पालीगंज से अनवर हुसैन ने किया नामांकन, शामिल हुए माले महासचिव काॅ. दीपंकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 3 अक्टूबर 2015

पालीगंज से अनवर हुसैन ने किया नामांकन, शामिल हुए माले महासचिव काॅ. दीपंकर

  • दीधा विधानसभा से माले उम्मीदवार का रणविजय कुमार ने किया नामांकन
  • 4-5 अक्टूबर को भागलपुर के दौरे पर होंगे माले महासचिव

dipankar bhattacharya
पटना 3 अक्टूबर 2015, पालीगंज विधानसभा से भाकपा-माले उम्मीदवार का. अनवर हुसैन के नामांकन के उपरांत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि सामंती उत्पीड़न व सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली ताकतों को मुकम्मल जबाव देना व उसका खात्मा करना इस विधानसभा चुनाव में हमारा प्रधान लक्ष्य है. इस बार के चुनाव में बिहार के 6 वाम दल संयुक्त रूप से चुनाव के मैदान में हैं और जनता के सवालों पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबके लिये रोजगार, अधिकार व न्याय के सवाल पर लड़ाई को आगे बढ़ाने पर हमारा जोर है. बिहार मंे चल रही दल-बदल, खरीद-फरोख्त, अवसरवाद व भ्रष्टचार की राजनीति चल रही है. सभी शासक पार्टियां बिहार की गरीबी और उसके पिछड़ेपन का रोना रो रही हैं. लेकिन सुखाड़, गरीबी और पिछड़ेपन का मजाक उड़ाते हुए ये पार्टियां भारी-भरकम पैसे लेकर टिकट का बंटवारा कर रही हैं और मतदाताओं को रिझाने के लिए अंधाधुंध तरीके से इस संचित धनबल का इस्तेमाल कर रही हैं. टिकट नहीं मिलने पर इन सभी पार्टियों के विक्षुब्धों द्वारों नैतिकता को ताक पर रखकर किए जा रहे बड़े पैमाने के दल-बदल और उतनी ही अनैतिकता के साथ इन दल-बदलुओं को दूसरी पार्टियों में पनाह देने की परिघटना को भी हम देख रहे हैं. हर सत्ताधरी पार्टी में परिवारवाद का बोलबाला है. इसके खिलाफ वामपंथी ताकतें जनता के सवालों पर चुनाव लड़ रही हैं.

उन्होंने पालीगंज विधानसभा के किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों से क्षेत्र में भाजपा की ही विधायक हैं. लेकिन सोन नहर सिंचित इस क्षेत्र के किसान आज कई समस्याओं से त्रस्त हैं. उनके धान का समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा. सभा को माले उम्मीदवार अनवर हुसैन, राज्य कमिटी सदस्य कमलेश शर्मा आदि ने भी संबोधित किया. काॅ. अमर सहित कई नेता इस मौके पर मौजूद थे.

कल से माले महासचिव का दौरा भागलपुर में
माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य 4-5 अक्टूबर को भागलपुुर के दो विधानसभा क्षेत्रों और समस्तीपुर व साहेबपुर कमाल में माले प्रत्याशी के पक्ष में सभा को संबोधित करेंगे. वहीं पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. कविता कृष्णन नवादा में चुनावी सभाओं को संबोधित कर रही हैं.

दीघा विधानसभा से वामपंथ समर्थित माले के उम्मीदवार काॅ. रणविजय कुमार ने आज अपने नामांकन का पर्चा दाखिल किया. इस मौके पर जेपी चैक से कारगिल चैक तक एक जुलूस भी निकला और कारिगल चैक पर एक सभा आयोजित की गयी. इसमें पार्टी के वरीय नेता पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य शशि यादव, पटना नगर के सचिव काॅ. संतोष सहर, राज्य कमिटी के सदस्य अनीता सिन्हा, अभ्युदय, पार्टी नेता मुर्तजा अली, कर्मचारी नेता रामबली प्रसाद, आइसा के महासचिव संदीप सौराभ, पार्टी नेता काॅ. सत्येन्द्र शर्मा, धर्मेन्द्र, रामकल्याण सिंह, आइसा नेता सुधीर, आकाश, बंटी, संजय, बाबू साहेग, रवि प्रजापति, आलोक, इनौस नेता मनीष कुमार सिंह, ऐपवा नेत्री मधु, केके सिन्हा, पप्पू पासवान, समता प्रसाद, आदि शामिल थे. इनके अलावा निर्माण मजदूरों, कर्मचारियों, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, शहरी गरीबों की भारी गोलबंदी थी. बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संध के जय कुमार मिश्र, नालंदा बिस्कुट कंपनी के सूरजदेव सिंह, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संध के महासचिव दयाशंकर, फकरे आलम, डाॅ. नवल किशोर आदि उपस्थित थे.

नामांकन के उपरांत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य काॅ. शशि यादव ने कहा कि भाजपा और महागठबंधन के लोग नूराकुश्ती कर रहे हैं, लेकिन दोनों की नीतियां एक जैसी है. केंद्र की सरकार और राज्य की सरकार दोनों ठेका-मानेदय की नीति पर चल रही है, जिसमें न तो रोजगार की गारंटी है और न ही सम्मान की. उन्होंने आगे कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हों या आशाकर्मी, सबों की मांग है - 1 हजार में दम नहीं, 15 हजार से कम नहीं. लेकिन इस पर ये दोनों गठबंधन एक शब्द भी नहीं बोल रहे. संतोष सहर ने कहाकि भाकपा-माले आंदोलन की ताकत है, जिसन शहरी जनता के लिए न्याय और विकास की लड़ाई लड़ी है तथा सामंती-अपराधी और लुटेरी ताकतों को पीछे धकेला है. पटना शहर में पिछले कई सालों से भाजपा का कब्जा है, लेकिन शहरी गरीब कभी उसके एजेंडे पर नहीं रहे. शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर शहरी गरीबों को उजाड़ दिया जा रहा है, यहां तक कि अब मध्य वर्ग के लोग भी कई तरह की परेशानियां झेल रहे हैं. 

भाकपा-माले राज्य कमिटी के सदस्य व दीघा विधानसभा के उम्मीदवार रणवजिय कुमार ने कहा कि मोदी व नीतीश सरकार गरीब विरोधी-मजदूर विरोधी है. आज महिलायें व्यापक पैमाने पर ठेका आधारित काम कर रही हैं, लेकिन उनको कहीं कोई सुरक्षा हासिल नहीं है. हमारी प्राथमिकता होगी, इस तबके के स्थायी रेाजगार के लिए संघर्ष को और तेज करना.

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