौंडियाल समन्वयक गढवाल मण्ड विकास निगम, बी.एस दानू सैक्टर प्रभारी जीएमवीएन, मुकेश कुमार उत्तराखण्ड वन विकास निगम, बी.बी मर्तोलिया एस.डी.एफ.ओ चकराता सहित सम्बन्घित अधिकारी उपस्थित थे।
सेना को 14 फरवरी तक फायरिंग की अनुमति
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने अवगत सेना को नून नदी रेंज अस्थाई स्माल फायरिंग अनुमति के सम्बन्ध मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, उप जिलाधिकारी सदर एवं ग्राम प्रधान विलासपुर काण्डली व वरिष्ठ उप निरीक्षक थाना कैन्ट देहरादून द्वारा प्रस्तुत जांच आख्या पर विचार करते हुए सेना को कुछ प्रतिबन्धों के साथ 15 अगस्त 2015 से 14 फरवरी 2016 तक कुल छ माह की अवधि तक फायरिंग की अनुमति प्रदान की गयी है। जिसमें भूमि का उपयोग उक्त प्रयोजन हेतु किया जायेगा। सेना के अधिकारी, अधीनस्थ कर्मचारी सैनिक या उनके अधीन कार्यरत या उनसे सम्बन्धित कोई व्यक्ति किसी भी वन सम्पदा को क्षति नही पहुंचायेगें, यदि वन सम्पदा को कोई क्षति पहुचाई जाती है, तो उसके लिए राज्य वन विभाग द्वरा अवधारित प्रतिकर का भुगतान प्रयोग करने वाले अभिकरण द्वारा किया जायेगा। उक्त भूमि सेना के कब्जे में उस अवधि तक रहेगी, जब तक प्रयोजन के लिए प्रयोग करने वाले अभिकरण को उसकी आवश्यकता हो, यदि प्रयोग करने वाले अभिकरण उक्त भूमि या उसके किसी भी विभाग को नही चाहता है, तो उसे उत्तराखण्ड सरकार के वन विभाग को वापस कर दिया जायेगा, जिसके लिए किसी प्रतिकर का भुगतान नही किया जायेगा। वन विभाग या उसके अभिकरण को किसी भी समय जब यह आवश्यक समझे उक्त भूमि में प्रवेश करने या उसके निरीक्षण करने का अधिकार होगा। उक्त भूमि अनारक्षित भूमि होगी और वन भूमि की विधिक परिस्थिति अपरिवर्तित रहेगी। उक्त भूमि में कोई भी निर्माण कार्य नही किया जायेगा तथा फायरिंग करने से पूर्व सुरक्षा की दृष्टि से गावं में मुनादी एवं प्रचार-प्रसार करा दिया जाये जिससे जानमाल का खतरा उत्पन्न न हो।
नंदादेवी एक्सप्रेस का उद्घाटन आज
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। नंदादेवी एक्सप्रेस का उद््घाटन 23 सितंबर को देहरादून में किया जाएगा। भाजपा के राज्यसभा सदस्य तरुण विजय के मुताबिक रेल मंत्री सुरेश प्रभु के आग्रह पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सांसद तरुण विजय की पहल पर ही एसी एक्सप्रेस का नाम नंदादेवी एक्सप्रेस किया गया था। विभिन्न कारणों से अब तक इसका उद्घाटन औपचारिक रूप से नहीं हो पाया था। अब नंदादेवी लोक जात के अवसर पर नंदादेवी एक्सपे्रस का उद्घाटन तय हुआ है। सांसद तरूण विजय, कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक, मेयर विनोद चमोली के साथ नंदादेवी एक्सप्रेस का शाम पांच बजे रेलवे स्टेशन पर उद्घाटन करेंगे और रात्रि साढ़े ग्यारह बजे हरी झंडी दिखाकर ट्रेन रवाना करेंगे।
शराब माफिया को मालामाल कर रही सरकारः भट्ट
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि एक तरफ सरकार उत्तराखण्ड की जनता पर पेट्रोल की कीमत बढाकर तथा जमीनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ाकर गरीबों का जीना दूभर कर रही है, वहीं दूसरी ओर कच्ची शराब की नीति, जो 6 माह पूर्व बनी थी गुपचुप तरीके से बिना कैबिनेट की मंजूरी लिए, बदलकर कच्ची शराब के ठेकेदारों को माला-माल कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार इस बढ़ोत्तरी का एक भी पैसा सरकारी खजाने में जमा न कर खजाने को कंगाल कर रही है। उन्होंनेे कहा कि सरकार ने हाल ही में एकाएक कच्ची शराब पर 6 प्रतिशत की वृद्धि करकेे ठेकेदारों को तो करोड़ों का फायदा पहुुंचा दिया गया है और खजाने में एक नया पैसे की वृद्धि न कर खजाने को चूना लगा दिया। श्री भट्ट ने कहा कि शराब के ठेकेदारों का लाभांश 20 प्रतिशत से बढ़ाकार 26 प्रतिशत करने से कच्ची शराब के पव्वे में रूपया 5 अद्दे में रूपया 10 एवं बोतल में रूपये 20 की बढ़ोत्तरी हो गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छः माह पूर्व जब कच्ची शराब की नीति तय हो गई तो छः महीने बाद बिना कैबिनेट की मंजूरी के सरकार ने चुपचाप कैसे कीमतें बढ़ाई। आबकारी नीति एक साल के लिए होती है। छः माह पुरानी नीति के अनुसार ही ठेकेदार सरकारी खजाने में राजस्व जमा करेंगे और बड़ी हुई कीमत में जो कच्ची शराब बेचेंगे उससे मिलने वाले लाभ से एक नया पैसा भी सरकारी खजाने में राजस्व जमा नहीं करेंगे। श्री भट्ट ने कहा कि साफ जाहिर है कि सरकार शराब के ठेकेदारों से मिली है, क्योकि जब छः माह पूर्व बनाई गई नीति एक वर्ष के लिए प्रभावी है तथा उस नीति में एक वर्ष के लिए ठेकेदारों का लाभांश तय किया गया है और जिस पर मंत्री परिषद ने मुहर लगाई है तो फिर सरकार ठेकेदारों पर इतनी मेहरबानी किन कारणों से कर रही है। इससे स्वंय समझा जा सकता है कि सरकार धन न होने का हर रोज रोना रोते हुए केन्द्र सरकार को गलियाती है और राजस्व न होने का रोना रोती है। उधर, चुपचाप शराब के ठेकेदारों को लाभ पहुचाकर खनन माफियाओं को छूट देकर, हीरो मौटो कार्प जैसी कम्पनी की भूमि की 2006 के रेट से 2014 में रजिस्ट्री कराके करोड़ों का चूना सरकारी खजाने पर लगाती है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।
सरकार पर लगाया अनदेखी करने का आरोप
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों में सरकार द्वारा उनकी मांग न मानने से रोष है। शिक्षा आचार्यों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है। कैबिनेट के निर्णय के बावजूद शिक्षामित्र के रूप में समायोजन का शासनादेश अभी तक जारी नहीं हो पाया है। शिक्षा आचार्यों का कहना है कि सरकार द्वारा उनकी मांग के समर्थन लगातार आश्वासन दिये जा रहे हंै लेकिन आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है, जिससे रोष बना हुआ है। फरवरी माह में कैबिनेट की बैठक में निर्णय होने के बाद भी आज तक इस संबंध में शासनादेश जारी नहीं किया गया। वर्ष 2008 से एक सूत्रीय समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, जिसमें 1745 शिक्षा आचार्य व अनुदेशक राज्य परियोजना अधिकारी के आदेशानुसार शिक्षा आचार्यों की सेवा समाप्त करने एवं ईजीएस व एआईई सेंटर तत्काल प्रभाव से बंद होने का शासनादेश निर्गत हुआ था। उसके बाद प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षा आचार्य अनुदेशक बेरोजगार हो गये। प्रथम चरण में 1107 शिक्षा आचार्यो, अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमानुसार आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप समायोजन किये जाने की अनुमति प्रक्रिया के अनुसार किये जाने के निर्देश दिये गयेथे, जबकि वर्तमान में अवशेष शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का समायोजन नहीं हो पाया है। उनका कहना है कि इस संबंध में शासनादेश शीघ्र जारी किया जाए।
एक सप्ताह से ओवरहेड टैंक पर चढ़े कर्मियों की चिंता नहीं सरकार को
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। पिछले एक सप्ताह से पेयजल ओवरहेड टैंक पर चढ़े एमपीडब्ल्यू कर्मियों की सरकार को कोई चिंता नहीं है। सरकार व प्रशासन द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। सरकार के इस रवैये से मलेरिया उन्मूलन कर्मियों में गहरा रोष व्याप्त है। स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर चार मलेरिया उन्मूलन कर्मी मंगलवार को आठवें दिन भी सर्वे चैक स्थित पानी के ओवरहेड टैंक पर डटे रहे, सरकार द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है। टैंक पर चढ़े कर्मियों के समर्थन में अन्य एमपीडब्ल्यू कर्मचारी ओवरहेड टैंक के नीचे धरना दे रहे हैं। चार मलेरिया उन्मूलन कर्मी देवानंद, भूपेंद्र पंवार, ललित और बंटी पिछले एक सप्ताह से सर्वे चैक स्थित पेयजल ओवरहेड टैंक पर चढ़े हुए हैं। ओवरहेड टैंक पर चढ़े एमपीडब्ल्यू कर्मचारियों ने मांग पूरी न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। कर्मियों का कहना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अंतर्गत कार्य कर रहे 212 एमपीडब्ल्यू कर्मचारी दुर्गम और अति दुर्गम स्वास्थ्य केंद्रों में अल्प मानदेय में कार्य कर रहे हैं। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार कार्यरत संविदा कर्मचारियों का बजट बंद कर दिया है। पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियमित अथवा संविदा पर नियुक्ति राज्य स्तर से ही की जानी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुरुष के नौ सौ पद रिक्त हैं, जिन्हें सरकार ने मृत घोषित कर दिया है। उन्होंने मांग की कि इन पदों को पुनर्जीवित कर एमपीडब्ल्यू कर्मचारियों को इन पदों पर समायोजित किया जाए।
समिति ने सुनी वेतन विसंगति, ढांचा व सेवा नियमावली की मांगे
देहरादून, 22 सितम्बर (निस)। प्रदेश के राजस्व एवं सिंचाई मंत्री उत्तराखण्ड सरकार यशपाल आर्य की अध्यक्षता में विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विचार-विमर्श करने हेतु सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक आज दूसरे दिन भी विधान सभा में सम्पन्न हुई। जिसमें मंत्री मण्डल उपसमिति के अन्य सदस्य गृह मंत्री प्रीतम सिंह व विधायक डोईवाला हीरा सिंह बिष्ट ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों की विभिन्न मांगों जिनमें वेतन विसंगति, विभागीय ढांचा, सेवा नियमावली में परिर्वतन आदि कई मांगों को सुना गया है। उच्च स्तरीय समिति की बैठक से कई कर्मचारी संगठन आश लगाये बैठे हैं। राजस्व मंत्री जी ने अवगत कराते हुए कहा कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ दो बैठकें पूर्व में की गयी हैं, जिसमें कई सार्थक परिणाम निकले हैं। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा विभिन्न विभागों के सगठनों की मांग को अलग-अलग गम्भीरता से सुना गया। सभी संगठनों की बातों को ध्यान से सुना जा रहा है। उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा जल्द से जल्द वेतन विसंगतियों को दूर किये जाने हेतु भरसक प्रयत्न किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा कोशिस रहेगी कि कर्मचारियों की समस्याओं, वेतन विसंगति को दूर करने हेतु जो भी अनुशंसा होगी वह सरकार को प्रेषित की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी संगठनों को भी मानना चाहिए कि राज्य के संसाधन सीमित हैं, परन्तु फिर भी उनकी औचित्य पूर्ण मांगों को गम्भीरता से सुनने के पश्चात सरकार को कमेटी द्वारा अनुशंसा सहित दी जायेगी। आज उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा संगठन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह के नेतृत्व में संयुक्त परिषद के घटक दल उच्च स्तरीय समिति के सम्मुख वेतन विसंगति व अन्य मांगों को उनके सम्मुख रखा।
उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा आज मान्यता प्राप्त सिंचाई विभाग का मेटसंघ डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, मनोरंजन कर संघ, गन्ना संघ, महिलासशक्तिरण की मुख्य सेविका, पशु पालन संघ, तहसील के राजस्व संघ, संग्रह अमीन सहकारिता, ग्राम विकास प्रशिक्षण संस्थान के प्रचार सहायक, स्वास्थ्य विभाग के नेत्र आप्टोमेटिकस, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के पर्वतन दल, सिपाही एवं सूचना विभाग के सूचना अधिकारी की मांगों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेतृत्व में गम्भीरता से सुना गया। उच्च स्तरीय समिति में अध्यक्ष सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य ने बैठक में आये वित्त एवं कार्मिक विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जितने भी विभागों के वेतन विसंगति के प्रकरण इन दो दिनों में कमेटी के सम्मुख आये हैं। उन प्रकरणों का परीक्षण कर कार्मिक एवं वित्त विभाग बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन में अपना मन्तव्य शीघ्र प्रस्तुत करेंगे। तथा सम्बन्धित विभागों के सचिवों से भी उनकी राय लेते हुए शीघ्रता शीघ्र कमेटी के सम्मुख रखेंगे। जिससे उच्च स्तरीय कमेटी अपनी अनुशंसा के साथ रिर्पोट सरकार को अविलम्ब देगी। बैठक में सचिव वित्त एम.सी.जोशी, अपर सचिव कार्मिक अतर सिंह लोहनी, अनु सचिव कार्मिक अतुल सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, प्रवक्ता राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अरूण पाण्डे एवं विभिन्न विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।

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