मोदी सरकार मेक इन इंडिया के लिए प्रयासरत है। अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि केंद्र सराकर ने नई मंजिल परियोजना के तहत व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए वर्ल्ड बैंक से 700 करोड रूपए का कर्ज मांगा है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक योजना से प्रभावित है और इसे दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में लागू करना चाहता है।
इसके साथ ही नजमा ने यह भी बताया है कि इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में दाखिला भी दिलवाए जाने की बात सामने आई है। नजमा ने यह भी कहा है कि विश्व बैंक से कर्ज की मांग पहले ही की जा चुकी है। इसके अलावा मंत्री ने यह बात भी स्पष्ट की है कि विश्व बैंक को यह योजना भी बहुत ही पसंद आई है और इससे वह खुद भी प्रभावित है। यही नहीं वह जल्द से जल्द इस योजना को दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका में लागू भी करना चाहता है।
जानकारी को जारी रखते हुए नजमा ने यह कहा है कि माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना के अंतर्गत भी करीब 12 करोड लोगों को ना केवल आत्मनिर्भर बनाये जाने पर जोर दिया जाना है बल्कि साथ ही इस योजना के तहत महिलाओं पर भी विशेष रूप से जोर दिया जाना है।

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